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थम गए साज, जम गए गीत, कोरोना ने कलाकारों से छीना रोजगार

दुमका में काफी संख्या पेशेवर कलाकार हैं. ये अपने हुनर के माध्यम से आजीविका प्राप्त कर रहे थे, इसी बीच कोरोना काल आ गया, अब 6 माह से इनका रोजगार पूरी तरह से ठप है. इनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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कोरोना ने कलाकारों से छीना रोजगार
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Published : Sep 25, 2020, 6:18 AM IST

दुमकाः मार्च 2020 से पूरे देश सहित झारखंड और दुमका में कोरोना काल की स्थिति है. शुरुआत में तो कई महीने लॉकडाउन रहा उसके बाद अनलॉक. इन छह महीनों में समाज के कई सेक्टर को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. लोगों की आजीविका चली गई , रोजगार के साधन ठप हो गए. इनमें से एक क्षेत्र कला जगत का भी है. हम झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात कर रहे हैं. यहां काफी संख्या पेशेवर कलाकारों की है, ये अपने हुनर के माध्यम से आजीविका प्राप्त कर रहे थे, इसी बीच कोरोना काल आ गया. 6 माह से इनका रोजगार पूरी तरह से ठप है.

देखें पूरी खबर
कला का जौहर दिखाकर प्राप्त करते थे रोजगारदुमका में सैकड़ों ऐसे कलाकार हैं जो अपनी कला का जौहर दिखाकर उससे रोजी-रोटी प्राप्त कर रहे थे. ये कलाकार सरकारी योजनाओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदर्शित करते हैं. किसी भी सरकारी और निजी कार्यक्रम में स्टेज पर अपना परफॉर्मर्स देते हैं और गीत संगीत प्रदर्शित कर कमाई करते हैं. कई लोग ऐसे भी थे जो निजी और सरकारी कार्यक्रम में मंच संचालन करने से उन्हें आमदनी प्राप्त हो जाती थी लेकिन मार्च से ही के जो भी सार्वजनिक कार्यक्रम थे वह बंद हो चुका है जिससे इन कलाकारों का रोजगार भी छिन गया.क्या कहते हैं कलाकारहमने दुमका के कई ऐसे कलाकारों से बात की जिनकी रोजी-रोटी इसको कोरोना ने छीन ली. दुमका में शैली सृजन नामक एक नाट्य अकादमी चलाने वाले नवीन चंद्र ठाकुर बताते हैं कि जो भी सरकारी योजना आती थी, जिला प्रशासन हमें उसके प्रचार प्रसार का काम सौंपता, हमलोग शहर गांव में नुक्कड़ नाटक कर जनजन तक योजना की जानकारी पहुंचाते, जिससे हमें आमदनी होती थी. इसके साथ ही कई तरह के निजी और सरकारी कार्यक्रमों में हम अपना परफॉर्मेंस देते लेकिन इस कोरोना संक्रमण के दौर में सब कुछ बंद है. जिससे हमारी आमदनी पूरी तरह से ठप है, हम कैसे घर चलाएं, कैसे बच्चों की फीस जमा करें यह बड़ी समस्या सामने आ गई है. वो कहते हैं सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं है. वहीं हारमोनियम वादक दिलीप कुमार जो गीत गाकर अपनी पीड़ा सुनाते हैं. वह भी कहते हैं कि स्थिति काफी खराब है, कई जूनियर कलाकार भी है जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं और अपनी कला के माध्यम से कुछ आमदनी भी कर रहे थे उनकी भी आमदनी कोरोना के भेंट चढ़ गई.

इसे भी पढ़ें- दस वर्ष बाद भी नहीं हो सका स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य पूरा, खिलाड़ियों में मायूसी


क्या कहती हैं उपायुक्त
कलाकारों के इस दर्द को लेकर दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि धीरे-धीरे अब सबकुछ सामान्य हो रहा है. जिला प्रशासन जिन कलाकारों के माध्यम से अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करवाती थीं, वह भी धीरे-धीरे शुरू किया जाएगा. कलाकारों के प्रति और हम क्या कुछ कर सकते हैं इससे भी इस पर भी गौर किया जाएगा.

दुमकाः मार्च 2020 से पूरे देश सहित झारखंड और दुमका में कोरोना काल की स्थिति है. शुरुआत में तो कई महीने लॉकडाउन रहा उसके बाद अनलॉक. इन छह महीनों में समाज के कई सेक्टर को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. लोगों की आजीविका चली गई , रोजगार के साधन ठप हो गए. इनमें से एक क्षेत्र कला जगत का भी है. हम झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात कर रहे हैं. यहां काफी संख्या पेशेवर कलाकारों की है, ये अपने हुनर के माध्यम से आजीविका प्राप्त कर रहे थे, इसी बीच कोरोना काल आ गया. 6 माह से इनका रोजगार पूरी तरह से ठप है.

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कला का जौहर दिखाकर प्राप्त करते थे रोजगारदुमका में सैकड़ों ऐसे कलाकार हैं जो अपनी कला का जौहर दिखाकर उससे रोजी-रोटी प्राप्त कर रहे थे. ये कलाकार सरकारी योजनाओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदर्शित करते हैं. किसी भी सरकारी और निजी कार्यक्रम में स्टेज पर अपना परफॉर्मर्स देते हैं और गीत संगीत प्रदर्शित कर कमाई करते हैं. कई लोग ऐसे भी थे जो निजी और सरकारी कार्यक्रम में मंच संचालन करने से उन्हें आमदनी प्राप्त हो जाती थी लेकिन मार्च से ही के जो भी सार्वजनिक कार्यक्रम थे वह बंद हो चुका है जिससे इन कलाकारों का रोजगार भी छिन गया.क्या कहते हैं कलाकारहमने दुमका के कई ऐसे कलाकारों से बात की जिनकी रोजी-रोटी इसको कोरोना ने छीन ली. दुमका में शैली सृजन नामक एक नाट्य अकादमी चलाने वाले नवीन चंद्र ठाकुर बताते हैं कि जो भी सरकारी योजना आती थी, जिला प्रशासन हमें उसके प्रचार प्रसार का काम सौंपता, हमलोग शहर गांव में नुक्कड़ नाटक कर जनजन तक योजना की जानकारी पहुंचाते, जिससे हमें आमदनी होती थी. इसके साथ ही कई तरह के निजी और सरकारी कार्यक्रमों में हम अपना परफॉर्मेंस देते लेकिन इस कोरोना संक्रमण के दौर में सब कुछ बंद है. जिससे हमारी आमदनी पूरी तरह से ठप है, हम कैसे घर चलाएं, कैसे बच्चों की फीस जमा करें यह बड़ी समस्या सामने आ गई है. वो कहते हैं सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं है. वहीं हारमोनियम वादक दिलीप कुमार जो गीत गाकर अपनी पीड़ा सुनाते हैं. वह भी कहते हैं कि स्थिति काफी खराब है, कई जूनियर कलाकार भी है जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं और अपनी कला के माध्यम से कुछ आमदनी भी कर रहे थे उनकी भी आमदनी कोरोना के भेंट चढ़ गई.

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क्या कहती हैं उपायुक्त
कलाकारों के इस दर्द को लेकर दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि धीरे-धीरे अब सबकुछ सामान्य हो रहा है. जिला प्रशासन जिन कलाकारों के माध्यम से अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करवाती थीं, वह भी धीरे-धीरे शुरू किया जाएगा. कलाकारों के प्रति और हम क्या कुछ कर सकते हैं इससे भी इस पर भी गौर किया जाएगा.

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