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दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज, वक्ताओं ने समझाया पुस्तकों का महत्व - राजकीय पुस्तकालय परिसर

दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव (लिटरेचर फेस्टिवल) की शनिवार को शुरुआत हुई. इसमें वक्ताओं ने पुस्तकों का महत्व समझाया.

literature festival in Dumka begins
दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज
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Published : Apr 16, 2022, 9:33 PM IST

दुमका: दुमका में पहली बार दो दिवसीय साहित्य उत्सव (लिटरेचर फेस्टिवल) का आयोजन किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 16 अप्रैल शनिवार को गई. राजकीय पुस्तकालय परिसर में 17 अप्रैल तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के नामी लेखक, कवि, साहित्यकार, उपन्यासकार भाग ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें- लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने भारत का मजाक बनाया : पात्रा

शनिवार को पहले दिन वक्ताओं ने साहित्य को समृद्ध करने में पुस्तकों के महत्व पर अपने विचार रखे.वक्ताओं ने कहा कि हमारा देश हो या विदेशी धरती सभी जगह के साहित्य को अगर समृद्ध करना है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पुस्तकों का अध्ययन करना होगा. पुस्तकों के अध्ययन से हमारे ज्ञान, हमारी सृजनशीलता में बढ़ोतरी होती है. हम ज्यादा गहराई से किसी भी रचना को गढ़ सकते हैं.

देखें पूरी खबर

कार्यक्रम में उपन्यासकार नीलोत्पल मृणाल, साहित्यकार अच्युत चेतन, विख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ और रिसर्चर विक्रम ग्रेवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन से निश्चित तौर पर साहित्य के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा और हमारा साहित्य ज्यादा से ज्यादा समृद्ध होगा.

literature festival in Dumka begins
दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज

समारोह में उपन्यासकार और समालोचक चंद्रहास चौधरी , कथाकार और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रजत उभयकर, साहित्य अकादमी प्राप्त अनुज लुगुन, संथाली साहित्य के महादेव टोप्पो, कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक आदि भाग ले रहे हैं.

literature festival in Dumka begins
दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज

दुमका: दुमका में पहली बार दो दिवसीय साहित्य उत्सव (लिटरेचर फेस्टिवल) का आयोजन किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 16 अप्रैल शनिवार को गई. राजकीय पुस्तकालय परिसर में 17 अप्रैल तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के नामी लेखक, कवि, साहित्यकार, उपन्यासकार भाग ले रहे हैं.

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शनिवार को पहले दिन वक्ताओं ने साहित्य को समृद्ध करने में पुस्तकों के महत्व पर अपने विचार रखे.वक्ताओं ने कहा कि हमारा देश हो या विदेशी धरती सभी जगह के साहित्य को अगर समृद्ध करना है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पुस्तकों का अध्ययन करना होगा. पुस्तकों के अध्ययन से हमारे ज्ञान, हमारी सृजनशीलता में बढ़ोतरी होती है. हम ज्यादा गहराई से किसी भी रचना को गढ़ सकते हैं.

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कार्यक्रम में उपन्यासकार नीलोत्पल मृणाल, साहित्यकार अच्युत चेतन, विख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ और रिसर्चर विक्रम ग्रेवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन से निश्चित तौर पर साहित्य के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा और हमारा साहित्य ज्यादा से ज्यादा समृद्ध होगा.

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दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज

समारोह में उपन्यासकार और समालोचक चंद्रहास चौधरी , कथाकार और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रजत उभयकर, साहित्य अकादमी प्राप्त अनुज लुगुन, संथाली साहित्य के महादेव टोप्पो, कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक आदि भाग ले रहे हैं.

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दुमका में दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आगाज
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