ETV Bharat / state

सरकारी उदासीनता का शिकार बासुकिनाथ होम्योपैथिक अस्पताल, जरूरी संसाधन के अभाव में मरीजों का नहीं हो पा रहा समुचित इलाज

कोरोना महामारी के बाद एक तरफ जहां होम्योपैथ चिकित्सा को बढ़ावा देने के दावे किए गए थे, वहीं बासुकिनाथ मंदिर से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित होम्योपैथिक अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव (Lack Of Resources In Homeopathic Hospital) है. न तो अस्पताल में चिकित्सा कर्मी ही पर्याप्त हैं और न ही जरूरी दवाइयां. यह कुव्यवस्था सिस्टम पर एक सवाल है.

Homeopathic Hospital Basukinath
Homeopathic Hospital Basukinath
author img

By

Published : Jan 7, 2023, 2:16 PM IST

दुमकाः जिले का बासुकिनाथ होम्योपैथिक अस्पताल (Homeopathic Hospital Basukinath) सीमित संसाधन में चल रहा है. इस कारण यहां के मरीजों का यहां समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. अब तक इस अस्पताल को अपडेट करने की न तो जिला प्रशासन ने कोशिश की और न ही सरकार ने. सरकारी उदासीनता का शिकार बासुकीनाथ होम्योपैथिक अस्पताल अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर है.

ये भी पढे़ं-दुमकाः लाखों रुपये की लागत से सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में बनाया गया भवन, बिना इस्तेमाल किए हो गया जर्जर

हेल्थ ऑफिसर समेत कुल तीन कर्मी ही पदस्थापितः बासुकीनाथ के राष्ट्रीय होम्योपैथिक अस्पताल (आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में वर्तमान में एक हेल्थ ऑफिसर, एक कंपाउंडर और एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पदस्थापित हैं. जिले के अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण सीमित संसाधन में यह अस्पताल चल रहा है. यह अस्पताल विश्व प्रसिद्ध बासुकीनाथ धाम मंदिर से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है. जहां स्थानीय लोगों के साथ साथ मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी इस अस्पताल में पहुंचते हैं. लेकिन जरूरी संसाधन नहीं होने से अस्पताल में मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा (Lack Of Resources In Homeopathic Hospital)रहा है.

मंदिर अस्पताल के रूप में विकसित करने की मांगः इस संबंध में राष्ट्रीय होम्योपैथिक अस्पताल में पदस्थापित हेल्थ ऑफिसर डॉ नीलम कुमारी बताती हैं कि अगर कुछ कर्मचारियों के साथ कुछ और औषधि मिल जाए तो हम लोगों को ज्यादा सुविधा दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल को मंदिर अस्पताल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इसका फायदा आने वाले श्रद्धालु भी उठा सकते हैं.

अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांगः वहीं अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं (Basic Facilities Not Available In Hospital) हैं. बता दें कि कई वर्षों से अस्पताल का रंग-रोगन भी नहीं हुआ है. न ही अस्पताल की नियमित सफाई होती है. यहां आने वाले मरीजों का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण अस्पताल के विकास कार्य के लिए आने वाले पैसे का बंदरबांट हो जाती है. क्योंकि अस्पताल में कुछ औषधि के अलावे तीन कर्मचारी ही उपलब्ध हैं. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को चलाने के लिए बड़ी राशि खर्च करता होगा, लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है. वहीं डॉक्टर नीलम कुमारी का कहना है कि हमें संसाधन मिले तभी सही इलाज कर पाएंगे. संसाधन के अभाव में रोगियों का इलाज नहीं कर पाते हैं

दुमकाः जिले का बासुकिनाथ होम्योपैथिक अस्पताल (Homeopathic Hospital Basukinath) सीमित संसाधन में चल रहा है. इस कारण यहां के मरीजों का यहां समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. अब तक इस अस्पताल को अपडेट करने की न तो जिला प्रशासन ने कोशिश की और न ही सरकार ने. सरकारी उदासीनता का शिकार बासुकीनाथ होम्योपैथिक अस्पताल अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर है.

ये भी पढे़ं-दुमकाः लाखों रुपये की लागत से सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में बनाया गया भवन, बिना इस्तेमाल किए हो गया जर्जर

हेल्थ ऑफिसर समेत कुल तीन कर्मी ही पदस्थापितः बासुकीनाथ के राष्ट्रीय होम्योपैथिक अस्पताल (आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में वर्तमान में एक हेल्थ ऑफिसर, एक कंपाउंडर और एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पदस्थापित हैं. जिले के अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण सीमित संसाधन में यह अस्पताल चल रहा है. यह अस्पताल विश्व प्रसिद्ध बासुकीनाथ धाम मंदिर से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है. जहां स्थानीय लोगों के साथ साथ मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी इस अस्पताल में पहुंचते हैं. लेकिन जरूरी संसाधन नहीं होने से अस्पताल में मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा (Lack Of Resources In Homeopathic Hospital)रहा है.

मंदिर अस्पताल के रूप में विकसित करने की मांगः इस संबंध में राष्ट्रीय होम्योपैथिक अस्पताल में पदस्थापित हेल्थ ऑफिसर डॉ नीलम कुमारी बताती हैं कि अगर कुछ कर्मचारियों के साथ कुछ और औषधि मिल जाए तो हम लोगों को ज्यादा सुविधा दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल को मंदिर अस्पताल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इसका फायदा आने वाले श्रद्धालु भी उठा सकते हैं.

अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांगः वहीं अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं (Basic Facilities Not Available In Hospital) हैं. बता दें कि कई वर्षों से अस्पताल का रंग-रोगन भी नहीं हुआ है. न ही अस्पताल की नियमित सफाई होती है. यहां आने वाले मरीजों का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण अस्पताल के विकास कार्य के लिए आने वाले पैसे का बंदरबांट हो जाती है. क्योंकि अस्पताल में कुछ औषधि के अलावे तीन कर्मचारी ही उपलब्ध हैं. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को चलाने के लिए बड़ी राशि खर्च करता होगा, लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है. वहीं डॉक्टर नीलम कुमारी का कहना है कि हमें संसाधन मिले तभी सही इलाज कर पाएंगे. संसाधन के अभाव में रोगियों का इलाज नहीं कर पाते हैं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.