दुमकाः खूबसूरत प्राकृतिक छटा से भरपूर दुमका के कुरूआ पहाड़ को लगभग दो दशक पहले एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया था. इसमें एक वनस्पतिक उद्यान और सृष्टि के नाम से एक पार्क विकसित किया गया था. लेकिन सरकारी रखरखाव के अभाव में आज यह चमक खो चुका है. पहाड़ के ऊपर पर्यटकों के लिए जो बैठक खाना बनाया गया है वह भी जर्जर हो चुका है.
इस कुरूआ पहाड़ की खूबसूरती दुमका, संथालपरगना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी यह आकर्षित करता रहा है. लेकिन अब जो पर्यटक यहां पहुंचते हैं, उनका कहना है कि यहां अब पहले वाली बात नहीं रही. वह सरकार से मांग करते हैं कि सरकार इस पर ध्यान दें. जिससे यहां आना सार्थक हो सके.
क्या कहते हैं पार्क के संचालक
जिला प्रशासन द्वारा इस पार्क को चलाने का जिम्मा स्थानीय लोगों को दिया गया है. उनका कहना है कि अब यहां के बहुत कम लोग ही पहुंचते है और जो लोग पहुंचते हैं, वह यहां से संतुष्ट होकर वापस नहीं जाते. पार्क का मेंटेनेंस करना मुश्किल हो चुका है. वे सरकार की ओर से एक फंड की मांग कर रहे है. जिससे इसे विकसित किया जा सके.
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क्या कहती है झारखंड की मंत्री
कुरुआ पहाड़ की कम होती खूबसूरती को लेकर दुमका की विधायक सह झारखंड की कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी से बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि रखरखाव में कमी आई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह पर्यटन मंत्री से बात कर कोई फंड लाकर इसके विकास का प्रयास करेंगी. दुमका के कुरुआ पहाड़ की खूबसूरती को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो, साथ ही साथ यहां आने वाले पर्यटक को आनंद और सुकून मिल सके.