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दुमका का कुरूआ पहाड़ कभी था खूबसूरती का पर्याय, आज लड़ रहा पहचान की लड़ाई

दुमका का कुरूआ पहाड़ प्रशासन की लापरवाही के सामने दम तोड़ रहा है. कभी प्राकृतिक सौंदर्य के साथ मनलुभावन वातावरण का उदाहरण रहा कुरूआ आज अपनी पहचान खो चुका है. वहीं, इसे लेकर मंत्री लुईस मरांडी ने इसके जीर्णोद्धार का आश्वासन दिया है.

कुरुवा पहाड़ पर्यटक स्थल
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Published : Aug 11, 2019, 5:53 PM IST

दुमकाः खूबसूरत प्राकृतिक छटा से भरपूर दुमका के कुरूआ पहाड़ को लगभग दो दशक पहले एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया था. इसमें एक वनस्पतिक उद्यान और सृष्टि के नाम से एक पार्क विकसित किया गया था. लेकिन सरकारी रखरखाव के अभाव में आज यह चमक खो चुका है. पहाड़ के ऊपर पर्यटकों के लिए जो बैठक खाना बनाया गया है वह भी जर्जर हो चुका है.

देखें स्पेशल स्टोरी
क्या कहते हैं पर्यटक

इस कुरूआ पहाड़ की खूबसूरती दुमका, संथालपरगना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी यह आकर्षित करता रहा है. लेकिन अब जो पर्यटक यहां पहुंचते हैं, उनका कहना है कि यहां अब पहले वाली बात नहीं रही. वह सरकार से मांग करते हैं कि सरकार इस पर ध्यान दें. जिससे यहां आना सार्थक हो सके.

क्या कहते हैं पार्क के संचालक
जिला प्रशासन द्वारा इस पार्क को चलाने का जिम्मा स्थानीय लोगों को दिया गया है. उनका कहना है कि अब यहां के बहुत कम लोग ही पहुंचते है और जो लोग पहुंचते हैं, वह यहां से संतुष्ट होकर वापस नहीं जाते. पार्क का मेंटेनेंस करना मुश्किल हो चुका है. वे सरकार की ओर से एक फंड की मांग कर रहे है. जिससे इसे विकसित किया जा सके.

ये भी पढ़ें- उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का किया शुभारंभ, जताया झारखंड की जनता का आभार

क्या कहती है झारखंड की मंत्री

कुरुआ पहाड़ की कम होती खूबसूरती को लेकर दुमका की विधायक सह झारखंड की कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी से बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि रखरखाव में कमी आई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह पर्यटन मंत्री से बात कर कोई फंड लाकर इसके विकास का प्रयास करेंगी. दुमका के कुरुआ पहाड़ की खूबसूरती को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो, साथ ही साथ यहां आने वाले पर्यटक को आनंद और सुकून मिल सके.

दुमकाः खूबसूरत प्राकृतिक छटा से भरपूर दुमका के कुरूआ पहाड़ को लगभग दो दशक पहले एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया था. इसमें एक वनस्पतिक उद्यान और सृष्टि के नाम से एक पार्क विकसित किया गया था. लेकिन सरकारी रखरखाव के अभाव में आज यह चमक खो चुका है. पहाड़ के ऊपर पर्यटकों के लिए जो बैठक खाना बनाया गया है वह भी जर्जर हो चुका है.

देखें स्पेशल स्टोरी
क्या कहते हैं पर्यटक

इस कुरूआ पहाड़ की खूबसूरती दुमका, संथालपरगना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी यह आकर्षित करता रहा है. लेकिन अब जो पर्यटक यहां पहुंचते हैं, उनका कहना है कि यहां अब पहले वाली बात नहीं रही. वह सरकार से मांग करते हैं कि सरकार इस पर ध्यान दें. जिससे यहां आना सार्थक हो सके.

क्या कहते हैं पार्क के संचालक
जिला प्रशासन द्वारा इस पार्क को चलाने का जिम्मा स्थानीय लोगों को दिया गया है. उनका कहना है कि अब यहां के बहुत कम लोग ही पहुंचते है और जो लोग पहुंचते हैं, वह यहां से संतुष्ट होकर वापस नहीं जाते. पार्क का मेंटेनेंस करना मुश्किल हो चुका है. वे सरकार की ओर से एक फंड की मांग कर रहे है. जिससे इसे विकसित किया जा सके.

ये भी पढ़ें- उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का किया शुभारंभ, जताया झारखंड की जनता का आभार

क्या कहती है झारखंड की मंत्री

कुरुआ पहाड़ की कम होती खूबसूरती को लेकर दुमका की विधायक सह झारखंड की कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी से बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि रखरखाव में कमी आई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह पर्यटन मंत्री से बात कर कोई फंड लाकर इसके विकास का प्रयास करेंगी. दुमका के कुरुआ पहाड़ की खूबसूरती को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो, साथ ही साथ यहां आने वाले पर्यटक को आनंद और सुकून मिल सके.

Intro:दुमका -
खूबसूरत प्राकृतिक छटा से भरपूर दुमका के कुरुआ पहाड़ को लगभग दो दशक पहले एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया था । इसमें एक वानस्पतिक उद्यान और सृष्टि के नाम से एक पार्क विकसित किया गया था । लेकिन सरकारी रखरखाव के अभाव में आज यह चमक हो चुका है । पहाड़ के ऊपर पर्यटकों के लिए जो बैठकखाने बनाए गए वे जर्जर हो चुके हैं । चारों ओर गंदगी पसरा नजर आता है । पालतू मवेशी विचरण करते नजर आते हैं ।


Body:क्या कहते हैं पर्यटक ।
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इस कुरवा पहाड़ की खूबसूरती दुमका , संथालपरगना तक ही सीमित नहीं है बल्कि झारखंड ,बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी यह आकर्षित करते रहा है । लेकिन अब जो पर्यटक यहां पहुंचते हैं उनका कहना है कि "अब पहले वाली बात नहीं रही " ।वह सरकार से मांग करते हैं कि सरकार इस पर ध्यान दें ताकि हमारा यहां आना सार्थक हो ।

बाईट - रंजीत सिंह ,पर्यटक, मुजफ्फरपुर

क्या कहते हैं पार्क के संचालक ।
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जिला प्रशासन के द्वारा इस पार्क को चलाने का जिम्मा स्थानीय लोगों को दिया गया है । उनका कहना है कि अब यहां के बहुत कम लोग ही पहुंचते हैं और जो लोग पहुंचते हैं वह यहां से संतुष्ट होकर वापस नहीं जाते । पार्क का मेंटेनेंस करना मुश्किल हो चुका है । वे सरकार की ओर से एक फंड की मांग कर रहे हैं ताकि इसे विकसित किया जा सके ।
बाईट - उज्जवल , देखरेख कर्ता


Conclusion:क्या करती है झारखंड की मंत्री ।
कुरुआ पहाड़ की कम होती खूबसूरती को लेकर जब हमने दुमका की विधायक सह झारखंड की कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी से बात की तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि रखरखाव में कमी आई है । उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह पर्यटन मंत्री से बात कर कोई फंड लाकर इस इसके विकास का प्रयास करेंगी ।

फाईनल वीओ - दुमका के कुरुआ पहाड़ की खूबसूरती को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो । साथ ही साथ यहां आने वाले पर्यटक को आनंद और सुकून मिल सके ।
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