दुमका: 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग और 60 40 नियोजन नीति के विरोध को लेकर छात्र संगठनों के द्वारा बुलाए गए दो दिवसीय झारखंड बंद का उपराजधानी दुमका में व्यापक असर आज भी देखने को मिल रहा है. सड़कों पर वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप कर दिया गया है.
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हालांकि छात्र दो पहिया वाहन को आने जाने की इजाजत दे रहे हैं. साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे, दुमका पाकुड़, और दुमका बीरभूम मार्ग पर भारी वाहनों की लंबी कतार देखी जा रही है. जहां तक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खुले रहने की बात है तो दुमका में रविवार को साप्ताहिक बंद रहता है. ऐसे में किसी संगठन के द्वारा बाजार बंद रखने या खुला रखने का कोई मतलब नहीं रहता. इसलिए संगठनों ने इस पर जोर भी नहीं दिया.
क्या कहते हैं छात्र नेता: सड़कों पर छात्र अभी भी जुटे हुए हैं और हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. दुमका छात्र समन्वय समिति के अध्यक्ष श्यामदेव हेंब्रम का कहना है कि हेमंत सरकार ने हमें धोखा देने का काम किया है. यहां बाहरी लोगों को नौकरी देने का प्रयास किया जा रहा है जो हम लोग होने नहीं देंगे. उनका कहना है कि अगर झारखंड सरकार झारखंडी आदिवासियों और मूलवासियों को उनका हक नहीं देती है तो इस तरह के आंदोलन लगातार जारी रहेंगे.
बता दें कि 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति लागू करने की मांग और 60-40 नियोजन नीति के विरोध में छात्र संगठनों ने दो दिन का झारखंड बंद बुलाया है. इसके तहत कल यानी 10 जून को बंद कराने के बाद छात्र फिर आज सड़क पर उतरे हैं. इसी के तहत सभी जिलों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.