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विश्व पर्यावरण दिवस: दुमका में होटल और रेस्टोरेंट फैला रहे हैं प्रदूषण, नोटिस देने के बाद भी नहीं हुए सचेत

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Published : Jun 5, 2021, 10:40 PM IST

दुमका में आज भी कई ऐसे होटल है जो पर्यावरण की फिक्र नहीं कर रहे हैं. रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं लेकिन अब रेस्टोरेंट वालों को संचालन समिति प्रमाणपत्र लेना होगा.

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होटल और रेस्टोरेंट फैला रहे हैं प्रदूषण

दुमका: आज विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण को स्वच्छ रखा जाए, प्रदूषण रहित रखा जाए, यह समाज के सभी का दायित्व है लेकिन दुमका के होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े लोगों को इससे कोई लेना-देना नहीं है. प्रदूषण अगर फैल रहा है तो कोई परवाह नहीं इसके विपरीत ये व्यवसायी जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने नोटिस भी थमाया है लेकिन उनमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने रोपे पौधे, दूसरे लोगों से भी की पौधरोपण की अपील

क्या कहते हैं पदाधिकारी

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय अधिकारी कमलाकांत पाठक ने जानकारी दी कि सभी होटल और रेस्टोरेंट को अपने किचन में प्रॉपर वेंटिलेशन की व्यवस्था करनी है. सही ढंग से चिमनी लगाना है. कम प्रदूषण फैलाने वाले इंधन का प्रयोग करना है. होटल का पानी सीधे बाहरी नाले में नहीं डालना है, बल्कि उसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाना है. ध्वनि प्रदूषण ना हो इसके लिए साइलेंट डीजी सेट लगाना है.

विभाग ने भेजा नोटिस

प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अधिकारी कमलाकांत पाठक ने बताया कि जिले के कई होटल और रेस्टोरेंट को नोटिस भेजा गया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें और इसे लेकर जो विभागीय प्रमाण पत्र लेना है उसे प्राप्त करें. उन्होंने बताया कि कई होटल को नोटिस तो किया गया लेकिन उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई सिर्फ झारखंड पर्यटन विभाग के एक होटल ने प्रमाण पत्र के लिए एप्लीकेशन दिया है.

पाठक ने कहा कि सभी होटल को संचालन के लिए संचालन समिति प्रमाण पत्र ( CTO कंसेंट टू ऑपरेट ) लेना अनिवार्य कर दिया गया है. अब नये नियम में होटल खोलने से पहले प्रदूषण विभाग से अनुमति लेनी होगी.

दुमका: आज विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण को स्वच्छ रखा जाए, प्रदूषण रहित रखा जाए, यह समाज के सभी का दायित्व है लेकिन दुमका के होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े लोगों को इससे कोई लेना-देना नहीं है. प्रदूषण अगर फैल रहा है तो कोई परवाह नहीं इसके विपरीत ये व्यवसायी जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने नोटिस भी थमाया है लेकिन उनमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है.

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क्या कहते हैं पदाधिकारी

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय अधिकारी कमलाकांत पाठक ने जानकारी दी कि सभी होटल और रेस्टोरेंट को अपने किचन में प्रॉपर वेंटिलेशन की व्यवस्था करनी है. सही ढंग से चिमनी लगाना है. कम प्रदूषण फैलाने वाले इंधन का प्रयोग करना है. होटल का पानी सीधे बाहरी नाले में नहीं डालना है, बल्कि उसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाना है. ध्वनि प्रदूषण ना हो इसके लिए साइलेंट डीजी सेट लगाना है.

विभाग ने भेजा नोटिस

प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अधिकारी कमलाकांत पाठक ने बताया कि जिले के कई होटल और रेस्टोरेंट को नोटिस भेजा गया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें और इसे लेकर जो विभागीय प्रमाण पत्र लेना है उसे प्राप्त करें. उन्होंने बताया कि कई होटल को नोटिस तो किया गया लेकिन उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई सिर्फ झारखंड पर्यटन विभाग के एक होटल ने प्रमाण पत्र के लिए एप्लीकेशन दिया है.

पाठक ने कहा कि सभी होटल को संचालन के लिए संचालन समिति प्रमाण पत्र ( CTO कंसेंट टू ऑपरेट ) लेना अनिवार्य कर दिया गया है. अब नये नियम में होटल खोलने से पहले प्रदूषण विभाग से अनुमति लेनी होगी.

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