ETV Bharat / state

धरातल पर उतरने से पहले ही राज्य सरकार की योजना हुई फेल, धूमिल हो गए सपने - दुमका न्यूज

सरकार लगातार हुनरमंदों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चला रही है. दुमका के जामा प्रखंड में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शगुन सूतम योजना की शुरुआत की गई, लेकिन बिजली की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण यह योजना पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर पाई. राज्य सरकार ने लगभग बीस लाख की लागत से इस योजना की शुरुआत करवाई थी.

धूल फांकती सरकारी योजना
author img

By

Published : Jun 23, 2019, 9:07 AM IST

Updated : Jun 23, 2019, 9:33 AM IST

दुमका: केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों लगातार हुनरमंदों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चला रही है. 2018 में रघुवर सरकार ने दुमका जिले के जामा प्रखंड के भैरवपुर गांव में शगुन सूतम नामक योजना की शु्रुआत की गई थी, लेकिन अभी यह योजना बिजली की वजह से चरमरा गई है.

देखें पूरी खबर

इस योजना में सरकार द्वारा लगभग बीस लाख के सिलाई कढ़ाई से जुड़े उपकरण लगाए गए थे, सभी मशीनें बिजली से चलाई जाती थी. योजनाओं की शुरुआत के समय तो जैसे- तैसे महिलाओं को प्रशिक्षण दे दिया गया, उसके बाद से बिजली व्यवस्ता पूरी तरह चरमरा गई. सरकार के द्वारा प्रशिक्षण केन्द्रों को कपड़ा भी जितना उपलब्ध कराना था वह नहीं कराया गया, नतीजा यह हुआ कि योजना धरातल पर उतरने से पहले ही खत्म हो गई.

प्रशिक्षण केन्द्र के शुरू होने से महिलाएं काफी उत्साहित थी कि अब वो स्वावलम्बी बन सकेंगी, दो पैसों की आमदनी होगी, तो बाल बच्चों का लालन पालन, पढ़ाई-लिखाई अच्छे ढंग से हो सकेगा. लेकिन चरमराती बिजली व्यवस्था के कारण इन सभी महिलाओं के सपने फिलहाल धूमिल हो गए हैं.

इस संबंध में जामा के बीडीओ साधु चरण देवगम ने कहा कि अभी तक यह योजना सही ढंग से धरातल पर नहीं उतर सकी है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि योजनाओं को सही तरीके से चलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.

दुमका: केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों लगातार हुनरमंदों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चला रही है. 2018 में रघुवर सरकार ने दुमका जिले के जामा प्रखंड के भैरवपुर गांव में शगुन सूतम नामक योजना की शु्रुआत की गई थी, लेकिन अभी यह योजना बिजली की वजह से चरमरा गई है.

देखें पूरी खबर

इस योजना में सरकार द्वारा लगभग बीस लाख के सिलाई कढ़ाई से जुड़े उपकरण लगाए गए थे, सभी मशीनें बिजली से चलाई जाती थी. योजनाओं की शुरुआत के समय तो जैसे- तैसे महिलाओं को प्रशिक्षण दे दिया गया, उसके बाद से बिजली व्यवस्ता पूरी तरह चरमरा गई. सरकार के द्वारा प्रशिक्षण केन्द्रों को कपड़ा भी जितना उपलब्ध कराना था वह नहीं कराया गया, नतीजा यह हुआ कि योजना धरातल पर उतरने से पहले ही खत्म हो गई.

प्रशिक्षण केन्द्र के शुरू होने से महिलाएं काफी उत्साहित थी कि अब वो स्वावलम्बी बन सकेंगी, दो पैसों की आमदनी होगी, तो बाल बच्चों का लालन पालन, पढ़ाई-लिखाई अच्छे ढंग से हो सकेगा. लेकिन चरमराती बिजली व्यवस्था के कारण इन सभी महिलाओं के सपने फिलहाल धूमिल हो गए हैं.

इस संबंध में जामा के बीडीओ साधु चरण देवगम ने कहा कि अभी तक यह योजना सही ढंग से धरातल पर नहीं उतर सकी है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि योजनाओं को सही तरीके से चलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.

Intro:दुमका - केन्द्र हो या राज्य सरकार सभी की लगातार योजना यह रही है कि लोगों को हुनरमंद बनाकर उसे रोजगार उपलब्ध कराया ताकि वे आत्मनिर्भर बने । इसी तरह की सोच के साथ पिछले वर्ष सीएम रघुवर दास ने दुमका जिले के जामा प्रखण्ड के भैरवपुर गाँव में शगुन सूतम नामक योजना शुरू की । योजना के तहत गांव की महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर उनसे सरकारी स्कूल का ड्रेस सिलाई कराना था । सरकार का भी काम होता और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलता और वे आत्मनिर्भर बनती ।


Body:योजना रह गई आधी अधूरी ।
------------------------------------
इस योजना मे सरकार द्वारा करीब बीस लाख के सिलाई कढ़ाई से जुड़े उपकरण लगाए गए । ये मशीने बिजली से संचालित थी । शुरू के महीनों में प्रशिक्षण का काम तो जैसे तैसे पूरा हुआ उसके बाद केन्द्र की विद्युत व्यवस्था चरमरा गई । इधर कपड़ा भी जितना उपलब्ध कराना था वह नहीं कराया गया । नतीजा यह हुआ कि सारी योजना धरी की धरी रह गई ।

महिलाये हैं निराश , कहती हैं दुरुस्त हो सारी व्यवस्था ।
-----------------------------------------------------
यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलायें काफी उत्साहित थी कि वे अब स्वालम्बी बनेगी , दो पैसे आमदनी होगा तो बाल बच्चों का लालन पालन , पढाई लिखाई अच्छे ढंग से होगा । लेकिन सब कुछ आधा अधूरा में रुक गया । विद्युत की लचर व्यवस्था से मशीन ही नहीं चलता । प्रारंभ में महज तीस बच्चों का ड्रेस सिलने का काम और कपड़ा आया फिर कुछ भी नहीं । वे कहती हैं हमारे भविष्य को बेहतर करने केलिए सब दुरुस्त हो ।

बाईट - बबिता , ग्रामीण
बाईट - रेणु , ग्रामीण
बाईट -


Conclusion:क्या कहते हैं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ।
----------------------------------
इस संबंध में जामा के बीडीओ साधु चरण देवगम का कहना है कि अभी तक यह योजना सही ढंग से धरातल पर नहीं उतरी है । वे कहते हैं सबकुछ सही हो इसके लिए प्रयास हो रहा है ।

बाईट - साधु चरण देवगम , बीडीओ , जामा प्रखण्ड ।

फाईनल वीओ - किसी भी योजना को पूर्ण करने के लिए सही मॉनिटरिंग की जरूरत होती है लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हुआ और प्रशासन अब तक गोल करने में असफल रहा है । ग्रामीण महिलाओं के सपने थे कि वे रोजगार से जुड़ेगी अब तके यह सपना अधूरा है ।
मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका

सर , यह खबर रेडी टू एयर फॉर्मेट में भेजे हैं ।
Last Updated : Jun 23, 2019, 9:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.