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इज्जत घर पर ताला! संथालपरगना महिला महाविद्यालय की दुर्दशा, MLA फंड से बना बाथरूम चार साल से है बंद - शौचालय की कमी से छात्राएं परेशान

शौचालय या यूं कहें इज्जत घर, जो एक स्वच्छ सोच को दर्शाती है. लेकिन दुमका में महिला महाविद्यालय में शौचालय की कमी से छात्राएं परेशान हैं. एमएलए फंड से चार वर्ष पूर्व बनाए गए टॉयलेट्स में ताला लटका है. महिला कॉलेज की इस दुर्दशा को आखिर क्या कहा जाए.

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महिला महाविद्यालय में शौचालय की कमी
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Published : May 20, 2022, 9:26 AM IST

दुमकाः जिला के संथाल परगना महिला महाविद्यालय में शौचालय की कमी से छात्राएं परेशान हैं. इस कमी को देखते हुए 4 वर्ष पूर्व दुमका की तत्कालीन विधायक डॉ. लुईस मरांडी ने अपने एमएलए फंड से एक शौचालय का निर्माण भी करवाया. लेकिन निर्माण के बाद से ही उसमें ताला लटका हुआ है. निर्माण तो करा दिया गया लेकिन इसका इस्तेमाल आज तक नहीं शुरू किया गया. अब इस इज्जत घर पर ताला लटक रहा है. जिससे यहां पढ़ने वाली छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

केंद्र या राज्य सरकार सांसद और विधायक को इसलिए फंड दिए देती है ताकि वो अपने विवेकानुसार और लोगों की मांग पर योजना बनाकर उस राशि का जनहित के कार्यों में खर्च करे. लेकिन जिस योजना पर यह फंड खर्च किया गया, उसका लाभ जरूरतमंदों को मिला या नहीं शायद वो इसकी मॉनिटरिंग नहीं करते. इसका बड़ा उदाहरण दुमका के संथाल परगना महिला महाविद्यालय में देखा जा सकता है.

देखें पूरी खबर

यहां छात्राओं की संख्या के हिसाब से शौचालय की संख्या काफी कम है. इसकी जानकारी पाकर दुमका की तात्कालीन विधायक डॉ. लुईस मरांडी ने लगभग 4 वर्ष पूर्व अपने एमएलए फंड से लाखों की राशि से एक टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया. निर्माण कार्य पूरा तो हो गया लेकिन आज तक ये टॉयलेटस चालू ही नहीं हुए. इसके मुख्य दरवाजे पर आज भी ताला लटका नजर आता है. साथ ही बिना इस्तेमाल के ही अब यह खराब हो रहा है.

Girls upset due to lack of toilets in womens college in Dumka
शौचालय में लटका ताला

क्या कहती है कॉलेज छात्राएंः ईटीवी भारत ने महिला महाविद्यालय की कुछ छात्राओं से बात की. उन्होंने बताया कि निर्माण के बाद से ही इस टॉयलेट्स में ताला लगा हुआ है. शौचालय के बंद रहने से उन्हें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. इसे चालू कराने की मांग को लेकर जिला प्रशासन से फरियाद भी की गयी लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

Girls upset due to lack of toilets in womens college in Dumka
चार साल से बंद है टायलेट्स

क्या कहती हैं प्रिंसिपलः इस पूरे मामले पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा कहती हैं कि कॉलेज में टॉयलेट के बंद रहने से छात्राओं को परेशानी होती है. वो कहती हैं कि चूंकि यह टॉयलेट एमएलए फंड से बना है इसलिए कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इसे चालू कराया जाए. वो कहती हैं कि छात्राओं के हित में इसे जल्द चालू कराना काफी आवश्यक है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

दुमकाः जिला के संथाल परगना महिला महाविद्यालय में शौचालय की कमी से छात्राएं परेशान हैं. इस कमी को देखते हुए 4 वर्ष पूर्व दुमका की तत्कालीन विधायक डॉ. लुईस मरांडी ने अपने एमएलए फंड से एक शौचालय का निर्माण भी करवाया. लेकिन निर्माण के बाद से ही उसमें ताला लटका हुआ है. निर्माण तो करा दिया गया लेकिन इसका इस्तेमाल आज तक नहीं शुरू किया गया. अब इस इज्जत घर पर ताला लटक रहा है. जिससे यहां पढ़ने वाली छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

केंद्र या राज्य सरकार सांसद और विधायक को इसलिए फंड दिए देती है ताकि वो अपने विवेकानुसार और लोगों की मांग पर योजना बनाकर उस राशि का जनहित के कार्यों में खर्च करे. लेकिन जिस योजना पर यह फंड खर्च किया गया, उसका लाभ जरूरतमंदों को मिला या नहीं शायद वो इसकी मॉनिटरिंग नहीं करते. इसका बड़ा उदाहरण दुमका के संथाल परगना महिला महाविद्यालय में देखा जा सकता है.

देखें पूरी खबर

यहां छात्राओं की संख्या के हिसाब से शौचालय की संख्या काफी कम है. इसकी जानकारी पाकर दुमका की तात्कालीन विधायक डॉ. लुईस मरांडी ने लगभग 4 वर्ष पूर्व अपने एमएलए फंड से लाखों की राशि से एक टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया. निर्माण कार्य पूरा तो हो गया लेकिन आज तक ये टॉयलेटस चालू ही नहीं हुए. इसके मुख्य दरवाजे पर आज भी ताला लटका नजर आता है. साथ ही बिना इस्तेमाल के ही अब यह खराब हो रहा है.

Girls upset due to lack of toilets in womens college in Dumka
शौचालय में लटका ताला

क्या कहती है कॉलेज छात्राएंः ईटीवी भारत ने महिला महाविद्यालय की कुछ छात्राओं से बात की. उन्होंने बताया कि निर्माण के बाद से ही इस टॉयलेट्स में ताला लगा हुआ है. शौचालय के बंद रहने से उन्हें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. इसे चालू कराने की मांग को लेकर जिला प्रशासन से फरियाद भी की गयी लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

Girls upset due to lack of toilets in womens college in Dumka
चार साल से बंद है टायलेट्स

क्या कहती हैं प्रिंसिपलः इस पूरे मामले पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा कहती हैं कि कॉलेज में टॉयलेट के बंद रहने से छात्राओं को परेशानी होती है. वो कहती हैं कि चूंकि यह टॉयलेट एमएलए फंड से बना है इसलिए कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इसे चालू कराया जाए. वो कहती हैं कि छात्राओं के हित में इसे जल्द चालू कराना काफी आवश्यक है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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