दुमका: बिना अनुमति के 500 से अधिक पेड़ काटने के आरोप में रेलवे के अधिकारियों पर वन विभाग ने मुकदमा कर दिया है. दरअसल, कुरुआ रेलवे स्टेशन के पास कोल डंपिंग यार्ड बनना है. इसके लिए स्टेशन के पास वन विभाग द्वारा लगाए गए 500 से अधिक पेड़ काट दिए गए. इस मामले में डंपिंग यार्ड का निर्माण कराने वाली कंपनी बीजीआर के अधिकारियों पर भी केस हुआ है. यह जानकारी दुमका के डीएफओ सात्विक ने दी.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, दुमका जिले के कुरुआ रेलवे स्टेशन के पास कोल डंपिंग यार्ड बनाने की अनुमति मिली है. काम का जिम्मा बीजीआर कंपनी को मिला है. कंपनी के द्वारा डंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है. इसी सिलसिले में स्टेशन और स्टेशन के आसपास वन विभाग के द्वारा चार वर्ष पूर्व जो वृक्षारोपण किए गए थे, उसमें लगभग 542 पेड़ काट दिये गए. इन पेड़ों में कुछ इमारती तो कुछ फलदार वृक्ष जैसे सागवान, महुगनी, अर्जुन, आम, जामुन के पेड़ शामिल हैं.
बड़ी बात ये है कि इन पेड़ों को काटने के लिए किसी तरह की कोई भी अनुमति वन विभाग के द्वारा नहीं ली गई थी. बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई का मामला जैसे ही वन विभाग को मिला. वन विभाग के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लगाए गए वृक्षों के नुकसान का जायजा लिया. मामले को गंभीर समझते हुए दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी सात्विक ने तत्काल एफआईआर करने का निर्देश दिया.
रेलवे अधिकारियों और निर्माण करा रही कंपनी पर एफआईआर: वृक्षों की कटाई और वन विभाग द्वारा किए गए एफआईआर की जानकारी देते हुए दुमका वन प्रमंडल पदाधिकारी सात्विक ने कहा कि बिना अनुमति के लगभग 500 पेड़ काट दिए गए. इसे लेकर हमारी ओर से रेलवे और निर्माण कंपनी बीजीआर के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और उस अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.