दुमका: जरमुंडी बाजार स्थित पुराने अस्पताल में अचानक आग लग जाने से स्टोर रूम में रखी लाखों रुपये की दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर जलकर राख हो गये. अगलगी की घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है. सूचना मिलने पर जरमुंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दुमका से फायर ब्रिगेड की टीम बुलाकर आग पर काबू पाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि 6 महीने पहले इस पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बासुकीनाथ में बने नए भवन में शिफ्ट कर बंद कर दिया गया है. कुछ दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर अभी भी पुराने अस्पताल में रखे हुए थे, जो अगलगी की इस घटना में जलकर स्वाहा हो गया. लोगों का कहना है कि विभागीय लापरवाही और सुनियोजित तरीके से इसमें आग लगाई गई है, जो जांच करने के बाद पता चल जाएगा.
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विभागीय लापरवाही का आरोप: वहीं नगर पंचायत की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि अगलगी की इस घटना से लाखों रुपए के जीवन रक्षक दवाइयां नष्ट हो गई, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. इन दवाइयों से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी. लेकिन बंद पड़े अस्पताल में इन जीवन रक्षक दवाइयों को रखना साफ तौर पर विभागीय लापरवाही नजर आ रही है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने बासुकीनाथ में फायर बिग्रेड टीम की एक यूनिट की स्थापना की मांग की. उन्होंने कहा कि अग्निशमन की टीम अगर बासुकीनाथ में रहती तो समय रहते आग पर काबू पाया जा सकता था और दवाइयां और अन्य कागजातों को समय रहते आग से बचाया जा सकता था.
नगर पंचायत अध्यक्ष पूनम देवी ने कहा कि यह देखने से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही नजर आ रही है. महत्वपूर्ण कागजातों को सही से नहीं रखा गया था, लग रहा है स्वास्थ्य विभाग द्वारा घोटाला छुपाने के लिए ही आग लगवायी गई है. वहीं पूछने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ रमेश कुमार ने बताया कि हम अभी बाहर हैं, जाकर पता लगाएंगे कि आग कैसे लगी. आग लगने की मुझे अभी सूचना मिली है.