दुमका: एक मां अपने बेटे को जन्म देने और उसे बड़ा करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है. अगर परिस्थिति कठिन भी हो तो उसका सामना करते वह अपने जिगर के टुकड़े को पाल पोसकर बड़ा करती है. लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है कि पूत कपूत निकल जाता है और अपनी मां के साथ अत्याचार करता है, बर्बरतापूर्ण व्यवहार करता है. मां बूढ़ी हो जाती है तो उसका पुत्र उस पर जुल्म ढाता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला दुमका में, जहां एक बूढ़ी महिला उसके बेटे ने इतना मारा कि उसका पैर टूट गया. अब अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो जाने के बाद भी वह अपने पुत्र के डर से वापस घर नहीं जाना चाहती है.
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क्या है पूरा मामला: जब कोई मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचता है तो मरीज और उसके परिजन दोनों यही चाहते हैं कि वह जल्दी ठीक होकर वापस अपने घर लौट जाए. पर दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग 70 साल की बुजुर्ग महिला जानकी देवी जिसका ठीक होने के बाद अपने घर वापस नहीं जाना चाहती है. उसके बेटे में पिटाई कर उसका पैर तोड़ दिया था. अब महिला को डर है कि अगर वह फिर से घर गई तो उसका बेटा उससे मारपीट करेगा. वह हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है कि उसे अस्पताल में ही रहने दिया जाए.
बुजुर्ग महिला का पोता कर रहा देखभाल: अस्पताल में बुजुर्ग महिला का पोता जियालाल साह उसकी सेवा कर रहा है. उसने बताया कि उसकी मां बचपन में ही गुजर चुकी है. पिताजी शराबी हैं, वह अक्सर दादी से रुपये की मांग करते हैं और मारपीट किया करते हैं. यहां तक कि दादी को जो पेंशन मिलता है वह भी छीन लेते हैं. जियालल ने बताया कि उसके यहां देखभाग करने से भी उसके पिता नाराज होते हैं और उसके साथ मारपीट करते हैं.
क्या कहते हैं चिकित्साकर्मी: जानकी देवी का पैर लगभग दो माह पूर्व टूट गया था. इलाज के बाद अब वह बिल्कुल ठीक है. उसका इलाज कर रहे फिजियोथैरेपिस्ट प्रशांत कुमार कहते हैं कि यह ठीक हो चुकीं हैं और वापस अपने घर जा सकती हैं.