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झारखंड में कैसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था, संथाल परगना के 6 जिलों में 4 अधिकारियों की पोस्टिंग

झारखंड में सिस्टम किसी धक्का मार गाड़ी की तरह ही चल रही है. संथाल परगना में शिक्षा विभाग को इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता कि किसी पद पर कोई नियुक्त है या नहीं. यहां एक तो कई पद खाली हैं, दूसरे किसी पद पर कोई नियुक्त भी है तो उसे अलग से इतनी जिम्मेदारी दे दी गई है कि शायद ही वो ढंग से काम कर सके.

eight posts of education department are vacant
eight posts of education department are vacant
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Published : May 5, 2022, 8:21 AM IST

Updated : May 5, 2022, 9:37 AM IST

दुमकाः झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को लाख दुरुस्त करने का दावा करें पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. संथाल परगना प्रमंडल में शिक्षा विभाग का रवैया बिल्कुल ही उदासीन है. इस प्रमंडल में शिक्षा विभाग के सबसे वरीय पदाधिकारी का पद क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ( RDDE ) का है, जिस पर पिछले डेढ़ वर्षो से किसी की पोस्टिंग नहीं हुई है. वहीं प्रमंडल के छह जिले में 12 पद जिला शिक्षा अधिकारी ( DEO) और जिला शिक्षा अधीक्षक ( DSE ) के हैं , जिसमें सिर्फ चार पदाधिकारी पदस्थापित है. सबसे खराब स्थिति दुमका जिला की है जहां जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक दोनों पद पूरी तरह से रिक्त है, मतलब कोई भी अधिकारी इनमें अतिरिक्त प्रभार में भी नहीं है.

क्या है प्रमंडल के छह जिलों में शिक्षा पदाधिकारियों की स्थितिः संथाल परगना प्रमंडल में के 6 जिले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की स्थिति इस प्रकार है.

जिला DEODSE
दुमका रिक्त रिक्त
देवघर रिक्त पदस्थापित
गोड्डा रिक्त रिक्त
पाकुड़पदस्थापित पदस्थापित
जामताड़ा पदास्थापित रिक्त
साहेबगंजरिक्त रिक्त


शिक्षा विभाग की अनोखी कार्यशैली , रजनी देवी के जिम्मे आधा दर्जन पद वह भी चार जिलों मेंः संथाल परगना प्रमण्डल में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (RDDE) जो पूरे प्रमंडल के सबसे वरीय अधिकारी होते हैं उस पद पर लास्ट पोस्टिंग राजकुमार सिंह की थी जो सितंबर 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद किसी की रेगुलर पोस्टिंग नहीं हुई. पाकुड़ जिला की जिला शिक्षा अधिकारी रजनी देवी को RDDE का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. हालांकि रजनी दे वी इसके अतिरिक्त लगभग आधा दर्जन पद पर प्रभारी के तौर पर काम कर रही हैं. उनकी पोस्टिंग पाकुड़ जिला की जिला शिक्षा अधिकारी के तौर पर हुई है. इसके अतिरिक्त उन्हें गोड्डा जिला के DEO और DSE दोनों का पदभार मिला हुआ है. इतना ही नहीं वह गोड्डा जिले के गुम्मा में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की प्रिंसिपल है. इसके साथ ही देवघर के B.Ed कॉलेज की भी प्रशासनिक पदाधिकारी है. इसके साथ ही दुमका RDDE कार्यालय से ज्ञात हुआ कि वे शिक्षा विभाग के अनुमंडल स्तर के भी पद पर कार्यरत है. मतलब रजनी देवी की पोस्टिंग तो पाकुड़ जिले में है पर उसे पाकुड़, दुमका , गोड्डा और देवघर जिला के शिक्षा विभाग के अलग अलग पदों को संभालना पड़ रहा है. ऐसे में यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह इन सभी पदों पर के साथ कितना न्याय कर पाती होंगी.

देखें पूरी खबर
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO)के भी अधिकांश पड़ रिक्तः जिलास्तर के पदाधिकारियों के साथ साथ प्रखंडों में भी शिक्षा विभाग के अधिकारी की संख्या नगण्य हैं. स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO) के पद हैं इसमें भी अधिकारियों की काफी कमी है. पूरे प्रमंडल में चार दर्जन BEEO के पद हैं जिसमें आधे से अधिक पद रिक्त हैं. क्या कहते हैं लोगः इस संबंध में हमने स्थानीय लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो पठन-पाठन कैसे सुचारु रुप से रहेगा. स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर पढ़ाई लिखाई की मॉनिटरिंग कौन करेगा. जाहिर है कि अधिकारी की कमी से सारा काम प्रभावित हो रहा है और झारखंड सरकार का रवैया इस दिशा में काफी उदासीन है. लोग सरकार से रिक्त पदों पर अविलंब पोस्टिंग की मांग कर रहे हैं. झारखंड सरकार को इस दिशा में पहल करने की आवश्यकताः संथाल परगना में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बड़ी कमी है इस मामले को हमने सामने ला दिया है. झारखंड सरकार से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वे जल्द इस पर ध्यान देंगे और सभी पदों पर पदाधिकारियों की पोस्टिंग करेंगे ताकि सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे छात्र - छात्राओं का भविष्य बेहतर हो सके.

दुमकाः झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को लाख दुरुस्त करने का दावा करें पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. संथाल परगना प्रमंडल में शिक्षा विभाग का रवैया बिल्कुल ही उदासीन है. इस प्रमंडल में शिक्षा विभाग के सबसे वरीय पदाधिकारी का पद क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ( RDDE ) का है, जिस पर पिछले डेढ़ वर्षो से किसी की पोस्टिंग नहीं हुई है. वहीं प्रमंडल के छह जिले में 12 पद जिला शिक्षा अधिकारी ( DEO) और जिला शिक्षा अधीक्षक ( DSE ) के हैं , जिसमें सिर्फ चार पदाधिकारी पदस्थापित है. सबसे खराब स्थिति दुमका जिला की है जहां जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक दोनों पद पूरी तरह से रिक्त है, मतलब कोई भी अधिकारी इनमें अतिरिक्त प्रभार में भी नहीं है.

क्या है प्रमंडल के छह जिलों में शिक्षा पदाधिकारियों की स्थितिः संथाल परगना प्रमंडल में के 6 जिले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की स्थिति इस प्रकार है.

जिला DEODSE
दुमका रिक्त रिक्त
देवघर रिक्त पदस्थापित
गोड्डा रिक्त रिक्त
पाकुड़पदस्थापित पदस्थापित
जामताड़ा पदास्थापित रिक्त
साहेबगंजरिक्त रिक्त


शिक्षा विभाग की अनोखी कार्यशैली , रजनी देवी के जिम्मे आधा दर्जन पद वह भी चार जिलों मेंः संथाल परगना प्रमण्डल में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (RDDE) जो पूरे प्रमंडल के सबसे वरीय अधिकारी होते हैं उस पद पर लास्ट पोस्टिंग राजकुमार सिंह की थी जो सितंबर 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद किसी की रेगुलर पोस्टिंग नहीं हुई. पाकुड़ जिला की जिला शिक्षा अधिकारी रजनी देवी को RDDE का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. हालांकि रजनी दे वी इसके अतिरिक्त लगभग आधा दर्जन पद पर प्रभारी के तौर पर काम कर रही हैं. उनकी पोस्टिंग पाकुड़ जिला की जिला शिक्षा अधिकारी के तौर पर हुई है. इसके अतिरिक्त उन्हें गोड्डा जिला के DEO और DSE दोनों का पदभार मिला हुआ है. इतना ही नहीं वह गोड्डा जिले के गुम्मा में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की प्रिंसिपल है. इसके साथ ही देवघर के B.Ed कॉलेज की भी प्रशासनिक पदाधिकारी है. इसके साथ ही दुमका RDDE कार्यालय से ज्ञात हुआ कि वे शिक्षा विभाग के अनुमंडल स्तर के भी पद पर कार्यरत है. मतलब रजनी देवी की पोस्टिंग तो पाकुड़ जिले में है पर उसे पाकुड़, दुमका , गोड्डा और देवघर जिला के शिक्षा विभाग के अलग अलग पदों को संभालना पड़ रहा है. ऐसे में यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह इन सभी पदों पर के साथ कितना न्याय कर पाती होंगी.

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प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO)के भी अधिकांश पड़ रिक्तः जिलास्तर के पदाधिकारियों के साथ साथ प्रखंडों में भी शिक्षा विभाग के अधिकारी की संख्या नगण्य हैं. स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO) के पद हैं इसमें भी अधिकारियों की काफी कमी है. पूरे प्रमंडल में चार दर्जन BEEO के पद हैं जिसमें आधे से अधिक पद रिक्त हैं. क्या कहते हैं लोगः इस संबंध में हमने स्थानीय लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो पठन-पाठन कैसे सुचारु रुप से रहेगा. स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर पढ़ाई लिखाई की मॉनिटरिंग कौन करेगा. जाहिर है कि अधिकारी की कमी से सारा काम प्रभावित हो रहा है और झारखंड सरकार का रवैया इस दिशा में काफी उदासीन है. लोग सरकार से रिक्त पदों पर अविलंब पोस्टिंग की मांग कर रहे हैं. झारखंड सरकार को इस दिशा में पहल करने की आवश्यकताः संथाल परगना में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बड़ी कमी है इस मामले को हमने सामने ला दिया है. झारखंड सरकार से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वे जल्द इस पर ध्यान देंगे और सभी पदों पर पदाधिकारियों की पोस्टिंग करेंगे ताकि सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे छात्र - छात्राओं का भविष्य बेहतर हो सके.
Last Updated : May 5, 2022, 9:37 AM IST
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