दुमका: नगर थाना क्षेत्र में एक निजी नर्सिंग होम में सड़क दुर्घटना में घायल ललित ठाकुर (35) की मौत हो गई है. परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है और वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इलाज ठीक तरीके से नहीं किया गया. वहीं डॉक्टर का कहना है कि इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई है.
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क्या है पूरा मामला: ललित ठाकुर साहिबगंज जिला के बरहेट में थाना क्षेत्र के कुशमाहा गांव का रहने वाले थे. वह अपनी पत्नी को लाने बाइक से अपने ससुराल जा रहे थे. रास्ते में एक ऑटो रिक्शा से उसकी सीधी टक्कर हो गई. जिसमें उनका पैर टूट गया और शरीर में कई जगह चोटें आईं. पहले उनका स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया. जहां से उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए दुमका स्थित पीजेएमसीएच में भेज दिया गया. यहां से भी उसे रेफर कर दिया गया. इसके बाद दुमका नगर परिषद के पास निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया.
परिजनों ने क्या कहा: परिजनों ने बताया कि रात भर उसकी हालत ठीक थी. सुबह भी वह आराम से बातचीत कर रहे थे. जब वह शौच के लिए उठना चाह रहे थे तो पैर में बैंडेज होने की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही थी. इसी बीच अस्पताल में कार्यरत एएनएम ने उसे कुछ दवा दी और एक सुई लगाई. सुई लगने के बाद उसे नींद आ गई और उसके बाद आंखें नहीं खुली. परिजनों का कहना है कि आखिर वह कौन सुई दी गई जो वह उठा ही नहीं. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
मुआवजे की कर रहे हैं मांग: मृतक के छोटे भाई भूपेन ठाकुर ने कहा कि इलाज में पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है. ललित एक छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपने परिवार की आजीविका चला रहे थे. इनकी पत्नी है और दो छोटी बच्ची है. अभी इनका लालन-पालन कैसे हो पाएगा. इस वजह से वह मुआवजे की मांग कर रहे थे. वहीं ललित ठाकुर का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉक्टर शशि कुमार सुमन का कहना है कि हमने बेहतर इलाज किया. दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी जान चली गई. अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.