ETV Bharat / state

MLA Pradeep Yadav acquitted: विधायक प्रदीप यादव हुए बरी, सरकारी कामकाज में बाधा डालने और भड़काऊ भाषण देने का था आरोप

दुमका के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विधायक प्रदीप यादव को बरी कर दिया है. विधायक पर अडानी पावर प्लांट के विरोध में सत्याग्रह के दौरान सरकारी कामकाज में बाधा डालने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप था.

MLA Pradeep Yadav acquitted
विधायक प्रदीप यादव एवं अन्य
author img

By

Published : Jan 31, 2023, 4:39 PM IST

प्रदीप यादव, विधायक

दुमका: पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को दुमका के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने एक मामले में बरी कर दिया. मामला 2017 का पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र का था. मंगलवार को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में विधायक प्रदीप यादव को बरी किया है. इधर प्रदीप यादव ने कहा है कि स्थानीयता नीति वाली फाइल राज्यपाल के द्वारा लौटाया जाना राज्य हित में नहीं है.

ये भी पढ़ें: विधायक की मांगः गोड्डा में अडानी पावर प्लांट में 75 प्रतिशत स्थानीय को मिले नौकरी

क्या है पूरा मामला: पोड़ैयाहाट थाना में 16 अप्रैल 2017 को स्थानीय विधायक प्रदीप यादव के खिलाफ अंचलाधिकारी विजय कुमार ने एक मामला दर्ज कराया था. दरअसल, प्रदीप यादव अडानी पावर प्लांट के स्थापित नहीं होने को लेकर 400 से लेकर 500 लोगों के साथ सत्याग्रह पर बैठे थे. अंचलाधिकारी ने अपने आवेदन में लिखा था कि प्रदीप यादव लोगों के सामने भड़काऊ भाषण दे रहे थे और सरकारी कामकाज में भी उन्होंने बाधा डाली है.

पोड़ैयाहाट थाना में केस संख्या 53/2017 में धारा 224, 353, 120 बी, 505, और 34 के तहत यह मामला दर्ज हुआ था. बाद में यह केस साल 2021 में दुमका के एमपी एमएलए कोर्ट में रेफर कर दिया गया. 31 जनवरी 2023 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश जितेंद्र राम ने साक्ष्य के अभाव में प्रदीप यादव को बरी कर दिया. प्रदीप यादव ने कहा कि यह न्याय की जीत है और मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास था. उन्होंने कहा कि तात्कालीन सरकार ने मुझपर यह झूठा मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें सच्चाई की जीत हुई.

स्थानीय नीति की फाइल लौटाये जाने पर प्रदीप यादव का बयान: दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि हमारी गठबंधन सरकार ने काफी सोच समझकर 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का विधेयक पारित कराया है. मैं भी इस निर्णय में उनके साथ रहा हूं. जब उसे राज्यपाल के पास भेजा गया तो उन्होंने इसे लौटा दिया. राज्यपाल ने इसे क्यों लौटाया है, इसकी विस्तृत जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि इसे राज्यपाल के द्वारा लौटाना राज्य हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से हमलोग विधानसभा से इसे पारित कराकर राज्यपाल के पास भेजेंगे और फिर वहां से केंद्र सरकार तक जाएंगे ताकि यह कानून का रूप ले और राज्यवासियों को इसका लाभ मिल सके.

प्रदीप यादव, विधायक

दुमका: पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को दुमका के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने एक मामले में बरी कर दिया. मामला 2017 का पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र का था. मंगलवार को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में विधायक प्रदीप यादव को बरी किया है. इधर प्रदीप यादव ने कहा है कि स्थानीयता नीति वाली फाइल राज्यपाल के द्वारा लौटाया जाना राज्य हित में नहीं है.

ये भी पढ़ें: विधायक की मांगः गोड्डा में अडानी पावर प्लांट में 75 प्रतिशत स्थानीय को मिले नौकरी

क्या है पूरा मामला: पोड़ैयाहाट थाना में 16 अप्रैल 2017 को स्थानीय विधायक प्रदीप यादव के खिलाफ अंचलाधिकारी विजय कुमार ने एक मामला दर्ज कराया था. दरअसल, प्रदीप यादव अडानी पावर प्लांट के स्थापित नहीं होने को लेकर 400 से लेकर 500 लोगों के साथ सत्याग्रह पर बैठे थे. अंचलाधिकारी ने अपने आवेदन में लिखा था कि प्रदीप यादव लोगों के सामने भड़काऊ भाषण दे रहे थे और सरकारी कामकाज में भी उन्होंने बाधा डाली है.

पोड़ैयाहाट थाना में केस संख्या 53/2017 में धारा 224, 353, 120 बी, 505, और 34 के तहत यह मामला दर्ज हुआ था. बाद में यह केस साल 2021 में दुमका के एमपी एमएलए कोर्ट में रेफर कर दिया गया. 31 जनवरी 2023 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश जितेंद्र राम ने साक्ष्य के अभाव में प्रदीप यादव को बरी कर दिया. प्रदीप यादव ने कहा कि यह न्याय की जीत है और मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास था. उन्होंने कहा कि तात्कालीन सरकार ने मुझपर यह झूठा मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें सच्चाई की जीत हुई.

स्थानीय नीति की फाइल लौटाये जाने पर प्रदीप यादव का बयान: दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि हमारी गठबंधन सरकार ने काफी सोच समझकर 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का विधेयक पारित कराया है. मैं भी इस निर्णय में उनके साथ रहा हूं. जब उसे राज्यपाल के पास भेजा गया तो उन्होंने इसे लौटा दिया. राज्यपाल ने इसे क्यों लौटाया है, इसकी विस्तृत जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि इसे राज्यपाल के द्वारा लौटाना राज्य हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से हमलोग विधानसभा से इसे पारित कराकर राज्यपाल के पास भेजेंगे और फिर वहां से केंद्र सरकार तक जाएंगे ताकि यह कानून का रूप ले और राज्यवासियों को इसका लाभ मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.