दुमकाः जिले का सदर अस्पताल कुछ महीने पहले दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल बन गया. लेकिन फिर भी यहां डॉक्टरों और कर्मियों की काफी कमी है. इससे मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता. लोग उम्मीद के साथ डीएमसीएच पहुंचते हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगती है.
क्या कहते हैं डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट
दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार खुद स्वीकार करते हैं कि वहां मैन पावर काफी कम है. इस अस्पताल के डॉक्टरों की न्यूनतम संख्या 40 होने चाहिए पर कार्यरत 23 हैं. इसमें भी कई विभाग के डॉक्टर है हीं नहीं, जैसे एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट एक भी नहीं है. इधर फॉरेंसिक मेडिकल ऑफिसर चार रहने चाहिए पर सिर्फ हैं एक शिशु रोग विशेषज्ञ कम से कम पांच चाहिए लेकिन पदस्थापित हैं. डॉ रविंद्र कुमार का कहना है कि यही स्थिति मेडिकल कर्मियों की भी है उसकी संख्या कम से कम 100 से 120 महोने चाहिए लेकिन पदस्थापित सिर्फ 35 हैं.
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मरीजों को होती है परेशानी
काफी उम्मीद से लोग इलाज के लिए डीएमसीएच पहुंचते हैं, लेकिन जब यहां उन्हें सही इलाज नहीं मिलता तो उन्हें काफी निराशा हाथ लगती है. अगर मरीज की स्थिति थोड़ी गंभीर होती है तो उसे रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में गरीब मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
पदस्थापित चिकित्सक भी परेशान
चिकित्सकों की कमी से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को तो है ही इसके साथ जो चिकित्सक यहां कार्यरत हैं वे भी परेशान है. डॉक्टर कम रहने से कार्यरत चिकित्सक का वर्क लोड काफी बढ़ जाता है. वे इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.