दुमका: विकास को रफ्तार देने में जुटी हेमंत सरकार लोगों की बात तो खूब करती है, लेकिन जिन्हें जनता का काम करना है वे अपने कार्यालय में होते ही नहींं हैं. इसकी वजह पदाधिकारियों का नहीं होना है. पूरे संथाल परगना प्रमंडल में अधिकारियों की भारी कमी है. यहां प्रमंडलीय कार्यालय से लेकर जिला और प्रखंड स्तर पर लगभग आधे से ज्यादा पद प्रभार में संचालित हो रहा है. कई ऐसे अधिकारी हैं जिनके पास तीन से चार पदों का प्रभार है. पदाधिकारियों के नहीं होने के कारण कामकाज पर सीधा असर पड़ता है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय का हाल बेहाल है: संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त कार्यालय का हाल यह बताने के लिए काफी है कि सरकार कितनी सजगता से काम कर रही है. इस कार्यालय से प्रमंडल के छह जिले देवघर, साहिबगंज, जामताड़ा , पाकुड़ और दुमका के सभी विभागों के कामकाज का नियंत्रण होता है, लेकिन यहां अधिकारियों की काफी कमी है. यहां उपनिदेशक कल्याण, उपनिदेशक खान, उपनिदेशक जनसंपर्क, उपनिदेशक खाद्य, उपनिदेशक राजभाषा, उपनिदेशक सांख्यिकी के साथ क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी के पद रिक्त हैं. सिर्फ प्रमंडलीय आयुक्त, आयुक्त के सचिव और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव के पद पर पदाधिकारी नियुक्त हैं. इस कार्यालय में प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव के पद पर पदस्थापित अमित कुमार तीन अन्य पद पर अतिरिक्त प्रभार में हैं जिनके पास उपनिदेशक कल्याण, उपनिदेशक खाद्य और क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी का कार्य देख रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव जुगनू मिंज के पास दो अन्य पद उपनिदेशक कल्याण और उपनिदेशक राजभाषा का जिम्मा है. मतलब कुल तीन पद. वहीं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती उपनिदेशक जनसंपर्क के भी प्रभार में हैं.
जिला स्तर पर पदाधिकारियों का हाल: दुमका में जिला स्तर पर भी अधिकारियों की काफी कमी है. यहां जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला पहाड़िया कल्याण पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, भू अर्जन पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार ( अवर निबंधक ) उप निर्वाचन पदाधिकारी, निदेशक, राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम के पद रिक्त हैं. इन सभी विभागों का कामकाज दूसरे विभाग के अधिकारी अतिरिक्त प्रभार पर देख रहे हैं. यहां खास बात यह है कि जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर कार्यरत कमल कुमार कुजूर की पोस्टिंग देवघर के जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर है और वे दुमका के भी अतिरिक्त प्रभार में हैं.
प्रखंड स्तर पर अधिकारियों की संख्या नगण्य: सरकार की अधिकांश योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रखंड कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसके लिए जरूरी है कि अधिकारियों की संख्या पर्याप्त रहे पर दुमका में प्रखंड स्तर के अधिकारियों की काफी कमी है. यहां के सभी 10 प्रखंड में आपूर्ति पदाधिकारी एक भी नहीं हैं. यही हाल प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी की भी है.
कामकाज में पड़ता है सीधा असर: आंकड़ों से साफ है कि दुमका में प्रखंड से लेकर जिला और जिला से लेकर प्रमंडल स्तर पर अधिकारियों की काफी कमी है. कुल मिलाकर कहा जाए तो 30 से 40% अधिकारियों के ही भरोसे सारा कामकाज संचालित हो रहा है. जाहिर है इससे जनता का काम सुचारू तौर पर नहीं हो पाता है. विकास योजनाओं को धरातल पर उतरने में काफी वक्त लग जाता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि अविलंब इस पर ध्यान दें, क्योकि जनता का काम नहीं हो पा रहा है.
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