दुमका: नगर परिषद का दायित्व कचरा प्रबंधन का होता है, लेकिन दुमका नगर परिषद शहर में कचरा फैलाने का काम कर रही है. दुमका रेलवे स्टेशन के पास चारों तरफ भारी मात्रा में कचरा डंप किया गया है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, प्रदूषण भी फैल रहा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दुमका में आज तक कोई ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है. कई दशक से शहर के दुधानी रोड में कचरा डंप करने की व्यवस्था है, लेकिन धीरे-धीरे शहर का विस्तार हुआ और डंपिंग ग्राउंड के आसपास सैकड़ों मकान बन गए. लोगों की मांग सालों से हो रही है कि इस कचरा डंपिंग यार्ड को शहर के बाहर ले जाया जाए, लेकिन आज तक यह संभव नहीं हो पाया है.
लोग लगातार विरोध कर रहे हैं. नगर विकास विभाग ने लगभग दस करोड़ रुपये सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिये आबंटित किए हैं, पर इसका उपयोग नहीं हुआ. अब तो तय जगह पर कूड़ा फेंका ही जाता है शहर के अन्य इलाकों में जहां खाली जमीन मिलती है, वहां भी कूड़ा जमा कर दिया जाता है.
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लोगों को हो रही है परेशानी
इधर-उधर कचरा डंप करने से शहरवासी काफी परेशान है. उनका कहना है कि इसके दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है, वे चाहते हैं कि शहर के बाहर कचरा फेंका जाए. लोगों को तकलीफ इस बात की है कि आज ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं हुई है.
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क्या कहना है नगर परिषद का
इस संबंध में दुमका नगर परिषद की चेयरपर्सन श्वेता झा का कहना है कि हमने शहर से 6 किलोमीटर दूर ताराटीकर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जमीन चिन्हित किया है, लेकिन यह जमीन उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का काम है. हम इसके लिए लगातार जिला प्रशासन से मिलकर और पत्राचार के माध्यम से जमीन उपलब्ध कराने का मांग कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा कोई कारर्रवाई नहीं हो रही है. कचरे के ढेर और दुर्गन्ध से शहरवासी परेशान हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन इस संबंध में कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है. सरकार को इस पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है.