दुमका: पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव को सोमवार को दुमका कोर्ट ने सड़क जाम और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में बरी कर दिया है. मामला लगभग 11 वर्ष पुराना है. इस मामले में पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव सहित कुल 17 लोगों को दुमका कोर्ट ने बरी कर दिया है. सड़क जाम कर आवागमन ठप करने से संबंधित 10 पुराने मामले में साक्ष्य के अभाव में पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव समेत 17 नामजद आरोपियों बरी करने का फैसला दुमका कोर्ट ने सुनाया है.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसलाः सोमवार को दुमका के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र प्रसाद राम की अदालत ने गोड्डा मुफस्सिल थाना कांड संख्या 26/2012 में सजा के बिंदु पर दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद अभियोजन की ओर मामले को सिद्ध करने में असफल रहने और साक्ष्य के अभाव में पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, झाविमो के पूर्व जिलाध्यक्ष धनंजय यादव, महिला अध्यक्ष बेनु चौबे, सीताराम राय, सीताकांत कुशवाहा, कुंदन ठाकुर, नवल किशोर साह, पूर्व जिला परिषद सदस्य नील मुनी मुर्मू, अताउर रहमान सिद्दीकी, दिलीप साह, रामदेव यादव, विनय यादव, सुनीता देवी, अमरनाथ टेकरीवाल, मनोज पंडित, चतुर्भुज साह और बलवंत सिंह को निर्दोष करार देते हुए रिहा करने का फैसला सुनाया है.
न्यायिक प्रक्रिया पर एक नजर: इस मामले में सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक खुशबुद्दीन अली और बचाव पक्ष की ओर से पारस कुमार सिन्हा, विजय मरांडी, राज कुमार साह, शिवसेन मरांडी और प्रिय रंजन ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता पारस सिन्हा ने बताया कि गोड्डा के प्रखंड पंचायत पदाधिकारी सह दंडाधिकारी के रूप में तैनात राजेन्द्र प्रसाद केशरी के लिखित आवेदन पर गोड्डा मुफस्सिल थाना में भादवी 144, 341, 283, 353 के तहत झारखंड विकास मोर्चा के पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव समेत 19 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दर्ज प्राथमिकी में 20 जनवरी 2012 को दिन के 11 बजे से दिन के दो बजे तक गोड्डा पीरपैंती मुख्य पथ पर हरना पुल के समीप सड़क जाम कर आवागमन अवरूद्ध करने और सरकारी कार्य में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया था.