दुमका: मंगलवार 8 नवंबर 2022 का यह खग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा (Lunar Eclipse 2022). पंडितों के अनुसार ग्रहण काल में लोगों को पूजा-अर्चना के साथ-साथ अन्न-जल का सेवन नहीं करना चाहिए. उसे अशुभ माना जाता है और उससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर बाबा बासुकीनाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना नहीं होगी. चंद्रग्रहण के कारण बाबा बासुकीनाथ मंदिर 6 घंटे तक बंद रहेगा (Temple closed due to Lunar Eclipse).
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पंडित दिवाकर झा ने दी जानकारी: चंद्र ग्रहण के कारण बासुकीनाथ मंदिर (Dumka Basukinath Temple) का पट बंद रहेगा और ग्रहण अवधि तक मंदिर में पूजा पाठ निषेध रहेगा. पंडित दिवाकर झा ने बताया कि चंद्र ग्रहण को लेकर परंपरा के अनुसार आज दोपहर बाद 2:25 बजे से शाम 7:20 बजे तक मंदिर का पट बंद रहेगा. इस दौरान सभी प्रकार के पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान की मनाही रहेगी. ग्रहण के बाद गंगाजल से शुद्धीकरण के बाद ही पूजा-अर्चना शुरू होगी.
ग्रहण के समय न करें ये काम: पंडित दिवाकर झा ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दौरान श्रद्धालु किसी भी देवी देवताओं की मूर्ति को स्पर्श ना करें और ग्रहण काल के दौरान भगवान का स्मरण करें. जिससे ग्रहण के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि ग्रहण काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. उससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है. ग्रहण काल में लोगों को अपने ईष्ट देव की पूजा आराधना करना चाहिए. ग्रहण काल में अन्न जल का सेवन नहीं करना चाहिए.