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दुमका में धावा दल ने किया चार बाल श्रमिकों का रेस्क्यू, तीन भेजे गए बालगृह, एक अभिभावक के हवाले

झारखंड में बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत धावा दल ने दुमका में चार बाल श्रमिकों का रेस्क्यू किया. उसमें से तीन बालकों को बालगृह भेजा गया, जबकि एक को अभिभावक के हवाले कर दिया गया.

Childline Dumka
Childline Dumka
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Published : Jun 17, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Jun 17, 2022, 10:56 AM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में बाल श्रम उन्मूलन के लिए गुरुवार को विशेष अभियान चलाया गया. यह अभियान जिला स्तर पर गठित धावा दल की ओर से शहर के पुसारो, दुधानी चौक, टीन बाजार और दुमका बस पड़ाव में चलाया गया. इस दौरान छापेमारी की कार्रवाई की गई, जिसमें गैरेजों, होटलों व दुकानों से चार बाल श्रमिकों का रेस्क्यू किया गया. बाल श्रम कराने के मामले में नियोक्ताओं से जुर्माना वसूलने, दैनिक मजदूरी दिलवाने के अलावा कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. इस मामले में श्रम विभाग नियोक्ताओं को अलग से नोटिस जारी करेगा.

इसे भी पढ़ें: पलामू में तीन बाल श्रमिकों को प्रशासन ने कराया मुक्त, डीसी के निर्देश पर की गई कार्रवाई


तीन बच्चे भेजे गए बालगृह: बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee CWC) के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य को बाल श्रम की कुप्रथा से मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत धावा दल के द्वारा श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए दुमका शहर के संभावित इलाकों में छापेमारी की गयी. इस दौरान दुधानी टावर चौक में आलम मोटरसाइकिल रिपेयरिंग सेंटर में एक बालक काम करता हुआ पाया गया. दुधानी चौक में स्थित फूड जीनी नामक फास्ट फूड रेस्टोरेंट में दो बालक मिले जो मधुपुर के रहने वाले हैं. दुमका के प्राईवेट बस स्टैंड के मां तारा होटल में मसलिया का रहनेवाला एक आदिवासी बालक पाया गया. इन चारों बालकों को चाइल्डलाइन दुमका (Childline Dumka) को सौंप दिया गया. फिर वहां से चारों बालकों में तीन को बालगृह और एक को अभिभावक के हवाले किया गया.


लोगों से की गई अपील: इस टीम ने आम लोगों और प्रतिष्ठान के मालिकों से अपील की है कि किसी भी बालक से बाल श्रम नहीं कराएं. यह कानूनन अपराध है, यदि कोई नियोक्ता 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी कार्य पर लगाता है तो ऐसा करने पर उसे दो साल तक कैद की सजा या जुर्माना लगेगा. इस अपराध पर 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

सीडब्ल्यूसी के अलावा अन्य विभाग के अधिकारी थे मौजूद: धावा दल में सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय और कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मोहम्मद अकीक, श्रम विभाग के मोहम्मद तौफीक, चाइल्डलाइन दुमका के केंद्र समन्वयक मधुसुदन सिंह, टीम मेंबर निक्कू कुमार और शांतिलता हेम्ब्रम, एक्सन एड के नरेंद्र शर्मा और महिला थाना की एएसआई सुखमनी शामिल थी.

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में बाल श्रम उन्मूलन के लिए गुरुवार को विशेष अभियान चलाया गया. यह अभियान जिला स्तर पर गठित धावा दल की ओर से शहर के पुसारो, दुधानी चौक, टीन बाजार और दुमका बस पड़ाव में चलाया गया. इस दौरान छापेमारी की कार्रवाई की गई, जिसमें गैरेजों, होटलों व दुकानों से चार बाल श्रमिकों का रेस्क्यू किया गया. बाल श्रम कराने के मामले में नियोक्ताओं से जुर्माना वसूलने, दैनिक मजदूरी दिलवाने के अलावा कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. इस मामले में श्रम विभाग नियोक्ताओं को अलग से नोटिस जारी करेगा.

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तीन बच्चे भेजे गए बालगृह: बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee CWC) के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य को बाल श्रम की कुप्रथा से मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत धावा दल के द्वारा श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए दुमका शहर के संभावित इलाकों में छापेमारी की गयी. इस दौरान दुधानी टावर चौक में आलम मोटरसाइकिल रिपेयरिंग सेंटर में एक बालक काम करता हुआ पाया गया. दुधानी चौक में स्थित फूड जीनी नामक फास्ट फूड रेस्टोरेंट में दो बालक मिले जो मधुपुर के रहने वाले हैं. दुमका के प्राईवेट बस स्टैंड के मां तारा होटल में मसलिया का रहनेवाला एक आदिवासी बालक पाया गया. इन चारों बालकों को चाइल्डलाइन दुमका (Childline Dumka) को सौंप दिया गया. फिर वहां से चारों बालकों में तीन को बालगृह और एक को अभिभावक के हवाले किया गया.


लोगों से की गई अपील: इस टीम ने आम लोगों और प्रतिष्ठान के मालिकों से अपील की है कि किसी भी बालक से बाल श्रम नहीं कराएं. यह कानूनन अपराध है, यदि कोई नियोक्ता 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी कार्य पर लगाता है तो ऐसा करने पर उसे दो साल तक कैद की सजा या जुर्माना लगेगा. इस अपराध पर 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

सीडब्ल्यूसी के अलावा अन्य विभाग के अधिकारी थे मौजूद: धावा दल में सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय और कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मोहम्मद अकीक, श्रम विभाग के मोहम्मद तौफीक, चाइल्डलाइन दुमका के केंद्र समन्वयक मधुसुदन सिंह, टीम मेंबर निक्कू कुमार और शांतिलता हेम्ब्रम, एक्सन एड के नरेंद्र शर्मा और महिला थाना की एएसआई सुखमनी शामिल थी.

Last Updated : Jun 17, 2022, 10:56 AM IST
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