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दुमका में एक डीएसपी के भरोसे चल रही साइबर सेल, साल दर साल बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामले

दुमका में साल दर साल साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन साइबर थाना नहीं है. साइबर से जुड़े मामलों के निष्पादन को लेकर साइबर सेल है, जो एक डीएसपी के भरोसे चल रहा है.

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Published : Jun 16, 2022, 4:48 PM IST

DSP in Dumka
दुमका में एक डीएसपी के भरोसे चल रही साइबर सेल

दुमकाः झारखंड में संथालपरगना प्रमंडल साइबर क्राइम का हब है. इस प्रमंडल के जामताड़ा, दुमका और देवघर जिले में साइबर अपराधियों का काफी बोलबाला है. इसमें जामताड़ा जिला पूरे देश में साइबर क्राइम के मामले में अव्वल है. हालांकि, हाल के दिनों में दुमका में भी साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद साइबर सेल एक डीएसपी के भरोसे चल रहा है.

यह भी पढ़ेंःदुमकाः 6 साइबर अपराधी गिरफ्तार, ATM, मोबाइल और नकदी बरामद

साइबर अपराध की जांच सही ढंग से हो. इसको लेकर टेक्निकल एक्सपर्ट के साथ साथ आधुनिक सेटअप की आवश्यकता होती है. दुमका पुलिस ने साइबर सेल को अपग्रेड करते हुए साइबर थाना बनाने का प्रस्ताव वर्षों पहले भेजा, ताकि साइबर अपराध से संबंधित मामलों को डेडिकेटेड टेक्निकल एक्सपर्ट निष्पादन कर सके. लेकिन अब तक साइबर थाना नहीं बन सका है. स्थिति यह है कि साइबर क्राइम के मामले सामान्य थानों में ही दर्ज होते हैं.

जानकारी देते एसपी

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यहां साइबर अपराधियों ने अपना पांव पसार लिया है. पिछले 3 वर्ष के आंकड़ों की बात करें तो 2020 में 32 , 2021 में 27 और 2022 में अब तक में 18 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की बात करें तो 2019 में 9, 2020 में 21, 2021 से 33 और 2022 में अब तक 19 साइबर अपराधी गिरफ्तार किये गये हैं. इन गिरफ्तार अपराधियों के पास से लगभग छह लाख रुपये, 100 से अधिक सिम कार्ड, 80 मोबाइल, 12 मोटरसाइकिल और दो कार बरामद किये गये हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखने से स्पष्ट होता है कि साइबर क्राइम साल दर साल बढ़ रहा है. लेकिन पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है.


साइबर क्राइम के मामले जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज होते हैं. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच के लिए जिला मुख्यालय स्थित साइबर सेल में भेज दिया जाता है. लेकिन साइबर सेल में एक डीएसपी शिवेंद्र कुमार प्रतिनियुक्त हैं, जिसका अतिरिक्त प्रभार हैं. स्थिति यह है कि साइबर सेल में ना एक इंस्पेक्टर, ना सब इंस्पेक्टर और ना ही कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति की गई है. सिर्फ एक कंप्यूटर ऑपरेटर सेल में कार्यरत हैं.

दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि साइबर क्राइम का अनुसंधान सही ढंग से हो. इसको लेकर साइबर थाना होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि साइबर थाना को लेकर प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा है. उम्मीद है कि बहुत जल्द थाना शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि साइबर थाना बनने के बाद साइबर अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई की जायेगी.

दुमकाः झारखंड में संथालपरगना प्रमंडल साइबर क्राइम का हब है. इस प्रमंडल के जामताड़ा, दुमका और देवघर जिले में साइबर अपराधियों का काफी बोलबाला है. इसमें जामताड़ा जिला पूरे देश में साइबर क्राइम के मामले में अव्वल है. हालांकि, हाल के दिनों में दुमका में भी साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद साइबर सेल एक डीएसपी के भरोसे चल रहा है.

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साइबर अपराध की जांच सही ढंग से हो. इसको लेकर टेक्निकल एक्सपर्ट के साथ साथ आधुनिक सेटअप की आवश्यकता होती है. दुमका पुलिस ने साइबर सेल को अपग्रेड करते हुए साइबर थाना बनाने का प्रस्ताव वर्षों पहले भेजा, ताकि साइबर अपराध से संबंधित मामलों को डेडिकेटेड टेक्निकल एक्सपर्ट निष्पादन कर सके. लेकिन अब तक साइबर थाना नहीं बन सका है. स्थिति यह है कि साइबर क्राइम के मामले सामान्य थानों में ही दर्ज होते हैं.

जानकारी देते एसपी

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यहां साइबर अपराधियों ने अपना पांव पसार लिया है. पिछले 3 वर्ष के आंकड़ों की बात करें तो 2020 में 32 , 2021 में 27 और 2022 में अब तक में 18 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की बात करें तो 2019 में 9, 2020 में 21, 2021 से 33 और 2022 में अब तक 19 साइबर अपराधी गिरफ्तार किये गये हैं. इन गिरफ्तार अपराधियों के पास से लगभग छह लाख रुपये, 100 से अधिक सिम कार्ड, 80 मोबाइल, 12 मोटरसाइकिल और दो कार बरामद किये गये हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखने से स्पष्ट होता है कि साइबर क्राइम साल दर साल बढ़ रहा है. लेकिन पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है.


साइबर क्राइम के मामले जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज होते हैं. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच के लिए जिला मुख्यालय स्थित साइबर सेल में भेज दिया जाता है. लेकिन साइबर सेल में एक डीएसपी शिवेंद्र कुमार प्रतिनियुक्त हैं, जिसका अतिरिक्त प्रभार हैं. स्थिति यह है कि साइबर सेल में ना एक इंस्पेक्टर, ना सब इंस्पेक्टर और ना ही कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति की गई है. सिर्फ एक कंप्यूटर ऑपरेटर सेल में कार्यरत हैं.

दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि साइबर क्राइम का अनुसंधान सही ढंग से हो. इसको लेकर साइबर थाना होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि साइबर थाना को लेकर प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा है. उम्मीद है कि बहुत जल्द थाना शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि साइबर थाना बनने के बाद साइबर अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई की जायेगी.

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