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लगातार बारिश से किसानों के फसल बर्बाद, जानें कृषि विशेषज्ञ की क्या है सलाह

दुमका में पिछले दस दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं, इस बारिश से किसान काफी परेशान हैं. जिसके बाद कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दिया है कि धान के जड़ में पानी जमने नहीं दें.

किसानों की फसल बर्बाद
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Published : Oct 10, 2019, 8:47 PM IST

दुमका: जिले में पिछले 10 दिनों में हुई जोरदार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. खासतौर पर लत्तेदार सब्जियां जैसे खीरा, कद्दू, नेनुआ के फसल बर्बाद हो गए हैं, जबकि बैगन, टमाटर के पौधे में जो फूल लगे थे उसके परागकण झड़ गए, जिससे अब उसमें फल लगने की संभावना समाप्त हो गई है. इधर जिन किसानों के खेत में मूंग उड़द लगा था उसे भी नुकसान हुआ है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं किसान
फसल खराब हो जाने से किसान काफी चिंतित है. उनका कहना है कि हम लोगों को काफी नुकसान हुआ है, पता नहीं कैसे भरपाई होगी.

crops of Farmers is ruined due to incessant rain
खराब फसल

धान के फसल को भी हुआ है नुकसान
इधर, आधुनिक तरीके से खेती करने वाले प्रगतिशील किसान का कहना है कि सिर्फ सब्जियां ही नहीं धान के फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इस संबंध में कृषि में आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने वाले जयप्रकाश मंडल जिन्हें झारखंड सरकार ने इजरायल भेजा था, वे कहते हैं कि अगर अभी कुछ दिन आगे बारिश लगातार होती है या फिर आसमान में बादल छाए रहते हैं तो धान में चावल का दाना नहीं आएगा.

ये भी देखें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: गठबंधन को लेकर कांग्रेस-बीजेपी की बीच छिड़ी जुबानी जंग

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
इस संबंध में संथाल परगना के संयुक्त कृषि निदेशक अजय कुमार सिंह ने भी माना कि सब्जियों के फसल को काफी नुकसान हुआ है, वे कहते हैं जिन किसानों के बैंगन और टमाटर खराब हो गए हैं, वह चाहे तो फिर से इन सब्जियों का पौधा लगा सकते हैं, क्योंकि अभी इसका समय बचा हुआ है. साथ ही साथ धान के किसानों को उनकी सलाह है कि वे धान के जड़ में पानी जमने नहीं दें. इससे कीट व्याधि की संभावना ज्यादा रहती है.

वहीं इस साल मई, जून के महीने में काफी कम बारिश हुई. किसानों ने जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था कर धान और अन्य फसल लगाया, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से हुई लगातार जोरदार बारिश ने किसानों के हौसले पस्त कर दिए हैं.

दुमका: जिले में पिछले 10 दिनों में हुई जोरदार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. खासतौर पर लत्तेदार सब्जियां जैसे खीरा, कद्दू, नेनुआ के फसल बर्बाद हो गए हैं, जबकि बैगन, टमाटर के पौधे में जो फूल लगे थे उसके परागकण झड़ गए, जिससे अब उसमें फल लगने की संभावना समाप्त हो गई है. इधर जिन किसानों के खेत में मूंग उड़द लगा था उसे भी नुकसान हुआ है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं किसान
फसल खराब हो जाने से किसान काफी चिंतित है. उनका कहना है कि हम लोगों को काफी नुकसान हुआ है, पता नहीं कैसे भरपाई होगी.

crops of Farmers is ruined due to incessant rain
खराब फसल

धान के फसल को भी हुआ है नुकसान
इधर, आधुनिक तरीके से खेती करने वाले प्रगतिशील किसान का कहना है कि सिर्फ सब्जियां ही नहीं धान के फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इस संबंध में कृषि में आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने वाले जयप्रकाश मंडल जिन्हें झारखंड सरकार ने इजरायल भेजा था, वे कहते हैं कि अगर अभी कुछ दिन आगे बारिश लगातार होती है या फिर आसमान में बादल छाए रहते हैं तो धान में चावल का दाना नहीं आएगा.

ये भी देखें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: गठबंधन को लेकर कांग्रेस-बीजेपी की बीच छिड़ी जुबानी जंग

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
इस संबंध में संथाल परगना के संयुक्त कृषि निदेशक अजय कुमार सिंह ने भी माना कि सब्जियों के फसल को काफी नुकसान हुआ है, वे कहते हैं जिन किसानों के बैंगन और टमाटर खराब हो गए हैं, वह चाहे तो फिर से इन सब्जियों का पौधा लगा सकते हैं, क्योंकि अभी इसका समय बचा हुआ है. साथ ही साथ धान के किसानों को उनकी सलाह है कि वे धान के जड़ में पानी जमने नहीं दें. इससे कीट व्याधि की संभावना ज्यादा रहती है.

वहीं इस साल मई, जून के महीने में काफी कम बारिश हुई. किसानों ने जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था कर धान और अन्य फसल लगाया, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से हुई लगातार जोरदार बारिश ने किसानों के हौसले पस्त कर दिए हैं.

Intro:दुमका -
दुमका में पिछले 10 दिनों में हुई जोरदार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है । खासतौर पर लत्तेदार सब्जियां जैसे खीरा , कद्दू , नेनुआ के फसल बर्बाद हो गए हैं । जबकि बैगन टमाटर के पौधे में जो फूल लगे थे उसके परागकण झड़ गए जिससे अब उसमें फल लगने की संभावना समाप्त हो गई है । इधर जिन किसानों के खेत में मूंग उड़द लगा था उसको भी हानि हुई है ।

क्या कहते हैं किसान ।
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फसल खराब हो जाने से किसान काफी चिंतित है । उनका कहना है कि हमलोगों को काफी नुकसान हुआ है । पता नहीं कैसे भरपाई होगी ।

बाईंट - ओबीलाल हेम्ब्रम , किसान
बाईंट - स्टीफन किस्कू , किसान


Body:धान के फसल को भी हुआ है नुकसान ।
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इधर आधुनिक तरीके से खेती करने वाले प्रगतिशील किसान का कहना है कि सिर्फ सब्जियां ही नहीं धान के फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है । इस संबंध में कृषि में आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने वाले जयप्रकाश मण्डल जिन्हें झारखंड सरकार ने इजरायल भेजा था वे कहते हैं कि अगर अभी कुछ दिन आगे बारिश लगातार होती है या फिर आसमान में बादल छाए रहते हैं तो धान में चावल का दाना नहीं आएगा ।

बाईंट - जयप्रकाश मण्डल , प्रगतिशील किसान


Conclusion:क्या कहते हैं कृषि अधिकारी ।
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इस संबंध में संथालपरगना के संयुक्त कृषि निदेशक अजय कुमार सिंह से जब हमने बात की तो उन्होंने भी माना कि सब्जियों के फसल को काफी नुकसान हुआ है । वे कहते हैं बैंगन और टमाटर जिन किसानों का खराब हो गया है वह चाहे तो फिर से इन सब्जियों का पौधा लगा सकते हैं क्योंकि अभी इसका समय बचा हुआ है । साथ ही साथ धान के किसानों को उनकी सलाह है कि वे धान के जड़ में पानी जमने नहीं दें इससे कीट व्याधि की संभावना ज्यादा रहती है ।

बाईंट - अजय कुमार सिंह , संयुक्त कृषि निदेशक , संथालपरगना

फाइनल वीओ -
इस वर्ष महीने में मई - जून के महीने में बारिश काफी कम हुई । किसानों ने जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था कर धान और अन्य फसल को लगाया लेकिन पिछले एक पखवाड़े से हुई लगातार जोरदार बारिश ने किसानों के हौसले पस्त कर दिए हैं ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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