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शादी विवाह समारोह पर कोरोना ने कसा शिकंजा, व्यवसायी झेल रहे हैं आर्थिक नुकसान

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Published : May 11, 2021, 2:19 PM IST

कोरोना संक्रमण का असर वैवाहिक कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रहा है. पिछले साल भी कोरोना के कारण दुमका में वैवाहिक कार्यक्रमों से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ था. इस साल भी शादी समारोह पर कोरोना का कहर है.

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शादी-विवाह समारोह पर कोरोना ने कसा शिकंजा

दुमकाः कोरोना संक्रमण ने शादी-विवाह के आयोजन को काफी हद तक प्रभावित किया है. कई आयोजन आने वाले समय के लिए टाल दिए गए तो कहीं कहीं-काफी संक्षिप्त तौर पर यह आयोजित हो रहे हैं. इससे ऐसे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ जो आयोजन से रोजगार प्राप्त करते थे.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- दूल्हे की सजी रह गयी बारात, दुल्हन ने किया शादी से इंकार



शादियों के आयोजन पर कोरोना का दुष्प्रभाव
कोरोना ने शादी विवाह को काफी प्रभावित किया है. सरकारी नियमों के अनुसार शादी समारोह में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं. उन्हें भी सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करना है. सेनेटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग रहना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से होना चाहिए. ऐसे में जो लोग धूमधाम से शादी करना चाहते हैं उन्होंने तिथि फिलहाल कैंसिल कर दी है. जिनके लिए अभी शादी करना जरूरी था उन्होंने आयोजन को संक्षिप्त कर लिया.

व्यवसाय पर बुरा असर
शादी-विवाह पर पड़े कोरोना के प्रभाव से ऐसे व्यवसायियों को काफी असर पड़ा है जिनका रोजगार ऐसे समारोह से जुड़ा रहता है. इसमें विवाह भवन, टेंट हाउस, कैटरर्स, रसोइया के साथ-साथ पंडितों को भी आर्थिक नुकसान हुआ है. दुमका में लगभग 20 विवाह भवन हैं. उन सभी में जो शादियां होने वाली थी लगभग सभी कैंसिल हो गईं.

जो लोग शादी कर रहे हैं वे छोटे स्तर पर अपने घर से ही इसे आयोजित कर ले रहे हैं. अगर शादी में 500 लोगों की आने की उम्मीद थी. उनके खाने पीने की व्यवस्था कैटरर्स को करना था, लेकिन अब जब 50 लोग आ रहे हैं तो व्यवस्था बिल्कुल छोटी रह गई है. पंडित जो शादी विवाह कराकर अच्छा रोजगार प्राप्त करते थे उन्हें भी कह दिया गया है अब शादी अगले वर्ष होगी.

क्या कहते हैं आयोजन से जुड़े लोग
सुनील कुमार गुप्ता जो टेंट हाउस और कैटरिंग का काम करते हैं उन्होंने बताया कि पिछले साल भी जब लग्न का समय था तो कोरोना आ गया. हम लोगों को उम्मीद थी कि नुकसान इस वर्ष पूरा होगा, लेकिन इस वर्ष भी यही स्थिति है. वे कहते हैं कि इस नुकसान से उबरना काफी मुश्किल है.

वहीं विवाह भवन वाले कहते हैं कि पूरे 1 साल तक हमने अपने स्टाफ को काम पर ही रखा था कि इस वर्ष उसका फायदा मिलेगा, लेकिन यह वर्ष भी कोरोना की भेंट चढ़ गया. छोटे-छोटे रसोइया जो पूरे वर्ष शादी के सीजन का इंतजार करते हैं उन्हें तो काफी परेशानी हो रही है. इधर पंडित पुरोहित जो शादी विवाह की रस्म करवाते हैं उन्हें भी इस अवसर पर अच्छी आमदनी प्राप्त होती है, लेकिन उसमें भी ग्रहण लग गया है.

दुमकाः कोरोना संक्रमण ने शादी-विवाह के आयोजन को काफी हद तक प्रभावित किया है. कई आयोजन आने वाले समय के लिए टाल दिए गए तो कहीं कहीं-काफी संक्षिप्त तौर पर यह आयोजित हो रहे हैं. इससे ऐसे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ जो आयोजन से रोजगार प्राप्त करते थे.

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शादियों के आयोजन पर कोरोना का दुष्प्रभाव
कोरोना ने शादी विवाह को काफी प्रभावित किया है. सरकारी नियमों के अनुसार शादी समारोह में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं. उन्हें भी सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करना है. सेनेटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग रहना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से होना चाहिए. ऐसे में जो लोग धूमधाम से शादी करना चाहते हैं उन्होंने तिथि फिलहाल कैंसिल कर दी है. जिनके लिए अभी शादी करना जरूरी था उन्होंने आयोजन को संक्षिप्त कर लिया.

व्यवसाय पर बुरा असर
शादी-विवाह पर पड़े कोरोना के प्रभाव से ऐसे व्यवसायियों को काफी असर पड़ा है जिनका रोजगार ऐसे समारोह से जुड़ा रहता है. इसमें विवाह भवन, टेंट हाउस, कैटरर्स, रसोइया के साथ-साथ पंडितों को भी आर्थिक नुकसान हुआ है. दुमका में लगभग 20 विवाह भवन हैं. उन सभी में जो शादियां होने वाली थी लगभग सभी कैंसिल हो गईं.

जो लोग शादी कर रहे हैं वे छोटे स्तर पर अपने घर से ही इसे आयोजित कर ले रहे हैं. अगर शादी में 500 लोगों की आने की उम्मीद थी. उनके खाने पीने की व्यवस्था कैटरर्स को करना था, लेकिन अब जब 50 लोग आ रहे हैं तो व्यवस्था बिल्कुल छोटी रह गई है. पंडित जो शादी विवाह कराकर अच्छा रोजगार प्राप्त करते थे उन्हें भी कह दिया गया है अब शादी अगले वर्ष होगी.

क्या कहते हैं आयोजन से जुड़े लोग
सुनील कुमार गुप्ता जो टेंट हाउस और कैटरिंग का काम करते हैं उन्होंने बताया कि पिछले साल भी जब लग्न का समय था तो कोरोना आ गया. हम लोगों को उम्मीद थी कि नुकसान इस वर्ष पूरा होगा, लेकिन इस वर्ष भी यही स्थिति है. वे कहते हैं कि इस नुकसान से उबरना काफी मुश्किल है.

वहीं विवाह भवन वाले कहते हैं कि पूरे 1 साल तक हमने अपने स्टाफ को काम पर ही रखा था कि इस वर्ष उसका फायदा मिलेगा, लेकिन यह वर्ष भी कोरोना की भेंट चढ़ गया. छोटे-छोटे रसोइया जो पूरे वर्ष शादी के सीजन का इंतजार करते हैं उन्हें तो काफी परेशानी हो रही है. इधर पंडित पुरोहित जो शादी विवाह की रस्म करवाते हैं उन्हें भी इस अवसर पर अच्छी आमदनी प्राप्त होती है, लेकिन उसमें भी ग्रहण लग गया है.

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