दुमकाः मयूराक्षी नदी पर बनाए गए ढाई किलोमीटर लंबे पुल के नाम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि पुल का नाम शिबू सोरेन सेतु होगा. वहीं अचानक शुक्रवार को ब्रिज पर किसी ने एक दर्जन से अधिक बाबा तिलका मांझी सेतु के नाम का बोर्ड लगा दिया है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
जानिए क्या है पूरा मामलाः दुमका के मयूराक्षी नदी पर कुमड़ाबाद से मकरमपुर को जोड़ने वाली ढाई किलोमीटर लंबे पुल के नाम को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, पांच दिन पूर्व 30 अक्टूबर को इस पुल का उद्घाटन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था और उद्घाटन के मौके पर मंच से ही उन्होंने यह घोषणा की थी कि पुल का नाम शिबू सोरेन सेतु होगा और इसके लिए जो आवश्यक सरकारी प्रक्रिया है, वह पूरी करते हुए शिलापट लगाया जाएगा.
भाजपा नेताओं ने की थी पुल का नाम तिलका मांझी के नाम पर रखने की मांगः इस घोषणा के तुरंत बाद रांची में भाजपा के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार से यह मांग की थी कि पुल का नाम स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी सेतु रखा जाए. इधर, दुमका की पूर्व विधायक और रघुवर सरकार में कल्याण मंत्री रहीं लुईस मरांडी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुल का नाम बाबा तिलका मांझी के नाम पर रखने की मांग की थी. यह सब बातें चल हीं रही थी कि शुक्रवार को अचानक पुल पर बाबा तिलका मांझी सेतु के नाम का एक दर्जन से अधिक बोर्ड लगा दिए गए हैं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोगः बाबा तिलका मांझी सेतु के नाम से लगे इस बोर्ड के संबंध में ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बात की. लोगों ने बताया कि हमें यह जानकारी नहीं है कि किसने पुल पर बोर्ड लगाया है. शुक्रवार को अचानक पुल पर यह बोर्ड नजर आ रहा है. कल तक यह बोर्ड यहां नहीं था.