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बदहाल रासायनिक उर्वरक प्रयोगशाला, विशेषज्ञों के अभाव में 12 वर्ष बाद भी नहीं हो सका चालू

दुमका में रासायनिक उर्वरक प्रयोगशाला अब तक शुरू नहीं हुआ है. जबकि 12 वर्ष पूर्व रासायनिक उर्वरक की प्रयोगशाला का निर्माण कराया गया था. इस वजह से उर्वरक लैब बदहाल स्थिति में है, इसे देखने वाला कोई नहीं है.

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दुमका
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Published : Mar 26, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 5:25 PM IST

दुमकाः सरकार जनता के हित के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण तो कर देती है पर उसे संचालित कौन करेगा इस पर ध्यान नहीं देती. इसका उदाहरण दुमका में देखा जा सकता है. जिला के खूंटा बांध रोड स्थित कृषि भवन के निचले तल्ले पर रासायनिक उर्वरक की जांच के लिए एक प्रयोगशाला 12 वर्ष पूर्व 2010 में बनाया गया था. जिसमें लाखों रुपए खर्च हुए लेकिन आज तक यह लैब चालू ही नहीं हो सका है.

इसे भी पढ़ें- किसानों की खुशहाली के लिए बना कृषि अनुसंधान केंद्र बदहाल, कर्मचारियों की कमी से नहीं हो रहा काम


दुमका के संयुक्त कृषि कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर एक लैब है. देखने में यह भी कबाड़खाने के रूप में नजर आ रहा है. लेकिन यह रासायनिक खाद की गुणवत्ता को जांच करने के लिए बना प्रयोगशाला है. इसका निर्माण 2010 में लाखों रुपए की लागत से कराया गया था. लेकिन उर्वरक जांच के लिए जिन विशेषज्ञों की आवश्यकता थी उनकी यहां बहाली नहीं हुई. इस वजह से यह जांच केंद्र आज तक चालू नहीं हो सका. आज यह उर्वरक लैब बदहाल स्थिति में है.

देखें पूरी खबर

सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को इस जांच केंद्र की जानकारी तक नहीं है. बिना इस्तेमाल के ही यह भवन पूरी तरह से जर्जर होता जा रहा है. इसमें जो सामान लगे थे वह उखड़ चुके हैं. वर्तमान में यह कृषि विभाग के नाइट गार्ड के रहने का आशियाना बन गया है. क्योंकि बिना विशेषज्ञों के यह लैब किसी बेजान भवन से कम नहीं है. जिस उद्देश्य के लिए यह बनाया गया था आज तक इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है.

Chemical fertilizer laboratory in Dumka not started yet
बदहाल रासायनिक उर्वरक प्रयोगशाला



क्या कहते हैं अधिकारीः इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने दुमका के ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर अजय कुमार सिंह से बात की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह फर्टिलाइजर क्वालिटी लैब (Fertilizer Quality Lab) है. विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से यह चालू नहीं हो सका लेकिन विशेषज्ञों की बहाली हो रही है और बहुत जल्द यह चालू हो जाएगा और किसानों के काम आएगा. सवाल यह है कि जब विशेषज्ञ ही नहीं थे तो लैब का निर्माण ही क्यों कराया गया. जिला कृषि विभाग को इस पर इस संज्ञान लेना चाहिए और किसानों की सुविधा के लिए इस लैब को चालू कराना चाहिए.

दुमकाः सरकार जनता के हित के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण तो कर देती है पर उसे संचालित कौन करेगा इस पर ध्यान नहीं देती. इसका उदाहरण दुमका में देखा जा सकता है. जिला के खूंटा बांध रोड स्थित कृषि भवन के निचले तल्ले पर रासायनिक उर्वरक की जांच के लिए एक प्रयोगशाला 12 वर्ष पूर्व 2010 में बनाया गया था. जिसमें लाखों रुपए खर्च हुए लेकिन आज तक यह लैब चालू ही नहीं हो सका है.

इसे भी पढ़ें- किसानों की खुशहाली के लिए बना कृषि अनुसंधान केंद्र बदहाल, कर्मचारियों की कमी से नहीं हो रहा काम


दुमका के संयुक्त कृषि कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर एक लैब है. देखने में यह भी कबाड़खाने के रूप में नजर आ रहा है. लेकिन यह रासायनिक खाद की गुणवत्ता को जांच करने के लिए बना प्रयोगशाला है. इसका निर्माण 2010 में लाखों रुपए की लागत से कराया गया था. लेकिन उर्वरक जांच के लिए जिन विशेषज्ञों की आवश्यकता थी उनकी यहां बहाली नहीं हुई. इस वजह से यह जांच केंद्र आज तक चालू नहीं हो सका. आज यह उर्वरक लैब बदहाल स्थिति में है.

देखें पूरी खबर

सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को इस जांच केंद्र की जानकारी तक नहीं है. बिना इस्तेमाल के ही यह भवन पूरी तरह से जर्जर होता जा रहा है. इसमें जो सामान लगे थे वह उखड़ चुके हैं. वर्तमान में यह कृषि विभाग के नाइट गार्ड के रहने का आशियाना बन गया है. क्योंकि बिना विशेषज्ञों के यह लैब किसी बेजान भवन से कम नहीं है. जिस उद्देश्य के लिए यह बनाया गया था आज तक इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है.

Chemical fertilizer laboratory in Dumka not started yet
बदहाल रासायनिक उर्वरक प्रयोगशाला



क्या कहते हैं अधिकारीः इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने दुमका के ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर अजय कुमार सिंह से बात की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह फर्टिलाइजर क्वालिटी लैब (Fertilizer Quality Lab) है. विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से यह चालू नहीं हो सका लेकिन विशेषज्ञों की बहाली हो रही है और बहुत जल्द यह चालू हो जाएगा और किसानों के काम आएगा. सवाल यह है कि जब विशेषज्ञ ही नहीं थे तो लैब का निर्माण ही क्यों कराया गया. जिला कृषि विभाग को इस पर इस संज्ञान लेना चाहिए और किसानों की सुविधा के लिए इस लैब को चालू कराना चाहिए.

Last Updated : Mar 26, 2022, 5:25 PM IST
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