दुमका: जिले के सरकारी कार्यालयों में अब बोतलबंद पानी नहीं दिखेगा. चाहे वे अधिकारी हो या कर्मी या फिर कोई आगंतुक उन्हें सील बंद बोतल का पानी नहीं दिया जाएगा. बल्कि प्यूरीफायर के पानी को गिलास में डालकर सर्व किया जाएगा. यह निर्देश दुमका उपायुक्त रवी शंकर शुक्ला ने दी है.
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क्या है पूरा मामला: कोलकाता स्थित नेशनल फूड लेब्रोटरी ने कुछ दिन पूर्व दुमका में निर्मित का काइट्स एक्वा बोतलबंद पानी को अनसेफ करार दिया था. रिपोर्ट प्राप्ति के तुरंत बाद दुमका एसडीएम कौशल कुमार ने कंपनी को नोटिस जारी किया कि आप उत्पादन तत्काल बंद करें और जितने भी बोतल या जार बाजार में भेज रखा है उसे वापस मंगाकर नष्ट करायें. रिपोर्ट आने और एसडीएम के नोटिस के बाद से लगातार इसके साइड इफेक्ट्स देखे जा रहे हैं. इस बार जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने निर्देश जारी किया है सरकारी कार्यालयों में किसी भी कंपनी के बोतल बंद पानी का प्रयोग करने से बचें. इसकी जगह प्यूरीफायर का पानी गिलास में सर्व करें. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि काईट्स एक्वा जिसके पानी को जांच के बाद प्रयोगशाला ने असुरक्षित का रिपोर्ट दिया है, उसके जो भी उत्पाद बाजार में हैं उसे जल्द कंपनी वापस मंगाये.
शहरी जलापूर्ति का पानी बोतल में भरा जाता था, होगा भारी जुर्माना: इधर, दुमका के बाईपास इलाके में स्थित काइट्स एक्वा के प्लांट को नगर परिषद की एक टीम ने जांच की है. जांच में यह बात सामने आई कि कंपनी के द्वारा शहरी जलापूर्ति का जो कनेक्शन लिया गया था, उसी से बोतल में पानी भरा जा रहा था. नगर परिषद के टाउन मैनेजर पद पर कार्यरत सुमित आनन्द सोरेन ने बताया कि शहरी जलापूर्ति का पानी लेकर उसे बोतल में भरकर बेचना गैरकानूनी है. इसके लिए कंपनी को उस तिथि से जुर्माना लगाया जाएगा जब से उन्होंने कनेक्शन लिया है.