ETV Bharat / state

बुकर प्राइज से सम्मानित गीतांजलि श्री ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत, कहा- ईमानदारी से करें साहित्य सृजन, सफलता जरूर मिलेगी - झारखंड समाचार

दुमका में दो दिवासीय लिटरेचर फेस्टिवल चल रहा है. उस में भाग लेगे के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री पहुंची. यहां इन्होंने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए.

Booker Prize winner Geetanjali Shree
Booker Prize winner Geetanjali Shree
author img

By

Published : Mar 18, 2023, 7:46 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 7:53 PM IST

गीतांजलि श्री से बात करते संवाददाता मनोज केसरी

दुमका: अपनी रचना 'रेत समाधि' के लिए वर्ष 2022 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पाने वाली प्रसिद्ध लेखिका गीतांजलि श्री का कहना है कि अगर ईमानदारी पूर्वक अपने को खंगालते हुए साहित्य की रचना की जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी. गीतांजलि श्री जिला प्रशासन द्वारा आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने दुमका आई थीं. यह बातें उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहीं.

ये भी पढ़ें: Literature Festival In Dumka: दुमका में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल शुरू, कार्यक्रम में देशभर के कई साहित्यकार लेंगे हिस्सा


साहित्य को लेकर युवाओं में काफी ऊर्जा: दुमका लिटरेचर फेस्टिवल में आकर गीतांजलि श्री काफी संतुष्ट नजर आईं. उन्होंने मंच से अपने उपन्यास रेत समाधि पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि झारखंड और दुमका में आयोजित इस साहित्य उत्सव में आकर काफी अच्छा लग रहा है. इस तरह के कार्यक्रम से एक साहित्यिक माहौल बनता है और यह होते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज की जो युवा पीढ़ी है साहित्य के प्रति उनमें काफी ऊर्जा है और वे बेहतर कल की रचना कर सकते हैं. आज के जो युवा हैं वे बेहतर रचना कैसे करें इसकी टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने आसपास को देखें उससे सीखिए, जानिए, अपने को खंगालिए और ईमानदारी पूर्वक लिखते रहिए. सफलता जरूर मिलेगी.

दरअसल दुमका में 18 और 19 मार्च दो दिनों का जो लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किया गया है. इसका उद्देश्य यही है कि नई पीढ़ी कैसे साहित्य सृजन की ओर आकर्षित हो. बेहतर साहित्य की रचना कैसे करें. उनकी रचना कैसे प्रकाशकों तक पहुंचे. रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए उन्हें क्या करना है. इन्हीं बातों की जानकारी देने के लिए इस साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें पूरे देश भर के प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, कवि के साथ कई प्रकाशक भी भाग ले रहे हैं.

गीतांजलि श्री का संक्षिप्त परिचय: गीतांजलि श्री मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली हैं. उनकी शिक्षा लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू से हुई है. गीतांजलि श्री उपन्यासकार और लघु कथा की रचनाकार हैं . उनकी पहली कहानी 'बेल पत्र' (1987) थी, जो साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित हुई थी. उनकी अन्य रचना में तिरोहित और यहां हाथी रहते हैं, प्रमुख हैं. 2018 में उन्होंने रेत समाधि नाम की हिन्दी उपन्यास की रचना की. जिसका अंग्रेज़ी में अनुवाद यूएस की लेखिका डेज़ी रॉकवेल ने 'TOMB OF SAND' के रूप में किया. वर्ष 2022 में इसी TOMB OF SEND ने साहित्य क्षेत्र का सम्मानित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता.

गीतांजलि श्री से बात करते संवाददाता मनोज केसरी

दुमका: अपनी रचना 'रेत समाधि' के लिए वर्ष 2022 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पाने वाली प्रसिद्ध लेखिका गीतांजलि श्री का कहना है कि अगर ईमानदारी पूर्वक अपने को खंगालते हुए साहित्य की रचना की जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी. गीतांजलि श्री जिला प्रशासन द्वारा आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने दुमका आई थीं. यह बातें उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहीं.

ये भी पढ़ें: Literature Festival In Dumka: दुमका में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल शुरू, कार्यक्रम में देशभर के कई साहित्यकार लेंगे हिस्सा


साहित्य को लेकर युवाओं में काफी ऊर्जा: दुमका लिटरेचर फेस्टिवल में आकर गीतांजलि श्री काफी संतुष्ट नजर आईं. उन्होंने मंच से अपने उपन्यास रेत समाधि पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि झारखंड और दुमका में आयोजित इस साहित्य उत्सव में आकर काफी अच्छा लग रहा है. इस तरह के कार्यक्रम से एक साहित्यिक माहौल बनता है और यह होते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज की जो युवा पीढ़ी है साहित्य के प्रति उनमें काफी ऊर्जा है और वे बेहतर कल की रचना कर सकते हैं. आज के जो युवा हैं वे बेहतर रचना कैसे करें इसकी टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने आसपास को देखें उससे सीखिए, जानिए, अपने को खंगालिए और ईमानदारी पूर्वक लिखते रहिए. सफलता जरूर मिलेगी.

दरअसल दुमका में 18 और 19 मार्च दो दिनों का जो लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किया गया है. इसका उद्देश्य यही है कि नई पीढ़ी कैसे साहित्य सृजन की ओर आकर्षित हो. बेहतर साहित्य की रचना कैसे करें. उनकी रचना कैसे प्रकाशकों तक पहुंचे. रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए उन्हें क्या करना है. इन्हीं बातों की जानकारी देने के लिए इस साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें पूरे देश भर के प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, कवि के साथ कई प्रकाशक भी भाग ले रहे हैं.

गीतांजलि श्री का संक्षिप्त परिचय: गीतांजलि श्री मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली हैं. उनकी शिक्षा लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू से हुई है. गीतांजलि श्री उपन्यासकार और लघु कथा की रचनाकार हैं . उनकी पहली कहानी 'बेल पत्र' (1987) थी, जो साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित हुई थी. उनकी अन्य रचना में तिरोहित और यहां हाथी रहते हैं, प्रमुख हैं. 2018 में उन्होंने रेत समाधि नाम की हिन्दी उपन्यास की रचना की. जिसका अंग्रेज़ी में अनुवाद यूएस की लेखिका डेज़ी रॉकवेल ने 'TOMB OF SAND' के रूप में किया. वर्ष 2022 में इसी TOMB OF SEND ने साहित्य क्षेत्र का सम्मानित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता.

Last Updated : Mar 18, 2023, 7:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.