दुमका: जिले के सदर प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों को मिड डे मिल (MDM) के लिए आवंटित किए जाने वाले चावल की कालाबाजारी (Black Marketing of Rice) का मामला सामने आया है. गोदाम प्रभारी सह जनसेवक रामजीवन तुरी ने तीन साल के अंदर करीब 2630.46 क्विंटल चावल गायब कर दिया, जिसकी कीमत 56 लाख रुपये बताई जा रही है.
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जांच में हुआ खुलासा
प्रशासन को एक अज्ञात पत्र मिला था, कि एमडीएम के चावल गायब किए जा रहे हैं, जिसके बाद इस मामले की जांच की जिम्मेदारी बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा को दी गई. जांच में एमडीएम में व्यापक गड़बड़ी पाई गई. घोटाले का मामला सामने आते ही बीडीओ ने गोदाम प्रभारी रामजीवन तुरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. जांच में यह भी खुलासा हुआ, कि दुमका सदर प्रखंड के परिवहन अभिकर्ता मनोज कुमार गुप्ता और गोदाम प्रभारी रामजीवन तुरी ने मिलकर गड़बड़ी की है. इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी चल रही है. गोदाम के जांच के साथ भंडार और वितरण पंजी की जांच में पता चला, कि प्रभारी ने किसी भी पंजी का मेंटेनेंस सही तरीके नहीं किया है. दोनों पंजी में अंकित चावल की मात्रा में काफी अंतर है.
हजारों क्विंंटल चावल का हिसाब गायब
साल 2018 से 2021 अभी तक कुल 17176.66 क्विंटल चावल गोदाम को आपूर्ति किया गया. गोदाम प्रभारी ने कुल 17183.46 क्विंटल चावल का वितरण दिखाया है. जबकि प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार साल 2018 से 2021 अभी तक 14553 क्विंटल चावल का ही वितरण विद्यालयों को किया गया है. गोदाम प्रभारी ने बिचौलिया की मिलीभगत से कुल 2630.46 क्विंटल चावल का घोटाला किया है.
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56 लाख का चावल घोटाला
गोदाम के वितरण पंजी और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय में मेंटेनेंस चावल वितरण पंजी का मिलान करने पर अंतर पाया गया है. बीडीओ ने बताया, कि जांच में व्यापक स्तर पर घोटाला सामने आया है, गोदाम प्रभारी ने जितने क्विंटल चावल का घोटाला किया है, उसकी कीमत लगभग 56 लाख रुपये है.