ETV Bharat / state

NGT के आदेश पर 217 पत्थर कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई, 400 करोड़ रुपये की होगी वसूली - पत्थर खदान संचालकों को 400 करोड़ की पैनल्टी

एनजीटी के आदेश पर दुमका के 217 पत्थर कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई. डीसी ने सभी को नोटिस भेजकर पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई करने को कहा है. इनसे लगभग 400 करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी.

stone mines operator in Dumka
दुमका डीसी राजेश्वरी बी
author img

By

Published : Nov 24, 2020, 6:29 PM IST

दुमका: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दुमका जिला प्रशासन को यह आदेश दिया है कि जिले में पर्यावरणीय क्षति पहुंचाने वाले 217 पत्थर खदान संचालकों से राजस्व वसूली करे. एनजीटी के आदेश पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जिला खनन पदाधिकारी के साथ एक बैठक की. इस बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि ऐसे पत्थर खदान जिसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान हुआ है, उसके नुकसान का आकलन करें और पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध में उनसे मूल्य/दंड का निर्धारण कर वसूली करने की कार्रवाई शुरू करें. इसमें चार तरह के स्टोन माइन्स पर कारवाई होनी है- ऑपरेटिव, नॉन ऑपरेटिव, सरेंडर और अवैध

2018 में एनजीटी ने करवाया था सर्वेक्षण
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2018 में इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन ( ICFRI ) देहरादून की अनुषांगी इकाई, इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेस्ट प्रोडक्टिविटी, रांची के द्वारा दुमका के स्टोन माइन्स का सर्वेक्षण करवाया था. इसमें पाया गया था 217 स्टोन माइन्स से पर्यावरण को क्षति पहुंचाया गया है. फिर इन क्षति का आर्थिक आकलन किया गया, यह राशि लगभग 400 करोड़ रुपए की है.


उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दी जानकारी
जिले की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जानकारी दी कि एनजीटी के निर्देश पर हमने बैठक की है. इसमें 217 पत्थर खदान संचालकों को नोटिस किया जा रहा है, जिसमें यह उल्लेखित रहेगा कि आपने जो पर्यावरणीय क्षति की है, उसके एवज में तय की गई राशि को जमा करें.

दुमका: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दुमका जिला प्रशासन को यह आदेश दिया है कि जिले में पर्यावरणीय क्षति पहुंचाने वाले 217 पत्थर खदान संचालकों से राजस्व वसूली करे. एनजीटी के आदेश पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जिला खनन पदाधिकारी के साथ एक बैठक की. इस बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि ऐसे पत्थर खदान जिसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान हुआ है, उसके नुकसान का आकलन करें और पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध में उनसे मूल्य/दंड का निर्धारण कर वसूली करने की कार्रवाई शुरू करें. इसमें चार तरह के स्टोन माइन्स पर कारवाई होनी है- ऑपरेटिव, नॉन ऑपरेटिव, सरेंडर और अवैध

2018 में एनजीटी ने करवाया था सर्वेक्षण
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2018 में इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन ( ICFRI ) देहरादून की अनुषांगी इकाई, इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेस्ट प्रोडक्टिविटी, रांची के द्वारा दुमका के स्टोन माइन्स का सर्वेक्षण करवाया था. इसमें पाया गया था 217 स्टोन माइन्स से पर्यावरण को क्षति पहुंचाया गया है. फिर इन क्षति का आर्थिक आकलन किया गया, यह राशि लगभग 400 करोड़ रुपए की है.


उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दी जानकारी
जिले की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जानकारी दी कि एनजीटी के निर्देश पर हमने बैठक की है. इसमें 217 पत्थर खदान संचालकों को नोटिस किया जा रहा है, जिसमें यह उल्लेखित रहेगा कि आपने जो पर्यावरणीय क्षति की है, उसके एवज में तय की गई राशि को जमा करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.