धनबादः जिला में रंगदारी और अवैध वसूली का धंधा थमता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन एक व्यवसायी ने पुलिस के संरक्षण में हो रही अवैध वसूली का आरोप लगाकर इलाके में सनसनी फैला दी है. इसको लेकर पीड़ित व्यवसायी गणेश पांडेय ने प्रशासन के आलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.
गणेश पांडेय ने बताया कि शुक्रवार की रात सरिया लोड हमारी ट्रक को राकेश केसरी के द्वारा रोका गया. उसके द्वारा ई-वे बिल मांगा गया. उसके बाद ड्राइवर का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया और ड्राइवर से पेपर का फाइल उसके द्वारा ले लिया गया. इसकी सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी जयराम प्रसाद से मुलाकात की. थाना प्रभारी द्वारा कहा गया कि आज के बाद ऐसा नहीं होगा. आज के बाद आपकी गाड़ी नहीं पकड़ी जाएगी. गणेश पांडेय ने बताया कि तीनों युवक स्विफ्ट कार से वसूली करते हैं. जिनकी स्विफ्ट कार का नंबर JH 10 BZ 1077 है. उन्होंने बताया कि तोपचांची थाना की मिलीभगत से इन युवकों के द्वारा गुंडागर्दी की जा रही है. गणेश पांडेय ने जिला के एसएसपी संजीव कुमार से मांग की है कि थाना प्रभारी और इन युवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
अपने आवेदन में उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात व्यवसायी गणेश पांडेय का सरिया लोड ट्रक कोलकाता से चली थी. जिसे तोपचांची थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर जीएसटी जांच के लिए रोक दिया गया. गणेश पांडेय ने बताया कि राकेश केसरी, शिबू शंकर रवानी उर्फ शिबू और ऋषिकेश कुमार उर्फ सन्नी दो सिपाहियों के साथ जीएसटी अधिकारी बनकर थाना के बाहर ट्रकों की चेकिंग लगाते हैं. ये तीनों युवक पासिंग एजेंट हैं, ये सभी जीटी रोड से अपनी गाड़ी पास करवाने का काम करते हैं. थाना की संलिप्तता से जिस गाड़ी से पैसा नहीं दिया जाता है, उस गाड़ी का पेपर व वाहन के ड्राइवर से मोबाइल ले लिया जाता है. सभी पेपर सही रहने के बाद भी केस करना का दबाव इनके द्वारा बनाया जाता है. आठ से दस दिनों तक गाड़ी को जीएसटी में भेजकर परेशान करता है, उसके बाद गाड़ी को छोड़ा जाता है. जीएसटी से रिपोर्ट आने के बाद भी पैसे की मांग की जाती है. इधर मौके पर पहुंची मीडिया की टीम ने लगातार थाना प्रभारी कॉल कर मामले की जानकारी और उनका पक्ष जानना चाहा. लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वह नहीं पहुंचे और ना ही फोन पर कुछ भी बताना मुनासिब समझा.
14 जून 2016 को जीटी रोड राजगंज में एक चमड़ा लोड ट्रक को पीछा करते हुए पुलिस के द्वारा ड्राइवर को गोली मारी गई थी. तोपचांची थाना क्षेत्र में मामला दर्ज होने के बाद तत्कालीन थानेदार उमेश कच्छप को जांच अधिकारी बनाया गया था. 18 जून को उमेश कच्छप का शव तोपचांची थाना परिषर में फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया था. मृतक थानेदार के परिजनों ने घटना को लेकर हत्या का आरोप लगाया था. सीआईडी जांच के साथ पुलिस के कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. यहां पर इस घटना का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि तोपचांची थाना क्षेत्र या फिर जीटी रोड पर एक बार फिर से ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. ताजा मामले में स्विफ्ट कार में पुलिस के साथ सवार तीन युवकों के द्वारा ट्रकों को जबरन रोककर उनसे पैसे की वसूली करने का काम कर रहें हैं. पैसे नहीं देने पर पर जीएसटी या फिर अन्य जांच के लिए थाना के सामने जीटी रोड पर खड़ा कर दिया जा रहा है. ऐसी अवैध वसूली को नहीं रोका गया तो आने वाली किसी अनहोनी को शायद ही टाला जा सके.