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धनबाद: कुम्हारों को सता रही रोजी-रोटी की चिंता, इलेक्ट्रॉनिक लाइटों की न हो ज्यादा मांग

धनबाद जिले में कुम्हारों को रोजी रोटी की समस्या सता रही है. इनको डर है कि इलेक्ट्रॉनिक लाइट की मांग ज्यादा न हो. वहीं लॉकडाउन के शर्तों में दीवाली मनाए जाने पर कुम्हार के दिए की रोशनी कम न रह जाए.

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कुम्हारों को हो रही परेशानी
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Published : Nov 6, 2020, 10:21 AM IST

धनबाद: दीवाली का त्योहार आने वाला है, लेकिन हर बार की तरह लोगों का झुकाव फिर से एक बार अंग्रेजी चमचमाती इलेक्ट्रॉनिक लाइटों की तरफ न चले जाए, यह चिंता कुम्हार परिवारों को हो रही है. वहीं, दुर्गा पूजा लॉकडाउन के शर्तों में मनाया गया. दीवाली में भी अगर ऐसी की शर्त रही तो कुम्हार के दिए कि रोशनी कम न रह जाए इस इस बात का डर है.

देखें पूरी खबर

कुम्हारों के लिए रोजी-रोटी की समस्या

मिट्टी के दिए बेचने वाले कुम्हारों के लिए रोजी रोटी की समस्या अंग्रेजी चमचमाती इलेक्ट्रॉनिक लाइट लंबे समय से बन गया है. पहले दीपावाली का त्योहार नजदीक आने मात्र से कुम्हार परिवार जो मिट्टी के दिए बनाकर बेचा करते थे उन सभी के चहरे में अलग खुशी देखी जाती थी. मिट्टी के दिए बनाकर दूसरे के घरों का अंधेरा दूर करते थे, जिससे थोड़ी बहुत आमदनी हो जाया करती थी.

इसे भी पढ़ें-धनबाद: डीसी ने की पीएम किसान योजना की समीक्षा, SBI के असहयोगात्मक रवैया की कड़ी निंदा

मिट्टी के दियों की मांग

वहीं, दिया बनाने वाले कुम्हार का कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में दुर्गा पूजा मनाया गया. जो बहुत फीका रहा. कहीं दीपावाली में ऐसी शर्त अगर होती है तो उन लोगों का दिया नहीं बिक सकेगा. ऐसे भी मिट्टी के दिए पहले की अपेक्षा बहुत कम लोग खरीदने आते है. ऐसी स्थिति में उन लोगो का दीपावाली ठीक नहीं बीतेगी.

धनबाद: दीवाली का त्योहार आने वाला है, लेकिन हर बार की तरह लोगों का झुकाव फिर से एक बार अंग्रेजी चमचमाती इलेक्ट्रॉनिक लाइटों की तरफ न चले जाए, यह चिंता कुम्हार परिवारों को हो रही है. वहीं, दुर्गा पूजा लॉकडाउन के शर्तों में मनाया गया. दीवाली में भी अगर ऐसी की शर्त रही तो कुम्हार के दिए कि रोशनी कम न रह जाए इस इस बात का डर है.

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कुम्हारों के लिए रोजी-रोटी की समस्या

मिट्टी के दिए बेचने वाले कुम्हारों के लिए रोजी रोटी की समस्या अंग्रेजी चमचमाती इलेक्ट्रॉनिक लाइट लंबे समय से बन गया है. पहले दीपावाली का त्योहार नजदीक आने मात्र से कुम्हार परिवार जो मिट्टी के दिए बनाकर बेचा करते थे उन सभी के चहरे में अलग खुशी देखी जाती थी. मिट्टी के दिए बनाकर दूसरे के घरों का अंधेरा दूर करते थे, जिससे थोड़ी बहुत आमदनी हो जाया करती थी.

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मिट्टी के दियों की मांग

वहीं, दिया बनाने वाले कुम्हार का कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में दुर्गा पूजा मनाया गया. जो बहुत फीका रहा. कहीं दीपावाली में ऐसी शर्त अगर होती है तो उन लोगों का दिया नहीं बिक सकेगा. ऐसे भी मिट्टी के दिए पहले की अपेक्षा बहुत कम लोग खरीदने आते है. ऐसी स्थिति में उन लोगो का दीपावाली ठीक नहीं बीतेगी.

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