धनबाद: जिला महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन से मांग की है कि नगर विकास विभाग की ओर से दिए गए उस आदेश को वापस लिया जाए, जिसमें यह कहा गया है कि शहर के प्रत्येक घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कचरा उठाने के एवज में यूजर्स चार्ज वसूला जाएगा.
आरोप-प्रत्यारोप का काम शुरू
धनबाद में महापौर भाजपा से हैं और सूबे में झारखंड की सरकार है. ऐसे में नगर निगम और सरकार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि यहां पर डीएमएफटी फंड में इतना फंड है कि इसका निदान तो अवश्य हो सकता है. नगर निगम कार्यालय में शुक्रवार को धनबाद महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि धनबाद की गिनती खनिज संपदाओं के लिए होती है. यहां पर खनिज संपदाओं का अकूत भंडार है. यहां के लोग खनिज संपदाओं का धूलकन खाने को मजबूर हैं तो लाभ भी यहां के लोगों को ही मिलना चाहिए.
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नया कानून बनाने की नहीं है जरूरत
महापौर ने कहा कि कानून के तहत डीएमएफटी फंड से इसका निदान भी निकल सकता है. इसके लिए नया कानून बनाने की भी जरूरत नहीं है. यूजर चार्ज का डीएमएफटी फंड से भुगतान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विभाग सुबे के मुखिया ही देख रहे हैं, इसलिए इसका भुगतान डीएमएफटी फंड से करवाया जाए, क्योंकि यहां की जनता यहां के खनिज संपदाओं का दंश झेल रही है तो फायदा भी यहां की जनता को ही मिलना चाहिए.