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धनबाद के लोगों को कचरा उठाव के लिए देना होगा यूजर चार्ज, मेयर ने किया विरोध - Dhanbad NEWS TODAY

कोयलांचल की गिनती झारखंड के समृद्ध जिलों में होती है. यहां पर खनिज संपदा का अकूत भंडार है, जिसका दंश यहां के गरीब तबके के लोग हमेशा ही झेलते हैं. अब यहां के लोगों को डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए यूजर चार्ज भी देना होगा, जिसका विरोध शुक्रवार को धनबाद मेयर ने किया है. उन्होंने सुबे के मुखिया से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है.

धनबाद नगर निगम
Dhanbad Municipal Corporation
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Published : Mar 20, 2020, 11:59 AM IST

धनबाद: जिला महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन से मांग की है कि नगर विकास विभाग की ओर से दिए गए उस आदेश को वापस लिया जाए, जिसमें यह कहा गया है कि शहर के प्रत्येक घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कचरा उठाने के एवज में यूजर्स चार्ज वसूला जाएगा.

देखें पूरी खबर

आरोप-प्रत्यारोप का काम शुरू

धनबाद में महापौर भाजपा से हैं और सूबे में झारखंड की सरकार है. ऐसे में नगर निगम और सरकार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि यहां पर डीएमएफटी फंड में इतना फंड है कि इसका निदान तो अवश्य हो सकता है. नगर निगम कार्यालय में शुक्रवार को धनबाद महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि धनबाद की गिनती खनिज संपदाओं के लिए होती है. यहां पर खनिज संपदाओं का अकूत भंडार है. यहां के लोग खनिज संपदाओं का धूलकन खाने को मजबूर हैं तो लाभ भी यहां के लोगों को ही मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें-कोरोना इफेक्टः झारखंड पुलिस के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर लगा ब्रेक

नया कानून बनाने की नहीं है जरूरत

महापौर ने कहा कि कानून के तहत डीएमएफटी फंड से इसका निदान भी निकल सकता है. इसके लिए नया कानून बनाने की भी जरूरत नहीं है. यूजर चार्ज का डीएमएफटी फंड से भुगतान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विभाग सुबे के मुखिया ही देख रहे हैं, इसलिए इसका भुगतान डीएमएफटी फंड से करवाया जाए, क्योंकि यहां की जनता यहां के खनिज संपदाओं का दंश झेल रही है तो फायदा भी यहां की जनता को ही मिलना चाहिए.

धनबाद: जिला महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन से मांग की है कि नगर विकास विभाग की ओर से दिए गए उस आदेश को वापस लिया जाए, जिसमें यह कहा गया है कि शहर के प्रत्येक घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कचरा उठाने के एवज में यूजर्स चार्ज वसूला जाएगा.

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आरोप-प्रत्यारोप का काम शुरू

धनबाद में महापौर भाजपा से हैं और सूबे में झारखंड की सरकार है. ऐसे में नगर निगम और सरकार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि यहां पर डीएमएफटी फंड में इतना फंड है कि इसका निदान तो अवश्य हो सकता है. नगर निगम कार्यालय में शुक्रवार को धनबाद महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि धनबाद की गिनती खनिज संपदाओं के लिए होती है. यहां पर खनिज संपदाओं का अकूत भंडार है. यहां के लोग खनिज संपदाओं का धूलकन खाने को मजबूर हैं तो लाभ भी यहां के लोगों को ही मिलना चाहिए.

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नया कानून बनाने की नहीं है जरूरत

महापौर ने कहा कि कानून के तहत डीएमएफटी फंड से इसका निदान भी निकल सकता है. इसके लिए नया कानून बनाने की भी जरूरत नहीं है. यूजर चार्ज का डीएमएफटी फंड से भुगतान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विभाग सुबे के मुखिया ही देख रहे हैं, इसलिए इसका भुगतान डीएमएफटी फंड से करवाया जाए, क्योंकि यहां की जनता यहां के खनिज संपदाओं का दंश झेल रही है तो फायदा भी यहां की जनता को ही मिलना चाहिए.

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