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अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद हंगामा, प्रबंधन पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप

धनबाद के Baghmara Ambe Hospital में हर्निया के ऑपरेशन के लिए एडमिट एक बच्चे की मौत की खबर आई है. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

Uproar after child death in Baghmara Ambe Hospital
Uproar after child death in Baghmara Ambe Hospital
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Published : Aug 29, 2022, 11:40 AM IST

धनबाद: बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में 3 साल के एक बच्चे की मौत (Child death in Baghmara Ambe Hospital) के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों के द्वारा उसे हर्निया के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन, ऑपरेशन के बाद बच्चे को होश नहीं आया. बच्चे की हालत की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नहीं दी जा रही थी. परिजनों को बताया गया कि बच्चे को होश नहीं आया है, जिस कारण उसे दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा.

इसे भी पढ़ें: नाले में बहने से 7 साल के मासूम की मौत, फुटबाल निकालने के दौरान हादसा

बच्चे की हालत जानने के लिए भटकते रहे परिजन: अपने बच्चे की स्थिति की जानकारी लेने के लिए परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे. अंततः अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई. मौत की खबर सुनने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में हंगामा (Uproar after child death in Hospital) करने लगे. अस्पताल में मौजूद प्रबंधन के एक स्टाफ के साथ आक्रोशित लोगों ने धक्का मुक्की भी की.

देखें वीडियो

परिजनों का आरोप, अस्पताल प्रबंधन की सफाई: परिजनों का कहना है कि बच्चे को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की डोज अधिक दे दी गई, जिस कारण बच्चे की मौत हुई है. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑपरेशन के बाद बच्चे का पल्स ठीक नहीं चल रहा था. अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, इसलिए उसे दूसरे निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा लेकिन, वहां बच्चे की मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला: नागदा बस्ती के रहने वाले 3 साल के ऋतिक राय को बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हर्निया के ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को होश नहीं आया. परिजन अपने बच्चे से मिलने और उसकी हालत जानने के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन, अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि अभी बच्चे को होश नहीं आया है. होश आने के बाद बच्चे से मिलवाने की बात प्रबंधन ने परिजनों से कही. लेकिन, कई घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई जानकारी नही दी. अंत में बताया गया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है उसे दूसरे अस्पताल में ले जाया गया. परिजनों को बताया गया कि बच्चे को दूसरे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है. फिर कहा गया कि बच्चे को बीजीएच बोकारो ले जाया गया है. बच्चे की हालत की जानकारी लेने परिजन क्षेत्र के ही एक निजी अस्पताल पहुंच गए, जहां उसे भर्ती कराने की बात कही गयी थी लेकिन, यहां भी बच्चा नहीं मिला. परिजन जब दबाव बनाने लगे तो बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है.

धनबाद: बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में 3 साल के एक बच्चे की मौत (Child death in Baghmara Ambe Hospital) के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों के द्वारा उसे हर्निया के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन, ऑपरेशन के बाद बच्चे को होश नहीं आया. बच्चे की हालत की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नहीं दी जा रही थी. परिजनों को बताया गया कि बच्चे को होश नहीं आया है, जिस कारण उसे दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा.

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बच्चे की हालत जानने के लिए भटकते रहे परिजन: अपने बच्चे की स्थिति की जानकारी लेने के लिए परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे. अंततः अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई. मौत की खबर सुनने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में हंगामा (Uproar after child death in Hospital) करने लगे. अस्पताल में मौजूद प्रबंधन के एक स्टाफ के साथ आक्रोशित लोगों ने धक्का मुक्की भी की.

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परिजनों का आरोप, अस्पताल प्रबंधन की सफाई: परिजनों का कहना है कि बच्चे को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की डोज अधिक दे दी गई, जिस कारण बच्चे की मौत हुई है. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑपरेशन के बाद बच्चे का पल्स ठीक नहीं चल रहा था. अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, इसलिए उसे दूसरे निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा लेकिन, वहां बच्चे की मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला: नागदा बस्ती के रहने वाले 3 साल के ऋतिक राय को बाघमारा अंबे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हर्निया के ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को होश नहीं आया. परिजन अपने बच्चे से मिलने और उसकी हालत जानने के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन, अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि अभी बच्चे को होश नहीं आया है. होश आने के बाद बच्चे से मिलवाने की बात प्रबंधन ने परिजनों से कही. लेकिन, कई घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई जानकारी नही दी. अंत में बताया गया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है उसे दूसरे अस्पताल में ले जाया गया. परिजनों को बताया गया कि बच्चे को दूसरे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है. फिर कहा गया कि बच्चे को बीजीएच बोकारो ले जाया गया है. बच्चे की हालत की जानकारी लेने परिजन क्षेत्र के ही एक निजी अस्पताल पहुंच गए, जहां उसे भर्ती कराने की बात कही गयी थी लेकिन, यहां भी बच्चा नहीं मिला. परिजन जब दबाव बनाने लगे तो बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है.

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