धनबाद: जिले के जीआरपी बैरक में गुरूवार सुबह अचानक 2 जवानों की तबीयत बिगड़ने से अफरा-तफरी का महौल हो गया, जिसके बाद आनन फानन में उन्हें पीएमसीएच लाया गया. करीब डेढ़ माह पहले भी जीआरपी बैरक में 2 जवानों की मौत फूड प्वाइजनिंग से हो चुकी है.
फूड प्वाइजनिंग से 2 जवानों की हो चुकी है मौत
ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा जिन जीआरपी जवानों के कंधों पर है, उनके स्वास्थ्य को लेकर पुलिस अधिकारी और संबंधित विभाग लापरवाह नजर आ रहे हैं. जीआरपी बैरक में गुरुवार को हेड कांस्टेबल अब्दुल खान और विष्णु चंद्रा की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद जीआरपी के वरीय पदाधिकारियों ने उन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया.
जीआरपी बैरक के मेस और शौचालय में गंदगियों का अंबार
पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके मिश्रा ने बताया कि करीब 300 जवान जीआरपी के बैरक में रहते हैं, जहां बैरक के मेस, शौचालय और जिस स्थान पर जवान रहते हैं वहां काफी गंदगी है. जवानों के खाना बनाने की मेस और शौचालय के आमने-सामने होने के कारण फूड प्वाइजनिंग का खतरा ज्यादा रहता है, साथ ही इन जगहों पर गंदगी का अंबार लगा है, जिसके कारण जीआरपी जवानों की तबीयत हमेशा खराब होते रहती है.
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एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके मिश्रा ने बताया कि करीब डेढ़ माह पूर्व आरक्षी विजय राम और हवलदार वीरेंद्र यादव की तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी. उन जवानों के साथ भी फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया था. बैरक में फैली अव्यवस्था को लेकर डीआरएम से कई बार लिखित शिकायत की गई है, लेकिन पिछले कई सालों से जवानों की समस्यों पर अधिकारियों इस बात का नजरअंदाज करते आए हैं. इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके मिश्रा ने कहा कि यदि बैरक सुव्यवस्थित नहीं होती तो पुलिस मेंस एसोसिएशन इसके लिए जोरदार आंदोलन करेगा.