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एक ऐसा गांव जहां सड़क के कारण बारात नहीं लाना चाहते हैं लोग, डीसी दे रहे ये दलील - रोगियों को दिक्कत

टुंडी प्रखंड के लोग सड़क क्या होता है वो नहीं जानते, 1992 लेकर आजतक इस गांव में सड़क बना ही नहीं. प्रखंड में सड़क का नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है, खासकर रोगियों को अस्पताल ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

एक ऐसा गांव जहां सड़क के कारण बारात नहीं लाना चाहते हैं लोग
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Published : Mar 4, 2019, 3:23 PM IST

धनबाद: जिले के टुंडी प्रखंड के निवासी विकास क्या होता है उसे सदियों से नहीं जानते. यहां पर जो सड़क सदियों पहले बनी थी उसके बाद उसकी मरम्मत कभी नहीं हुई है. स्थानीय लोग सरकारी कार्यलयों का चक्कर काटते-काटते थक गए लेकिन नतीजा अभीतक सीफर ही रहा.

एक ऐसा गांव जहां सड़क के कारण बारात नहीं लाना चाहते हैं लोग
स्थानीय निवासी कामेश्वर मंडल बताते हैं कि 1992 के बाद आजतक यहां का न ही सड़क बनी और न ही कोई विकास का काम हुआ. किसी रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए यहां एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाता है.वहीं सुनीता देवी बताती हैं कि जबसे हमारी शादी हुई है तबसे मैंने यहां पर सड़क देखा ही नहीं, नेता आते हैं फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं.गांव के हालात के बारे में सुनील मुर्मू बताते हैं कि सड़क खराब रहने से यहां चोरी और लूटपाट की घटनाएं बहुत होती है.वहीं, इस मामले में लुकिया पंचायत की मुखिया मोनिका हांसदा ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर सभी जगहों पर आवेदन दी, लेकिन अबतक कोई फायदा नहीं हो पाया.

इस पूरे मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने धनबाद डीसी को दी तो उन्होंने कहा कि उस गांव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अगर वो गांव हमारे अंदर आता है तो उसका दौरा कर सड़क निर्माण करवाया जाएगा.

सदियों से विकास से महरूम इस प्रखंड का हाल बद से बदतर है. प्रखंड की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है और ये समस्या 1992 से ही है. सड़क नहीं होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालात इतने बुरे हैं कि इस प्रखंड में सड़कों के खराब हालात के कारण शादियां होने में भी काफी दिक्कतें होती है. डीजीटल के इस जमाने में धनबाद के टूंडी प्रखंडों के हालात कब बदलते हैं ये देखना आनेवालें वक्तों में काफी दिलचस्प होगा.

धनबाद: जिले के टुंडी प्रखंड के निवासी विकास क्या होता है उसे सदियों से नहीं जानते. यहां पर जो सड़क सदियों पहले बनी थी उसके बाद उसकी मरम्मत कभी नहीं हुई है. स्थानीय लोग सरकारी कार्यलयों का चक्कर काटते-काटते थक गए लेकिन नतीजा अभीतक सीफर ही रहा.

एक ऐसा गांव जहां सड़क के कारण बारात नहीं लाना चाहते हैं लोग
स्थानीय निवासी कामेश्वर मंडल बताते हैं कि 1992 के बाद आजतक यहां का न ही सड़क बनी और न ही कोई विकास का काम हुआ. किसी रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए यहां एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाता है.वहीं सुनीता देवी बताती हैं कि जबसे हमारी शादी हुई है तबसे मैंने यहां पर सड़क देखा ही नहीं, नेता आते हैं फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं.गांव के हालात के बारे में सुनील मुर्मू बताते हैं कि सड़क खराब रहने से यहां चोरी और लूटपाट की घटनाएं बहुत होती है.वहीं, इस मामले में लुकिया पंचायत की मुखिया मोनिका हांसदा ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर सभी जगहों पर आवेदन दी, लेकिन अबतक कोई फायदा नहीं हो पाया.

इस पूरे मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने धनबाद डीसी को दी तो उन्होंने कहा कि उस गांव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अगर वो गांव हमारे अंदर आता है तो उसका दौरा कर सड़क निर्माण करवाया जाएगा.

सदियों से विकास से महरूम इस प्रखंड का हाल बद से बदतर है. प्रखंड की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है और ये समस्या 1992 से ही है. सड़क नहीं होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालात इतने बुरे हैं कि इस प्रखंड में सड़कों के खराब हालात के कारण शादियां होने में भी काफी दिक्कतें होती है. डीजीटल के इस जमाने में धनबाद के टूंडी प्रखंडों के हालात कब बदलते हैं ये देखना आनेवालें वक्तों में काफी दिलचस्प होगा.


On Tue, Feb 19, 2019 at 6:12 PM RAJA RAM PANDEY <rajaram.pandey@etvbharat.com> wrote:
JH_DHANBAD_RAJA RAM PANDEY_ES GANW ME NHI HOTI HAI SHADIYA

धनबाद: जिले के टुंडी प्रखंड में एक सड़क के कारण गांव वालों का जीना मुहाल है. सड़क की दुर्दशा के चलते गांव वालों का बुरा हाल है. इस गांव में जब कोई महिला गर्भवती हो जाती है तो इन्हें अस्पताल ले जाने में भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है और तो और गांव की सड़क ठीक नहीं होने के कारण इस गांव में शादियां भी नहीं हो पाती है. आखिर क्या है पूरा मामला जानिए इस रिपोर्ट में.

आपको बता दें कि धनबाद गिरिडीह मुख्य पथ पर अवस्थित टुंडी प्रखंड के संग्रामडीह से पाटकोल गांव तक जाने की लगभग 4 किलोमीटर की सड़क ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है.इस गांव में इस सड़क के सहारे दर्जनों गांवों के लगभग 5 हजार लोग आना जाना करते हैं. लेकिन 1992 के बाद इस सड़क पर ना ही जिला प्रशासन ने और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान दिया है. जिसके कारण खासकर रोगियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. गाड़ियां भी इस गांव में नहीं आती है और अगर आपकी हैं तो दोगुना भाड़ा देने पर गाड़ियां इस गांव में घुसती है जो ग्रामीण देने में असमर्थ हो जाते हैं. जंगली रास्ता होने के वजह से छिनतई जैसी आपराधिक घटनाएं भी होती रहती है.

गांव की महिलाओ का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण लड़कों की शादी तो किसी प्रकार हो जाती है पर इस गांव की लड़कियों की शादी करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. अन्य गांव के लोग इस गांव में शादी नहीं करना चाहते कारण एकमात्र जर्जर सड़क है.अब ऐसे में ग्रामीण सभी जगह गुहार लगा कर थक चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है आखिर ग्रामीण करें तो क्या करें.

पंचायत की मुखिया मोनिका हासदा ने भी माना कि गांव की सड़क ठीक नहीं है.सभी जगह पत्राचार भी किया गया है सड़क बनना भी चाहिए नहीं बन पा रही है जिसका मुझे दुख भी है लेकिन हम क्या करें. वहीं ग्रामीण वर्तमान विधायक राजकिशोर महतो को भला बुरा कहने से भी नहीं चूके. जब हमारे संवाददाता ने राजकिशोर महतो से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने दूरभाष पर कहा कि मुझे सड़क की जानकारी है और बहुत जल्द ही सड़क बन जाएगी. उन्होंने कैमरे के सामने आने से साफ मना कर दिया. 

जब जिले के उपायुक्त से इस बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उपायुक्त ए दोड्डे ने बताया कि ETV BHARAT के माध्यम से मुझे इस बात की जानकारी मिली है और जल्द ही इस मामले में सकारात्मक पहल की जाएगी और सड़क बनवाने का प्रयास किया जाएगा।

BYTE-KAMESHWAR MANDAL-GRAMIN

BYTE--SUNIL MURMU-GRAMIN

BYTE-SUNITA DEVI-GRAMIN MAHILA

BYTE-MONIKA HASDA-STHANIY MUKHIYA

BYTE-A.DODDEY--DC DHANBAD
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