धनबाद: जिले में रविवार को चासनाला के शहीद खनिकों की 45वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई. शहीद स्मारक में अधिकारी, यूनियन के नेता और शहीद के परिजनों, विधायक पूर्णिमा सिंह, इंद्रजीत महतो पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
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क्या थी घटना
एशिया की सबसे बड़ी खदान दुर्घटना में चासनाला खदान का हादसा भी है. खदान दुर्घटना के बाद काला पत्थर फिल्म भी बनी थी, जो काफी मशहूर हुई. ये घटना 27 दिसंबर 1975 के दोपहर 1:35 बजे हुई थी. मामले की जांच में सामने आया था कि दुर्घटना खदान के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा था. खदान में रिसनेवाले पानी को जमा करने को यहां एक बांध बनाया गया था. बांध की 60 मीटर की परिधि में ब्लास्टिंग नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. लेकिन कोयला उत्पादन के चक्कर में अधिकारियों में इस निशानों को नजरअंदाज कर दिया था और हैवी ब्लास्टिंग कर दी, जिस कारण 375 खनिकों की जल समाधि हो गई. दुर्घटना के बाद महीनों तक खदान से पानी निकालने का कार्य चला, जिसमें रूस और पोलैंड के वैज्ञानिकों से सरकार ने मदद ली थी.