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चासनाला हादसे में 375 खनिकों बन गई थी 'जल समाधि', 45वीं बरसी पर दी गई श्रद्धांजलि - धनबाद में विधायक पूर्णिमा सिंह ने चासनाला के शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी

चासनाला कोलियरी डिवीजन की डीप माइन खान में 27 दिसंबर 1975 को हुई खान दुघर्टना में 375 श्रमिकों की जल समाधि हो गई थी. रविवार को खान दुर्घटना की बरसी पर शहीद श्रमिकों को याद किया गया. उनको नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई. tributes-paid-to-the-laborers-of-the-chasnala-mine-accident

Tribute paid to martyred laborers of Chasnala in Dhanbad
Tribute paid to martyred laborers of Chasnala in Dhanbad
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Published : Dec 27, 2020, 6:41 PM IST

धनबाद: जिले में रविवार को चासनाला के शहीद खनिकों की 45वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई. शहीद स्मारक में अधिकारी, यूनियन के नेता और शहीद के परिजनों, विधायक पूर्णिमा सिंह, इंद्रजीत महतो पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

देखें पूरी खबर

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क्या थी घटना

एशिया की सबसे बड़ी खदान दुर्घटना में चासनाला खदान का हादसा भी है. खदान दुर्घटना के बाद काला पत्थर फिल्म भी बनी थी, जो काफी मशहूर हुई. ये घटना 27 दिसंबर 1975 के दोपहर 1:35 बजे हुई थी. मामले की जांच में सामने आया था कि दुर्घटना खदान के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा था. खदान में रिसनेवाले पानी को जमा करने को यहां एक बांध बनाया गया था. बांध की 60 मीटर की परिधि में ब्लास्टिंग नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. लेकिन कोयला उत्पादन के चक्कर में अधिकारियों में इस निशानों को नजरअंदाज कर दिया था और हैवी ब्लास्टिंग कर दी, जिस कारण 375 खनिकों की जल समाधि हो गई. दुर्घटना के बाद महीनों तक खदान से पानी निकालने का कार्य चला, जिसमें रूस और पोलैंड के वैज्ञानिकों से सरकार ने मदद ली थी.

धनबाद: जिले में रविवार को चासनाला के शहीद खनिकों की 45वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई. शहीद स्मारक में अधिकारी, यूनियन के नेता और शहीद के परिजनों, विधायक पूर्णिमा सिंह, इंद्रजीत महतो पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

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क्या थी घटना

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