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पर्यटकों को आकर्षित कर रहा धनबाद का मैथन डैम, कुदरत ने दिया है खूबसूरती का वरदान

धनबाद का मैथन डैम नववर्ष में सैलानियों की मनपसंद जगह बन गया है. यहां की प्राकृतिक छटा देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. इसके साथ ही डैम परिसर में सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की सुविधाएं दी हैं.

Maithon Dam
मैथन डैम
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Published : Dec 27, 2019, 2:20 PM IST

निरसा, धनबादः कोयलांचल धनबाद का मैथन डैम इन दिनों सजधज कर सैलानियों के लिए बिल्कुल तैयार है. मैथन डैम में नए साल 2020 के आगमन को लेकर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है. फूल बागान में कई तरह के रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं. मिलेनियम पार्क में लगे आर्टिफिशियल कंगारू, ऊंट, बंदर, भालू और मगरमच्छ सभी का रंग रोगन किया जा चुका है. मत्स्य नौका विहार में पर्यटकों के लिए नौका और स्पीड बोट को भी तैयार है.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

बता दें कि मैथन डैम धनबाद से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मैथन डैम में लाखों की तादाद में सैलानी धनबाद और पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के अलावा कई राज्यों से आ रहे हैं. दिसंबर और जनवरी महीने में सैलानी यहां वनभोज का लुत्फ उठाने आते हैं. नववर्ष के लिए अब बस कुछ दिन ही बचे हैं, ऐसे में पर्यटकों की भीड़ यहां देखी जा रही है. खासकर पश्चिम बंगाल के आसनसोल से पर्यटक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. बता दें कि मैथन डैम को झारखंड का स्वर्ग भी कहा जाता है. यहां स्थित कल्याणेश्वरी मंदिर के कारण यह पसंदीदा पर्यटक स्थल बन गया है.

ये भी पढ़ें- रघुवर सरकार के कुकर्मों को सामने लाएंगे, होगी कड़ी कार्रवाई: इरफान अंसारी

मैथन डैम में अगर झारखंड सरकार ध्यान दे तो इसे और आकर्षक बनाया जा सकता है. जिससे मछली पालन और भव्य पर्यटक स्थल बने और झारखंड सरकार को अच्छी खासी रेवेन्यू मिल सके.

निरसा, धनबादः कोयलांचल धनबाद का मैथन डैम इन दिनों सजधज कर सैलानियों के लिए बिल्कुल तैयार है. मैथन डैम में नए साल 2020 के आगमन को लेकर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है. फूल बागान में कई तरह के रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं. मिलेनियम पार्क में लगे आर्टिफिशियल कंगारू, ऊंट, बंदर, भालू और मगरमच्छ सभी का रंग रोगन किया जा चुका है. मत्स्य नौका विहार में पर्यटकों के लिए नौका और स्पीड बोट को भी तैयार है.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

बता दें कि मैथन डैम धनबाद से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मैथन डैम में लाखों की तादाद में सैलानी धनबाद और पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के अलावा कई राज्यों से आ रहे हैं. दिसंबर और जनवरी महीने में सैलानी यहां वनभोज का लुत्फ उठाने आते हैं. नववर्ष के लिए अब बस कुछ दिन ही बचे हैं, ऐसे में पर्यटकों की भीड़ यहां देखी जा रही है. खासकर पश्चिम बंगाल के आसनसोल से पर्यटक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. बता दें कि मैथन डैम को झारखंड का स्वर्ग भी कहा जाता है. यहां स्थित कल्याणेश्वरी मंदिर के कारण यह पसंदीदा पर्यटक स्थल बन गया है.

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मैथन डैम में अगर झारखंड सरकार ध्यान दे तो इसे और आकर्षक बनाया जा सकता है. जिससे मछली पालन और भव्य पर्यटक स्थल बने और झारखंड सरकार को अच्छी खासी रेवेन्यू मिल सके.

Intro:झारखण्ड का स्वर्ग मैथन डैम,नववर्ष के आगमन पर सैलानियों की उमड़ी भीड़।


Body:निरसा। कोयलांचल धनबाद का मैथन डैम इन दिनों सज धज कर सैलानियों के लिए बिल्कुल तैयार है। कोयलांचल धनबाद जिला के पर्यटक स्थल मैथन डैम नए साल 2020 के आगमन को लेकर पर्यटकों के स्वागत के लिए सज धज कर बिल्कुल तैयार है। यहां का पार्क फूल बागान एवं नौका विहार पर्यटकों को लुभाने के लिए लगभग सज धज के तैयार हैं। मैथन डैम स्थित फूल बागान में कई तरह के रंग बिरंगे फूल लगाए गए हैं। मिलेनियम पार्क में लगे आर्टिफिशियल कंगारू, ऊंट,बंदर, भालू,मगरमछ आदि का रंग भी रोगन किया जा चुका है। मत्स्य नौका बिहार द्वारा पर्यटकों के लिए नौका एवं स्पीड बोर्ड को भी तैयार कर दी गई है। दामोदर घाटी निगम की ओर से मैथन के सुंदरता बढ़ाने के लिए तरह तरह के फूल लगाए गए हैं। मैथन डैम झारखंड धनबाद से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। प्राकृतिक का स्वर्ग कहे जाने वाला मैथन डैम पर्यटकों के लिए सुंदर और भव्य पर्यटक स्थल यहां माना जाता है। यहां दूर-दराज से सैलानी अपने आप को प्राकृतिक के अंदर में सबसे नजदीक पाते हैं। प्राकृतिक का फिजा का पास मानते है। कल्यानेश्वरी मंदिर के कारण मैथन डैम धनबाद जिला का सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल माना जाता है। यहां की प्राकृतिक का आपसी मेलजोल दिखता है। मैथन डैम के आसपास पहाड़ पर्यटक को अपनी ओर खींचता है। यहां का नौका विहार पर्यटकों को काफी आकर्षण करती हैं। मैथन डैम स्थित कई फूल बागान लगाए गए हैं।तरह तरह के रंग बिरंगे फूल पर्यटकों का मन मोह लेता है। मैथन डैम में इस बार पानी का अधिक मात्रा के कारण इसको लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है ।पर्यटकों को आने जाने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो जिसे ध्यान में रखते हुए मैथन डैम की सड़कों की मरम्मत भी की गई है। स्वच्छता के दृष्टि से पूरा मैथन डैम साफ सफाई किया गया है। मैथन डैम में लाखों की तादाद में सैलानी यहां धनबाद एवं पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं विभिन्न राज्यों से दिसंबर और जनवरी माह में बनभोज का लुफ्त उठाने आते हैं। नववर्ष आने में चंद दिन ही बचे हुए हैं लेकिन यहां पर्यटकों का आना अभी से शुरू हो गया है। पर्यटकों से मैथन डैम गुलजार होने लगा है पश्चिम बंगाल आसनसोल से करीब 30 किलोमीटर पर मैथन डैम जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर की प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए नया साल में पर्यटकों को जन सैलाब उमड़ता है धनबाद ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में पर्यटक नया साल मनाने आते हैं। जिसके कारण मैथन डैम को झारखण्ड का स्वर्ग भी कहा जाता हैं।

बाइट :- पर्यटक 1,2,3,4,5


Conclusion:मैथन डैम में अगर झारखण्ड सरकार थोड़ी और ध्यान आकर्षित करें तो मैथन डैम का सोंदिकर्ण और भी किया जा सकता है। जिससे मछली पालन एवं भव्य पर्यटक स्थल बनाया जा सकता है। जिससे झारखंड सरकार को अच्छी खासी रेवेन्यू मिलेगी तथा मैथन डैम के इर्द-गिर्द रहने वाले यूको को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
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