धनबाद: जिले के एक निजी अस्पताल में राजकिशोर महतो का निधन हो गया. उनके निधन की खबर धनबाद में आग की तरह फैल गई, जिसके बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके समर्थकों का तांता लग गया. इसी कड़ी में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो भी धनबाद स्थित उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
अभिभावक तुल्य थे पूर्व विधायक
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि झारखंडी विचारधारा को लंबे समय तक सु-संगठित करने वाले स्वर्गीय विनोद बाबू के विचारों को नेतृत्व देने वाले एक नेता हमारे बीच नहीं रहे. उनके निधन से वो काफी दुखी हैं. वो उनके अभिभावक तुल्य थे. समय-समय पर उनका मार्गदर्शन किया करते थें. उनकी कमी को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता है.
कई दिनों से थे बीमार
राजकिशोर महतो कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उनकी तबीयत खराब होने के बाद एक बार उन्हें सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी कोरोना जांच भी की गई थी, लेकिन वह कोरोना नेगेटिव पाए गए थे. बाद में वह स्वस्थ होकर घर लौट गए थे. बुधवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें धनबाद के एक निजी अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
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राजनीतिक इतिहास
स्वर्गीय राज किशोर महतो के पिता स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के निधन के बाद सीट खाली होने पर गिरिडीह लोकसभा से 1991 गिरिडीह लोकसभा से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े और वह सांसद बन गए. उसके बाद वह भाजपा में लौटकर सिंदरी और टुंडी के विधायक भी रहे. 2014 के विधानसभा चुनाव में टुंडी विधानसभा की सीट आजसु के खाते में चले जाने के बाद वह आजसू में शामिल हो गए और वहां से उन्होंने अपना परचम लहराया. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में वह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी झामुमो के मथुरा महतो से चुनाव हार गए.