धनबादः जिले के एक गांव में लगाया गया पोस्टर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. पोस्टर में गांव के ही एक परिवार को बहिष्कृत करने की सूचना दी गई है. यह पोस्टर गांव की दीवारों पर चस्पा किया गया है. हालांकि पुलिस इस पूरे मामले को सुलझाने की बात कह रही है.
गांव के कुछ लोगों पर पोस्टर चस्पा करने का है आरोपः इस मामले में बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के चरकपत्थर गांव निवासी निजामुद्दीन ने गांव के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. निजामुद्दीन गोविंदपुर के रजिस्ट्री कार्यालय में पियून के पद पर कार्यरत हैं. निजामुद्दीन का कहना है कि गांव के ही कुछ लोग समाज के नाम पर अपना नियम-कानून चला रहे हैं. गांव के कुछ लोगों ने समाज से बहिष्कृत करने का पोस्टर घर और आसपास चिपका दिया है.
पीड़ित शख्स ने की थाने में लिखित शिकायतः निजामुद्दीन का आरोप है कि पहले तो गांव के कुछ लोगों ने पैसा ऐंठने के लिए भयादोहन किया था, लेकिन जब वह अपने इस कार्य में सफल नहीं हुए तो उन्होंने गांव में ही घर के आसपास फोटो के साथ सामाजिक बहिष्कार का पोस्टर चिपका दिया है. इस संबंध में निजामुद्दीन ने लिखित शिकायत बरवाअड्डा थाना में की है. जिसमें निजामुद्दीन ने गांव के छह लोगों को आरोपी बनाया है.
क्या लिखा है पोस्टर मेंः गांव में चिपकाए गए पोस्टर में लिखा है कि कर्बला के रास्ते को कब्जा करने के कारण चरक पत्थर निवासी मोहम्मद निजाम अंसारी और मोबिन अंसारी को चरक पत्थर के आम नागरिकों के द्वारा बहिष्कृत किया जाता है. यह कर्बला लगभग 60 साल पुराना है. कर्बला का रास्ता आज से लगभग 20 वर्ष पहले मोबिन और निजाम अंसारी और गांव के बुजुर्गों के द्वारा अमीन से नापी कर रास्ता दिया गया था, लेकिन अब इस रास्ते को दोनों भाई मिलकर कब्जा कर रहे हैं. इसलिए उन्हें समाज से बहिष्कृत किया गया है. अब आज से चरक पत्थर के कोई भी व्यक्ति इन लोगों से ना ही दावत, ना ही बात-विचार और ना ही कोई कारोबार कर सकते हैं. यदि गांव के कोई नागरिक इन लोगों से या इनके वंशज से बात-व्यवहार करते पाए जाते हैं तो उन्हें कमेटी को हर्जाना देना होगा और वे भी समाज से बहिष्कृत किए जाएंगे.
जमीन विवाद से जुड़ा मामलाः वहीं इस मामले पर डीएसपी हेड क्वार्टर वन अमर पांडे ने कहा कि यह जमीन विवाद का मामला है. कब्रिस्तान जाने वाले रास्ते को लेकर विवाद हुआ था, जिसे दोनों पक्षों को बैठा कर मामले को सुलझा लिया गया है.