धनबाद: जिले के कुसुंडा रेलवे स्टेशन से आगे धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड पर भूमिगत आग का धुआं देखा गया है. इसकी जानकारी पर रेलवे प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, ईटीवी भारत की टीम ने जब रेलवे के पीआरओ से इस मामले में बात की तो उन्होंने इस प्रकार की कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है.
रेलखंड पर एक साल बंद था परिचालन
भूमिगत आग के चलते ही धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर लगभग दो साल रेल परिचालन बंद रखा गया था. इसके बाद स्थानीय लोगों की मांग पर रेलवे ने इस रूट पर 2019 में परिचालन शुरू किया था. अब एक बार फिर इस रेलखंड पर भूमिगत आग का धुआं देखा गया है. इधर, ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में रेलवे के पीआरओ पीके मिश्रा ने बताया कि भूमिगत आग के चलते ही इस रेलखंड पर लगभग दो साल परिचालन बंद था. कुछ जगहों पर रेल लाइन के कुछ बगल में धुआं जरूर देखा जाता है, लेकिन आज इस प्रकार की कोई स्पष्ट जानकारी रेलवे को नहीं मिली है.
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2017 में हुआ था आंदोलन
15 जून 2017 को डीजीएमएस की रिपोर्ट के बाद इस रेल मार्ग को बंद कर दिया गया था. बाद में डीजीएमएस ने ही 14 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के कई हिस्सों को खोलने की अनुमति दे दी थी. इसको लेकर बड़ा आंदोलन भी हुआ था. तकरीबन 2 साल तक चले आंदोलन के बाद रेलवे ने फरवरी 2019 से दोबारा धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर मालगाड़ी और फिर यात्री ट्रेनों को चलाने की अनुमति दी थी. 15 जून 2017 को इस रेलखंड पर चलने वाली सबसे पुरानी ट्रेन डीसी ट्रेन भी बंद हो गई थी. इस रेल लाइन को डीसी रेल लाइन के नाम से भी जाना जाता था.
मामले की पड़ताल जारी
उस समय एक ही झटके में 26 जोड़ी ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया था. अब फिर से इसी रेलखंड पर एक बार धुआं निकलने की जानकारी आ रही है. इसके बाद एहतियात के तौर पर ट्रेनों की गति को धीमा कर दिया गया है और रेलवे पूरी पड़ताल में जुटा है. हालांकि, स्पष्ट जानकारी से रेल पीआरओ ने इनकार किया है.