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राज्य बनने के बाद आज तक टुंडी में नहीं खिला 'कमल', इस सीट पर रहा है JMM का दबदबा

धनबाद की टुंडी विधानसभा सीट पर शुरू से ही जेएमएम का दबदबा रहा है, झारखंड बनने के बाद इस सीट पर बीजेपी आज तक जीत नहीं पाई है, हालांकि 2014 के चुनाव में ये सीट एनडीए के खाते में जरूर गई.

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Published : Nov 6, 2019, 4:44 PM IST

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रांची: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में टुंडी भी शामिल है, यह क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्‍सा है. टुंडी विधानसभा धनबाद के पिछड़े क्षेत्रों में शुमार किया जाता है. यह क्षेत्र अभी भी आधुनिकता से अछूता है. इलाके में ग्रामीण आदिवासी परिवेश की झलक देखने को मिलती है. इस इलाके में बहने वाली बराकर नदी के चलते यहां की जमीन का बड़ा हिस्‍सा फसलों की उपज के लिए जाना जाता है. पहाड़ी और घना वनीय क्षेत्र होने के कारण यहां बड़ी संख्‍या में जंगली हाथी भी पाए जाते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

2014 में आजसू ने जीती सीट
जिले की मशहूर तोपचांची झील भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है. यहां से वर्तमान में राजकिशोर महतो विधायक हैं. वह आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इससे पहले वह गिरिडीह से जेएमएम के टिकट पर सांसद भी रह चुके हैं बीजेपी के टिकट पर वह सिंदरी से विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन 2014 के चुनाव में उन्होंने आजसू पार्टी के टिकट पर टुंडी से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचने.

ये भी पढ़ें- झरिया सीट पर सिंह मेंशन का रहा है दबदबा, 2014 में चचेरे भाईयों के बीच हुई थी दिलचस्प जंग

इस सीट पर जेएमएम का दबदबा
टुंडी विधानसभा सीट 1980 में बनी थी, उस दौरान यह सीट बिहार राज्‍य का हिस्‍सा हुआ करती थी. 2000 में झारखंड बनने के बाद शुरुआत से ही इस सीट पर जेएमएम का दबदबा रहा है. इस सीट पर बीजेपी को कभी भी जीत नसीब नहीं हुई, 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तीसरे नंबर पर रह कर ही संतोष करना पड़ा जबकि 2014 में एनडीए के घटक दल आजसू ने इस सीट पर अपना विजय पताका फहराया. 2005 के चुनाव में यहां से जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो विधायक चुने गए थे. 2009 में भी के मथुरा प्रसाद महतो यहां से विधायक बने, यह सीट हमेशा के जेएमएम के लिए प्रतिष्ठा की बात रही है. क्योंकि इस सीट से जेएमएम के संस्थापक अध्यक्ष बिनोद बिहारी महतो भी विधायक रह चुके हैं.

राजकिशोर महतो बने थे विधायक
2014 के विधानसभा चुनाव में जहां आजसू पार्टी उम्मीदवार राजकिशोर महतो को 55,466 वोट मिले थे. तो वहीं जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो को 54,340 को वोट मिले थे. यानि मथुरा प्रसाद महतो 1,126 मतों के अंतर से तीसरी बार विधानसभा पहुंचते-पहुंचते रह गए. टुंडी से 2014 के चुनाव में 15 लोगों ने नोमिनेशन किया था, बाद में चार उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो गया तो वहीं एक प्रत्याशी ने जंग से पहले मैदान छोड़ते हुए अपना नाम वापस ले लिया.

7 प्रत्याशियों की हुई थी जमानत जब्त
इसके बाद टुंडी के दंगल में कुल उम्मीदवार उतरे, जिसमें से 7 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. यहां से लगभग हर बड़ी पार्टी ने अपने उम्मीदवार दिए थे. वहीं दोनों पार्टी के नेताओं की बात करें तो मथुरा प्रसाद महतो जहां उम्र के 50 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. वहीं राजकिशोर महतो की उम्र 70 साल से ज्यादा ह चुकी है.

रांची: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में टुंडी भी शामिल है, यह क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्‍सा है. टुंडी विधानसभा धनबाद के पिछड़े क्षेत्रों में शुमार किया जाता है. यह क्षेत्र अभी भी आधुनिकता से अछूता है. इलाके में ग्रामीण आदिवासी परिवेश की झलक देखने को मिलती है. इस इलाके में बहने वाली बराकर नदी के चलते यहां की जमीन का बड़ा हिस्‍सा फसलों की उपज के लिए जाना जाता है. पहाड़ी और घना वनीय क्षेत्र होने के कारण यहां बड़ी संख्‍या में जंगली हाथी भी पाए जाते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

2014 में आजसू ने जीती सीट
जिले की मशहूर तोपचांची झील भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है. यहां से वर्तमान में राजकिशोर महतो विधायक हैं. वह आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इससे पहले वह गिरिडीह से जेएमएम के टिकट पर सांसद भी रह चुके हैं बीजेपी के टिकट पर वह सिंदरी से विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन 2014 के चुनाव में उन्होंने आजसू पार्टी के टिकट पर टुंडी से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचने.

ये भी पढ़ें- झरिया सीट पर सिंह मेंशन का रहा है दबदबा, 2014 में चचेरे भाईयों के बीच हुई थी दिलचस्प जंग

इस सीट पर जेएमएम का दबदबा
टुंडी विधानसभा सीट 1980 में बनी थी, उस दौरान यह सीट बिहार राज्‍य का हिस्‍सा हुआ करती थी. 2000 में झारखंड बनने के बाद शुरुआत से ही इस सीट पर जेएमएम का दबदबा रहा है. इस सीट पर बीजेपी को कभी भी जीत नसीब नहीं हुई, 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तीसरे नंबर पर रह कर ही संतोष करना पड़ा जबकि 2014 में एनडीए के घटक दल आजसू ने इस सीट पर अपना विजय पताका फहराया. 2005 के चुनाव में यहां से जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो विधायक चुने गए थे. 2009 में भी के मथुरा प्रसाद महतो यहां से विधायक बने, यह सीट हमेशा के जेएमएम के लिए प्रतिष्ठा की बात रही है. क्योंकि इस सीट से जेएमएम के संस्थापक अध्यक्ष बिनोद बिहारी महतो भी विधायक रह चुके हैं.

राजकिशोर महतो बने थे विधायक
2014 के विधानसभा चुनाव में जहां आजसू पार्टी उम्मीदवार राजकिशोर महतो को 55,466 वोट मिले थे. तो वहीं जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो को 54,340 को वोट मिले थे. यानि मथुरा प्रसाद महतो 1,126 मतों के अंतर से तीसरी बार विधानसभा पहुंचते-पहुंचते रह गए. टुंडी से 2014 के चुनाव में 15 लोगों ने नोमिनेशन किया था, बाद में चार उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो गया तो वहीं एक प्रत्याशी ने जंग से पहले मैदान छोड़ते हुए अपना नाम वापस ले लिया.

7 प्रत्याशियों की हुई थी जमानत जब्त
इसके बाद टुंडी के दंगल में कुल उम्मीदवार उतरे, जिसमें से 7 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. यहां से लगभग हर बड़ी पार्टी ने अपने उम्मीदवार दिए थे. वहीं दोनों पार्टी के नेताओं की बात करें तो मथुरा प्रसाद महतो जहां उम्र के 50 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. वहीं राजकिशोर महतो की उम्र 70 साल से ज्यादा ह चुकी है.

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Seat profile of tundi assembly seat


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