धनबाद: जिला के निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा पंचायत में दो बच्चों को बचाने में सौरभ कोल की मौत हो गई. हालांकि सौरभ ने आखिरी सांस तक अपनी बहादूरी का परिचय देते हुए मलबे में दबे गांव के दो बच्चों की जान बचाई. घटना की सूचना पाकर निरसा पुलिस मौके पर पहुंची. जहां ग्रामीणों ने पुलिस से शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने की मांग की और पुलिस को शव ले जाने नहीं दिया. ग्रामीण मृतक के आश्रितों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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जानकारी के अनुसार घाघरा पंचायत के तालबेड़िया गांव के कोल टोला स्थित निजी तालाब का जीर्णोद्धार का काम चल रहा था. तालाब में कम मात्रा में पानी था उसकी निकासी को लेकर तालाब में नाले का निर्माण करवाया गया था, जिससे पानी की निकासी हो रही थी. टोला के दो बच्चे 9 साल का कुंदन कोल और 8 साल का ओम प्रकाश कोल पानी निकासी के लिए बनाए गए नाले में मछली पकड़ रहे थे, जबकि 22 वर्षीय सौरभ कोल तालाब में नहाने करने जा रहा था. अचानक नाले का मलबा भरभरा कर दोनों बच्चों के ऊपर गिर गया और बच्चे चिल्लाने लगे. सौरभ हिम्मत दिखाते हुए नाले में कूद पड़ा और मलबे में दबे दोनों बच्चों को निकाल कर बाहर कर दिया. इसी बीच अचानक ढेर सारा मलबा सौरभ के ऊपर गिर गया. सौरभ मलबे में दबकर छटपटाने लगा. दोनों बच्चे दौड़कर गांव पहुंचे और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी.
सूचना मिलते ही ग्रामीण दौड़कर नाला के पास पहुंचे और सौरभ को मलबे से निकाला लेकिन तब तक सौरभ दम तोड़ चुका था. सौरभ की मौत से पूरा कोल टोला और तालबेड़िया गांव में शोक की लहर है. परंतु सभी सौरभ के हिम्मत की प्रशंसा भी कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि सौरभ ने जाते जाते दो बच्चों की जान बचाई. सौरभ के पिता किशन कोल, मां पद्दा कोल और बड़े भाई आंख से दिव्यांग राजू कोल का रो रो कर बुरा हाल है. घर के सभी सदस्य दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. बड़ा भाई राजू आंख से दिव्यांग होने के कारण काम नहीं कर पाता.