धनबादः 31 जनवरी को जोड़ाफाटक स्थित बहुमंजिला अपार्टमेंट आशीर्वाद टावर में भयावह आग हादसे में 14 मौत हुई है. जिसके बाद अपार्टमेंट की सुरक्षा व्यवस्था और उसके एनओसी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. आशीर्वाद अपार्टमेंट से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित है शक्ति अपार्टमेंट. इस बहुमंजिला शक्ति अपार्टमेंट के चार ब्लॉक हैं. इन चारों ब्लॉक में करीब 100 फ्लैट हैं. इस एक सौ फ्लैट में करीब 600 से 700 लोग रहते हैं. लेकिन इनकी सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. लोग कितने सुरक्षित है इसकी पड़ताल ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र निषाद ने की.
पड़ताल में जो बातें सामने आई उससे तो सिर्फ यही कहा जा सकता है कि लोग अपनी जान हथेली पर रखकर अपार्टमेंट में रह रहे हैं. क्योंकि आशीर्वाद टावर जैसा अगर हादसा होता है तो ना तो अपार्टमेंट के अंदर दमकल की गाड़ी जा पाएगी और ना ही इसके अंदर लगे आग सुरक्षा यंत्र काम कर रहें हैं. अपार्टमेंट में रह रहे लोगों की माने तो 2006 में यहां सुरक्षा यंत्र लगाए गए. जो 2018 में एक्सपायर हो चुके हैं. वही अपार्टमेंट में तैनात सुरक्षा गार्ड के पास ना तो फायर ब्रिगेड का नxबर है और ना ही उसके फायर से सुरक्षा के उपकरण की जानकारी.
अपार्टमेंट में रह रहे गौरव बवेजा ने बताया कि उनके माता पिता ने इस अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदा था. उस वक्त वह बाहर रखकर पढ़ाई करते थे. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को आशीर्वाद टावर में हुए आग हादसे के बाद इस अपार्टमेंट में हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हम भगवान भरोसे यहां जिंदगी जी रहे हैं. अपार्टमेंट के सामने दो गेट है, जिसमे दमकल की गाड़ियां घुस नहीं सकती है. अपार्टमेंट के पीछे भी एक रास्ता है. लेकिन वहां से भी दमकल की गाड़ियों को एक ब्लॉक को छोड़कर अन्य तीन ब्लॉक तक पहुंच पाना कठिन है.
गौरव ने बताया कि आग से सुरक्षा के लगे यंत्र 2006-2008 के हैं. 2018 के बाद यह पूरी तरह से फेल हो चुके हैं. अपार्टमेंट के गार्ड को भी किसी तरह की ट्रेनिंग नहीं दी गई है. वह तकनीकी रूप से दक्ष नहीं है. उन्हें उपकरण चलना नही आता है. उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा भगवान भरोसे है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम बिल्डर को दोषी नही मानते हैं, जिन्होंने इसका नक्शा पास किया है. वह इसके लिए दोषी है.
गौरव बवेजा ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि लोगों की सुरक्षा के लिए एक टीम गठित कर अपार्टमेंट की जांच करें. जहां सुरक्षा के उपाय नही हैं, उनके व्यवस्था कराए. अपार्टमेंट के तैनात गार्ड को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. फायर ब्रिगेड के द्वारा समय समय पर मॉक ड्रिल कराने की जरुरत है.
वहीं अपार्टमेंट में तैनात सुरक्षा गार्ड अमित से पूछने पर उसने स्वीकार किया कि सुरक्षा के उपकरण की उसे जानकारी नही है. गार्ड अमित के पास फायर ब्रिगेड का नंबर तक नहीं है. उसका कहना है कि आग लगी तो किसी दूसरे से नंबर मांग कर फायर ब्रिगेड को सूचना देंगे.