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जब एक छात्रा की जिद के आगे रेलवे को पड़ा झुकना, सिंगल पैसेंजर के साथ रांची पहुंची राजधानी एक्सप्रेस - Railway had to bow before the stubbornness of the girl

धनबाद जिले में एक छात्रा की जिद के सामने रेलवे को झुकना पड़ा और छात्रा के लिए रेलवे को राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी. टाना भगतों के आंदोलन से ट्रैक बाधित होने के कारण राजधानी एक्सप्रेस का रूट बदलकर गोमो बोकारो के रास्ते छात्रा को रात करीब 1.30 बजे रांची पहुंचाया गया.

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एक लड़की के लिए चली ट्रेन
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Published : Sep 4, 2020, 9:42 AM IST

टुंडी, धनबाद: धनबाद जिले में गुरुवार को रेलवे को एक जागरूक छात्रा की जिद के आगे झुकना पड़ा. टाना भगतों के आंदोलन के कारण डालटनगंज में कई घंटे तक दिल्ली राजधानी राजधानी एक्सप्रेस के खड़ी रहने के बाद रेलवे ने इसे रद्द कर दिया और बाकी सवारियों के लिए बस की व्यवस्था की गई पर एक छात्रा ने अपनी सुरक्षा चिंता को लेकर बस से जाने से मना कर दिया और अपने हक की आवाज उठाई. आखिरकार रेलवे को उसकी जिद के आमे झुकना पड़ा और रेलवे को ट्रेन का रूट बदलकर गोमो बोकारो के रास्ते छात्रा को गंतव्य तक पहुंचाना पड़ा.

रेल विभाग ने की बसों की व्यवस्था
इससे पहले आंदोलन के कारण काफी देर राजधानी एक्सप्रेस को खड़ी देख रेल विभाग की तरफ से 930 यात्रियों के लिए बस की व्यवस्था की गई. हालांकि बस से जाने के लिए सभी यात्री तैयार हो गए जबकि एक युवती ने बस से जाने के लिए मना कर दी. इसकी वजह से उस युवती के सामने रेल विभाग को झुकना पड़ा और ट्रेन को डाल्टेनगंज से वापस गया के रास्ते गोमो और बोकारो होते हुए रांची ले जाया गया.

डाल्टनगंज पर रूकी रही ट्रेन
राजधानी एक्सप्रेस में अकेली सफर कर रही छात्रा अनन्या ने बताया कि वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा है. वह मुगलसराय स्टेशन पर दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस के बी तीन कोच के बर्थ नंबर 51 पर सवार हुई थी. मुगलसराय स्टेशन पर यह घोषणा हुई कि यह ट्रेन डायवर्ट रूट से चलेगी. पर जब नींद खुली तो पाया कि ट्रेन डाल्टनगंज में खड़ी थी.

इसे भी पढ़ें-राजधानी एक्सप्रेस में फंसे 647 यात्रियों को बसों से भेजा गया रांची, पलामू जिला प्रशासन ने उपलब्ध करवाई निशुल्क बस

एक लड़की के लिए चलाई गई ट्रेन
लगभग तीन घंटे तक ट्रेन के खड़ी रहने पर रेलवे की तरफ से खटारा बसों की व्यवस्था की गई थी और रेल विभाग के कर्मी उक्त बसों को दिखाकर यात्रियों को ट्रेन से उतारने लगे, लेकिन वह ट्रेन में बैठी रही. अनन्या का कहना था कि जब उसे बस से ही जाना होता तो वह दिल्ली से ही बस से सफर कर सकती थी. अनन्या को कार से भी भेजने की बात कही गई, लेकिन वह अपने जिद पर अड़ी रही. उसे ट्रेन से उतारने के लिए कई बार प्रयास भी किया गया पर वह नहीं मानी. अनन्या ने कहा कि यात्री को रांची तक पहुंचाना रेलवे की जिम्मेदारी है. इससे भाग नहीं सकते हैं. हमारे पास रांची तक का टिकट है और रेलवे मुझे पहुंचाए.


परिवर्तित मार्ग से चलाई गई ट्रेन
अनन्या को लोगों ने यह भी कहा कि सिर्फ एक के लिए ट्रेन नहीं चलेगी और वह अपनी जिद छोड़ दे, लेकिन उसने हार नहीं मानी और रेलवे ने मात्र एक यात्री के लिए ट्रेन को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया. वहीं उसकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई.

टुंडी, धनबाद: धनबाद जिले में गुरुवार को रेलवे को एक जागरूक छात्रा की जिद के आगे झुकना पड़ा. टाना भगतों के आंदोलन के कारण डालटनगंज में कई घंटे तक दिल्ली राजधानी राजधानी एक्सप्रेस के खड़ी रहने के बाद रेलवे ने इसे रद्द कर दिया और बाकी सवारियों के लिए बस की व्यवस्था की गई पर एक छात्रा ने अपनी सुरक्षा चिंता को लेकर बस से जाने से मना कर दिया और अपने हक की आवाज उठाई. आखिरकार रेलवे को उसकी जिद के आमे झुकना पड़ा और रेलवे को ट्रेन का रूट बदलकर गोमो बोकारो के रास्ते छात्रा को गंतव्य तक पहुंचाना पड़ा.

रेल विभाग ने की बसों की व्यवस्था
इससे पहले आंदोलन के कारण काफी देर राजधानी एक्सप्रेस को खड़ी देख रेल विभाग की तरफ से 930 यात्रियों के लिए बस की व्यवस्था की गई. हालांकि बस से जाने के लिए सभी यात्री तैयार हो गए जबकि एक युवती ने बस से जाने के लिए मना कर दी. इसकी वजह से उस युवती के सामने रेल विभाग को झुकना पड़ा और ट्रेन को डाल्टेनगंज से वापस गया के रास्ते गोमो और बोकारो होते हुए रांची ले जाया गया.

डाल्टनगंज पर रूकी रही ट्रेन
राजधानी एक्सप्रेस में अकेली सफर कर रही छात्रा अनन्या ने बताया कि वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा है. वह मुगलसराय स्टेशन पर दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस के बी तीन कोच के बर्थ नंबर 51 पर सवार हुई थी. मुगलसराय स्टेशन पर यह घोषणा हुई कि यह ट्रेन डायवर्ट रूट से चलेगी. पर जब नींद खुली तो पाया कि ट्रेन डाल्टनगंज में खड़ी थी.

इसे भी पढ़ें-राजधानी एक्सप्रेस में फंसे 647 यात्रियों को बसों से भेजा गया रांची, पलामू जिला प्रशासन ने उपलब्ध करवाई निशुल्क बस

एक लड़की के लिए चलाई गई ट्रेन
लगभग तीन घंटे तक ट्रेन के खड़ी रहने पर रेलवे की तरफ से खटारा बसों की व्यवस्था की गई थी और रेल विभाग के कर्मी उक्त बसों को दिखाकर यात्रियों को ट्रेन से उतारने लगे, लेकिन वह ट्रेन में बैठी रही. अनन्या का कहना था कि जब उसे बस से ही जाना होता तो वह दिल्ली से ही बस से सफर कर सकती थी. अनन्या को कार से भी भेजने की बात कही गई, लेकिन वह अपने जिद पर अड़ी रही. उसे ट्रेन से उतारने के लिए कई बार प्रयास भी किया गया पर वह नहीं मानी. अनन्या ने कहा कि यात्री को रांची तक पहुंचाना रेलवे की जिम्मेदारी है. इससे भाग नहीं सकते हैं. हमारे पास रांची तक का टिकट है और रेलवे मुझे पहुंचाए.


परिवर्तित मार्ग से चलाई गई ट्रेन
अनन्या को लोगों ने यह भी कहा कि सिर्फ एक के लिए ट्रेन नहीं चलेगी और वह अपनी जिद छोड़ दे, लेकिन उसने हार नहीं मानी और रेलवे ने मात्र एक यात्री के लिए ट्रेन को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया. वहीं उसकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई.

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