धनबाद: जिले के बस्ताकोला स्थित जीवन संस्था (Jeevan Sanstha Dhanbad) में रहे 15 साल के दिव्यांग अभिषेक कुमार की मौत के बाद संस्था की कार्यशैली पर सवार खड़े हो गए हैं. समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने संस्था की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए हैं. अंकित के आरोपों के बाद सीडब्ल्यूसी ने जीवन संस्था और SNMMCH से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले की जांच पड़ताल की जाएगी.
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समाजसेवी अंकित राजगढ़िया का कहना है कि जीवन संस्था में रह रहे कोडरमा के अभिषेक की मौत की सूचना उन्हें मिली थी. इसके बाद उन्होंने सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी को मामले की जानकारी दी.अंकित SNMMCH पोस्टमार्टम हाउस भी पहुंचे, जहां अभिषेक की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था. पोस्टमार्टम हाउस में संस्था की एक लड़की भी थी. अंकित का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस में वे अभिषेक के शव का फोटो लेना चाह रहे थे, लेकिन लड़की ने रोक दिया.
हालांकि किसी तरह पोस्टमार्टम हाउस के अंदर अभिषेक के शव को देखा, उसके शरीर पर जख्म के गहरे निशान थे. अंकित का कहना है कि यह एक दिव्यांग बच्चों की संस्था है, यदि किसी दिव्यांग की मौत होती है तो संस्थान द्वारा मामले की सूचना डीसी और सीडब्ल्यूसी को देनी चाहिए थी. लेकिन संस्थान ने ऐसा नहीं किया, संस्थान के लोग बच्चे को SNMMCH ले गए. बच्चे की मौत की पुष्टि के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया और फिर मटकुरिया श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
जानें किसने क्या कहाः वहीं सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि अंकित राजगढ़िया द्वारा मामले की सूचना दी गई थी. सूचना के बाद खुद पोस्टमार्टम हाउस और मटकुरिया मुक्तिधाम पहुंचे. जीवन संस्थान के चेयरमैन की बेटी प्रियंका द्वारा बताया गया कि उसे बीमारी थी, जिसके कारण वह गिर कर जख्मी हो गया था. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. उत्तम मुखर्जी ने बताया कि संस्थान के चेयरमैन से बात की थी, उन्होंने प्रियंका द्वारा कही गई बातों को ही बताया. उत्तम मुखर्जी ने कहा कि SNMMCH और संस्था दोनों से रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की जांच पड़ताल और कार्रवाई की जाएगी.