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धनबाद का यह पूजा पंडाल स्वच्छ भारत मिशन का दे रहा संदेश, हुबला घास से की गई है पूरी कारीगरी - एसएसपी किशोर कौशल

धनबाद के सरायढे़ला स्थित कोलकुसमा में एक भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है. इस पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया गया है. इस पंडाल में किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है. पूरे पंडाल का निर्माण हुबला घास से किया गया है. इस पंडाल का उद्घाटन जिले के एसएसपी किशोर कौशल ने किया.

पूजा पंडाल स्वच्छ भारत मिशन का दें रहा संदेश
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Published : Oct 5, 2019, 1:43 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 3:23 PM IST

धनबाद: जिले के सरायढे़ला स्थित कोलकुसमा का भव्य पूजा पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया गया है. हुबला जो घास की एक प्रजाति है. मूर्ति से लेकर पंडाल तक का निर्माण उसी हुबला घास से किया गया है.

देखें पूरी खबर

कमिटी के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि मूर्ति और पंडाल के निर्माण में किसी तरह की केमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है. यहां तक कि मां दुर्गा और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों की आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है. बंगाल के कारीगरों ने कई महीनों की कड़ी मेहनत कर पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया है.

जानकारी देतें एसएसपी

सरायढेला कोलकुसमा पंचायत के शिव मंदिर कैंप्स में श्री श्री दुर्गा पूजा समिति इस पूजा का आयोजन साल 1989 से कर रही है. पिछले 31 सालों से समिति के सदस्य इस पूजा को सफल बनाने में कड़ी मशक्कत करते आ रहे हैं. हर साल की तरह ही इस साल भी यहां धूमधाम से दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है. जिले के एसएसपी किशोर कौशल ने फीता काटकर इस पूजा पंडाल का उद्घाटन किया. टुंडी विधायक राजकिशोर महतो और पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक भी इस दौरान उपस्थित रहे. समिति के अध्यक्ष रामा शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि दो पंचायतों के मुखिया ने लोगों की सहमति से यहां पूजा की शुरुआत साल 1989 में हुई थी और तब से यहां लगातार पूजा का आयोजन होता आ रहा है.

ये भी देखें- तालाब से मां-बेटे का शव बरामद, पति पर लगा दहेज के लिए हत्या का आरोप

पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराया गया है. हुबला नाम की घास की एक प्रजाति से पूरे पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया गया है. यहां तक कि मूर्तियों की आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है. पंडाल के बाहर से लेकर अंदर तक काफी बारीकियों से सजावट की गई है. पंडाल के अंदर भगवान शंकर और माता शक्ति की कई कलाकृतियां दर्शायी गई है. समिति के सचिव प्रेम मंडल ने दावा किया है कि मूर्तियों और पंडाल के निर्माण में कहीं भी केमिकल का इस्तेमाल नही किया गया है.

समिति के सदस्यों ने बताया कि पूजा के दौरान यहां मेला का भी आयोजन किया गया है. झारखंड के साथ-साथ बंगाल और बिहार से भी लोग यहां पहुंचते हैं. दुर्गोत्सव के दौरान लोगों की भींड के मद्देनजर पुलिस ने भी काफी चाक चौबंद व्यवस्था जिले में की है. एसएसपी ने बताया कि मेले के दौरान महिला सुरक्षा की विशेष प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने कहा कि सादे लिबास में महिला पुलिस की तैनाती भींड में रहेगी. इसके लिए पुलिस की एक यूनिट तैयार की गई है. मनचलों से निबटने के लिए यह यूनिट सदैव तत्परता से काम करेगी. जेब कतरों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्दीधारी पुलिस के साथ सादे लिबास में भी पुलिस तैनात रहेगी.

धनबाद: जिले के सरायढे़ला स्थित कोलकुसमा का भव्य पूजा पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया गया है. हुबला जो घास की एक प्रजाति है. मूर्ति से लेकर पंडाल तक का निर्माण उसी हुबला घास से किया गया है.

देखें पूरी खबर

कमिटी के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि मूर्ति और पंडाल के निर्माण में किसी तरह की केमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है. यहां तक कि मां दुर्गा और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों की आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है. बंगाल के कारीगरों ने कई महीनों की कड़ी मेहनत कर पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया है.

जानकारी देतें एसएसपी

सरायढेला कोलकुसमा पंचायत के शिव मंदिर कैंप्स में श्री श्री दुर्गा पूजा समिति इस पूजा का आयोजन साल 1989 से कर रही है. पिछले 31 सालों से समिति के सदस्य इस पूजा को सफल बनाने में कड़ी मशक्कत करते आ रहे हैं. हर साल की तरह ही इस साल भी यहां धूमधाम से दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है. जिले के एसएसपी किशोर कौशल ने फीता काटकर इस पूजा पंडाल का उद्घाटन किया. टुंडी विधायक राजकिशोर महतो और पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक भी इस दौरान उपस्थित रहे. समिति के अध्यक्ष रामा शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि दो पंचायतों के मुखिया ने लोगों की सहमति से यहां पूजा की शुरुआत साल 1989 में हुई थी और तब से यहां लगातार पूजा का आयोजन होता आ रहा है.

ये भी देखें- तालाब से मां-बेटे का शव बरामद, पति पर लगा दहेज के लिए हत्या का आरोप

पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराया गया है. हुबला नाम की घास की एक प्रजाति से पूरे पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया गया है. यहां तक कि मूर्तियों की आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है. पंडाल के बाहर से लेकर अंदर तक काफी बारीकियों से सजावट की गई है. पंडाल के अंदर भगवान शंकर और माता शक्ति की कई कलाकृतियां दर्शायी गई है. समिति के सचिव प्रेम मंडल ने दावा किया है कि मूर्तियों और पंडाल के निर्माण में कहीं भी केमिकल का इस्तेमाल नही किया गया है.

समिति के सदस्यों ने बताया कि पूजा के दौरान यहां मेला का भी आयोजन किया गया है. झारखंड के साथ-साथ बंगाल और बिहार से भी लोग यहां पहुंचते हैं. दुर्गोत्सव के दौरान लोगों की भींड के मद्देनजर पुलिस ने भी काफी चाक चौबंद व्यवस्था जिले में की है. एसएसपी ने बताया कि मेले के दौरान महिला सुरक्षा की विशेष प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने कहा कि सादे लिबास में महिला पुलिस की तैनाती भींड में रहेगी. इसके लिए पुलिस की एक यूनिट तैयार की गई है. मनचलों से निबटने के लिए यह यूनिट सदैव तत्परता से काम करेगी. जेब कतरों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्दीधारी पुलिस के साथ सादे लिबास में भी पुलिस तैनात रहेगी.

Intro:धनबाद।जिले के सरायढेला स्थित कोलकुसमा का भव्य पूजा पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया गया है।हुबला जो घास की एक प्रजाति कही जाती है।मूर्ति से लेकर पंडाल तक का निर्माण इसी हुबला से किया गया है।कमिटी के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि मूर्ति व पंडाल के निर्माण में किसी तरह की केमिकल का प्रयोग नही किया गया।यहां तक कि माँ दुर्गा एवं अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों के आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया।बंगाल के कारीगरों ने कई महीनों की कड़ी मेहनत कर पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया है।


Body:सरायढेला कोलकुसमा पंचायत के शिव मंदिर कैम्पस में श्री श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा इस पूजा का आयोजन साल 1989 से किया जा रहा है।पिछले 31 सालों से समिति के सदस्य इस पूजा को सफल बनाने में कड़ी मशक्कत करते आ रहे हैं।हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी यहाँ धूमधाम से दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है।जिले के एसएसपी किशोर कौशल ने फीता काटकर आज इस पूजा पंडाल का उद्घाटन किया।टुंडी विधायक राजकिशोर महतो और पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक भी इस दौरान उपस्थित रहे।समिति के अध्यक्ष रामा शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि दो पंचायतों के मुखिया द्वारा लोगों की सहमति से यहां पूजा की शुरुआत साल 1989 में हुई थी और तब से यहां लगातार पूजा का आयोजन होता आ रहा है।

पंडाल का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराया गया है।हुबला नाम की घास की एक प्रजाति से पूरे पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया गया है।यहां तक कि मूर्तियों की आंखों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है।पंडाल के बाहर से लेकर अंदर तक काफी बारीकियों से साजो सजावट की गई है।पंडाल के अंदर भगवान शंकर और माता शक्ति की कई कलाकृतियां दर्शायी गई है।समिति के सचिव प्रेम मंडल ने दावा किया है कि मूर्तियों और पंडाल के निर्माण में कहीं भी केमिकल का इस्तेमाल नही किया गया है।

समिति के सदस्यों ने बताया कि पूजा के दौरान यहां मेला का भी आयोजन किया गया है।झारखंड के साथ साथ बंगाल और बिहार से भी लोग यहां पहुँचते हैं।


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Last Updated : Oct 5, 2019, 3:23 PM IST
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