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छठ व्रत को लेकर जारी गाइडलाइन का विरोध, सीएम हेमंत का जलाया पुतला

छठ व्रत को लेकर झारखंड सरकार के ओर से जारी गाइडलाइन का हर तरफ विरोध हो रहा है. धनबाद में भी कई संगठनों के लोगों ने हेमंत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया.

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सीएम का पुतला दहन
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Published : Nov 16, 2020, 5:52 PM IST

धनबाद: साल 2020 में कई पर्व त्योहार कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ पर भी कोरोना वायरस का कहर मंडरा रहा है. सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर पर्व ने नहीं किए जाने का गाइडलाइन जारी किया है, जिसका कोयलांचल में पुरजोर विरोध हो रहा है.

देखें पूरी खबर

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने लोक आस्था का महापर्व छठ में नदी, घाट, तालाब और जलाशयों में लोगों को इकट्ठा होकर छठ व्रत नहीं मनाने का निर्देश दिया गया है, जिसके खिलाफ विभिन्न संगठनों के लोगों ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की. लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला भी दहन किया. हालांकि धनबाद थाना प्रभारी ने लोगों को सीएम का पुतला दहन करने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने.

इसे भी पढे़ं:- गोवर्धन पूजा के मौके पर 12 घंटे का अखंड हरि कीर्तन, जुटे श्रद्धालु

जिले के विभिन्न इलाकों में हिंदू समाज और बजरंग दल की ओर से सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. लोगों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लेना होगा, अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो हिंदू समुदाय के लोगों के ऊपर सरकार को बुलडोजर चढ़ाना होगा, क्योंकि लोग नदियों और तालाबों में जाकर छठ जरूर करेंगे. लोगों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि जब बेरमो और दुमका उपचुनाव में भीड़ भाड़ वाली रैली की गई और पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के जनाजा में लाखों की भीड़ उमड़ी तब कोरोना वायरस का खतरा नहीं फैला और जब लोक आस्था का महापर्व छठ मनाने की बारी आई तो कोरोना का भय फैल गया, यह सरकार की दोहरी नीति है, सरकार ईसाई मिशनरियों के इशारे पर काम कर रही है, इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

धनबाद: साल 2020 में कई पर्व त्योहार कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ पर भी कोरोना वायरस का कहर मंडरा रहा है. सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर पर्व ने नहीं किए जाने का गाइडलाइन जारी किया है, जिसका कोयलांचल में पुरजोर विरोध हो रहा है.

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जिले के विभिन्न इलाकों में हिंदू समाज और बजरंग दल की ओर से सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. लोगों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लेना होगा, अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो हिंदू समुदाय के लोगों के ऊपर सरकार को बुलडोजर चढ़ाना होगा, क्योंकि लोग नदियों और तालाबों में जाकर छठ जरूर करेंगे. लोगों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि जब बेरमो और दुमका उपचुनाव में भीड़ भाड़ वाली रैली की गई और पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के जनाजा में लाखों की भीड़ उमड़ी तब कोरोना वायरस का खतरा नहीं फैला और जब लोक आस्था का महापर्व छठ मनाने की बारी आई तो कोरोना का भय फैल गया, यह सरकार की दोहरी नीति है, सरकार ईसाई मिशनरियों के इशारे पर काम कर रही है, इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

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