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भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बसाने की तैयारी, DC ने बीसीसीएल सीएमडी के साथ की बैठक

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Published : Jan 12, 2021, 7:36 PM IST

धनबाद में भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने को लेकर संयुक्त बैठक की गई. बैठक में उपायुक्त, सांसद और विधायकों ने अपने-अपने सुझाव दिए.

Preparations for settling people of landslide and fire affected area of Dhanbad
भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बसाने की तैयारी

धनबाद: जिले में भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की प्रक्रिया में तेजी लाने और समाधान निकालने के उद्देश्य से उपायुक्त और प्रबंध निदेशक ने संयुक्त बैठक की. इस बैठक में झरिया पुनर्वास, विकास प्राधिकार उमा शंकर सिंह और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गोपाल सिंह मौजूद थे. बैठक में एलटीएच और नन एलटीएच को जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में पुनर्वासित करने के लिए जनप्रतिनिधियों से राय ली कि वे किस प्रकार से पुनर्वास चाहते हैं. बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए.

टाउनशिप बनाने पर विचार
बैठक में धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि लोगों की व्यावहारिक समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें पुनर्वासित करना चाहिए. लोगों को उनके वर्कप्लेस के नजदीक टाउनशिप बनाने पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि पुनर्वासित लोगों के बीच रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. बीसीसीएल को स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए यह बताना होगा कि वह कितनी जमीन दे सकता है. सांसद ने सुझाव दिया कि बीसीसीएल ओवरबर्डन और तालाब को समतल करे. जिस स्थान से कोयला निकाल लिया गया है, वहां माइंस एक्ट के अनुसार, जमीन को समतल कर उसे यथास्थिति पर लाए.

ये भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी को दिखाया आईना, किसानों को विश्वास में नहीं ले पाई केंद्र सरकार: कांग्रेस

सांसद और विधायक ने दिए अपने सुझाव
वहीं, टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि बीसीसीएल ने जिस मकसद से लोगों की जमीन अधिग्रहित की है, उसका वह पालन करें. यह भी सुनिश्चित करें कि बीसीसीएल और रैयत के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न न हो, जबकि विधायक राज सिन्हा ने कहा कि बीसीसीएल सर्वे करके एलटीएच और नन एलटीएच की संख्या की जानकारी दें. बैठक के दौरान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने 4-सी का फार्मूला बताया. उन्होंने 2004 के सर्वे को कट ऑफ मानने, लोगों का क्लस्टर मूवमेंट कराने, समय पर कंपनसेशन देने, कंट्री साइड में बनने वाली स्मार्ट सिटी में लोगों को रोजगार दिलाने, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि लोगों में यह विश्वास जगाना होगा कि जो उनसे बोला गया है, उन्हें मिलेगा. बैठक में सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी अपने सुझाव रखे.

समस्या का निदान जल्द
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधियों पर विश्वास है. इसलिए जेआरडीए की पॉलिसी मेकिंग मीटिंग में जनप्रतिनिधियों को शामिल कर उनकी राय मांगी जाएगी. जिला प्रशासन और बीसीसीएल का प्रयास है कि बीसीसीएल के पास जो जमीन उपलब्ध है, उस पर स्मार्ट सिटी का बेहतर तरीके से निर्माण कराया जाए. बीसीसीएल अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा कि स्मार्ट सिटी में सारी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. यह माननीय प्रधानमंत्री का विजन है. उन्होंने कहा कि भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवार कष्ट में हैं. उनके लिए एक ऐसी टाउनशिप का निर्माण होगा, जहां हर तरह की सुविधा होगी. इसके निर्माण के पश्चात वर्षों से चली आ रही समस्या का निदान होगा.

उपायुक्त की प्रशंसा

बैठक में जनप्रतिनिधि और बीसीसीएल के सीएमडी ने उपायुक्त की प्रशंसा की. लोगों ने कहा कि उपायुक्त के कारण पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी दिख रही है. भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए उपायुक्त गंभीर हैं.

धनबाद: जिले में भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की प्रक्रिया में तेजी लाने और समाधान निकालने के उद्देश्य से उपायुक्त और प्रबंध निदेशक ने संयुक्त बैठक की. इस बैठक में झरिया पुनर्वास, विकास प्राधिकार उमा शंकर सिंह और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गोपाल सिंह मौजूद थे. बैठक में एलटीएच और नन एलटीएच को जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में पुनर्वासित करने के लिए जनप्रतिनिधियों से राय ली कि वे किस प्रकार से पुनर्वास चाहते हैं. बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए.

टाउनशिप बनाने पर विचार
बैठक में धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि लोगों की व्यावहारिक समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें पुनर्वासित करना चाहिए. लोगों को उनके वर्कप्लेस के नजदीक टाउनशिप बनाने पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि पुनर्वासित लोगों के बीच रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. बीसीसीएल को स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए यह बताना होगा कि वह कितनी जमीन दे सकता है. सांसद ने सुझाव दिया कि बीसीसीएल ओवरबर्डन और तालाब को समतल करे. जिस स्थान से कोयला निकाल लिया गया है, वहां माइंस एक्ट के अनुसार, जमीन को समतल कर उसे यथास्थिति पर लाए.

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सांसद और विधायक ने दिए अपने सुझाव
वहीं, टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि बीसीसीएल ने जिस मकसद से लोगों की जमीन अधिग्रहित की है, उसका वह पालन करें. यह भी सुनिश्चित करें कि बीसीसीएल और रैयत के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न न हो, जबकि विधायक राज सिन्हा ने कहा कि बीसीसीएल सर्वे करके एलटीएच और नन एलटीएच की संख्या की जानकारी दें. बैठक के दौरान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने 4-सी का फार्मूला बताया. उन्होंने 2004 के सर्वे को कट ऑफ मानने, लोगों का क्लस्टर मूवमेंट कराने, समय पर कंपनसेशन देने, कंट्री साइड में बनने वाली स्मार्ट सिटी में लोगों को रोजगार दिलाने, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि लोगों में यह विश्वास जगाना होगा कि जो उनसे बोला गया है, उन्हें मिलेगा. बैठक में सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी अपने सुझाव रखे.

समस्या का निदान जल्द
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधियों पर विश्वास है. इसलिए जेआरडीए की पॉलिसी मेकिंग मीटिंग में जनप्रतिनिधियों को शामिल कर उनकी राय मांगी जाएगी. जिला प्रशासन और बीसीसीएल का प्रयास है कि बीसीसीएल के पास जो जमीन उपलब्ध है, उस पर स्मार्ट सिटी का बेहतर तरीके से निर्माण कराया जाए. बीसीसीएल अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा कि स्मार्ट सिटी में सारी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. यह माननीय प्रधानमंत्री का विजन है. उन्होंने कहा कि भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवार कष्ट में हैं. उनके लिए एक ऐसी टाउनशिप का निर्माण होगा, जहां हर तरह की सुविधा होगी. इसके निर्माण के पश्चात वर्षों से चली आ रही समस्या का निदान होगा.

उपायुक्त की प्रशंसा

बैठक में जनप्रतिनिधि और बीसीसीएल के सीएमडी ने उपायुक्त की प्रशंसा की. लोगों ने कहा कि उपायुक्त के कारण पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी दिख रही है. भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए उपायुक्त गंभीर हैं.

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