धनबाद: भाई-बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन गुरुवार को है. भाई या बहन खुद जब नहीं पहुंच पाते हैं, राखी बांधने या बंधवाने तो ऐसी स्थिति में डाकघर की भूमिका काफी अहम हो जाती है. राखी भाइयों तक पहुंचे, इसके लिये डाकघर से पोस्ट कर भेजने का काम किया जाता है. भाई बहन के इस पवित्र पर्व को लेकर धनबाद डाक विभाग ने पहले से विशेष तैयारी कर रखी थी. राखी को समय पर पहुचाने को लेकर कर्मी से लेकर अधिकारी ओवरटाइम काम कर रहे हैं. इसके साथ ही भाइयों की कलाइयों पर राखियां समय से बंध जाए, इसके लिए गुरुवार को डाक विभाग ने अपने कर्मियों की छुट्टी स्थगित कर दी है.
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धनबाद में राखियों को भेजने वालों की भीड़ प्रधान डाकघर के साथ-साथ क्षेत्रीय डाकघरों में पहले से ही हो रही थी. अब राखियों को सही स्थान तक समय से पहुंचाने की जिम्मेदारी डाक कर्मियों के ऊपर है. डाक कर्मी लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी भाई की कलाई सुनी ना रह जाए. इसके लिए वह दिन रात मेहनत कर रहे हैं.
वरिष्ठ डाक अधीक्षक उत्तम कुमार सिंह ने बताया कि राखियों के लिए प्लास्टिक कोटेड एक विशेष प्रकार का लिफाफा डाक विभाग की ओर से जारी किया गया था. बारिश के कारण राखियां खराब ना हो इसके लिए यह व्यवस्था डाक विभाग की तरफ से दी गई थी. जिसकी कीमत दस रुपए रखी गई थी. उन्होंने बताया कि अभी तक बोकारो जिले में 912 और धनबाद जिले में 593 राखी का पोस्ट हो चुका है. शेष बची हुई राखियों को भाइयों तक पहुंचाने के लिए गुरुवार रक्षा बंधन के दिन की छुट्टी स्थगित कर दी गई है.
वरिष्ठ डाक अधीक्षक उत्तम कुमार सिंह ने कहा कि जब भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था तो उसे समय उनकी उंगली कट गई थी. तभी द्रौपदी ने अपने आंचल का कुछ हिस्सा फाड़ कर उनकी उंगली में बांधा था. उसके बाद से ही इस पर्व की शुरुआत हुई और तभी से ही रक्षाबंधन का यह पर्व बहुत ही पवित्रता के साथ मनाया जाता है. रक्षाबंधन को लेकर सभी कर्मी समय से अधिक काम कर रहे हैं. ऐसे में इस पवित्र पर्व का अहसास बहुत अधिक समझ आता है.