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धनबाद: दक्षिण भारतीय समाज ने धूमधाम से मनाया पोंगल, अन्नदान के साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन

धनबाद में दक्षिण भरतीय समाज क लोगों ने पोंगल पर्व मनाया. बता दें कि पिछले 35 सालों से केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहने वाले लोग कोयलांचल धनबाद के एक मात्र अयप्पा मंदिर पहुंचते हैं.

Pongal festival, पोंगल पर्व
अयप्पा मंदिर
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Published : Jan 15, 2020, 6:10 PM IST

धनबाद: दक्षिण भरतीय समाज मकर सक्रांति के पर्व को पोंगल के रूप में मनाते हैं. जगजीवन नगर स्थित अयप्पन टेंपल में पोंगल पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. अन्नदान के साथ ही कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

देखें पूरी खबर

भगवान अयप्पा की होती है पूजा
पोंगल के अवसर पर भगवान अयप्पा के मंदिर को फूलों से सजाया गया. भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना के साथ ही लोगों की भीड़ भी जुटने लगी. अन्नदानम का कार्यक्रम भी यहां रखा गया. जिसमें पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं. इस व्यंजन को लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. शाम को रथ यात्रा निकाली जाती है, नगर भ्रमण के बाद भगवान अयप्पा को मंदिर लाया जाता है. फिर आरती के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की जाती है.

ये भी पढ़ें- दुमका: निकाली गई भव्य कलश यात्रा, 251 कुंवारी कन्याओं और महिलाओं ने लिया हिस्सा

35 सालों मनाते आ रहे हैं पोंगल
बता दें कि पिछले 35 सालों से यहां केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहने वाले लोग कोयलांचल धनबाद के एक मात्र अयप्पा मंदिर पहुंचते हैं. पहले यहां करीब ढाई हजार दक्षिण भारतीय लोग रहते थे. लेकिन अब महज 20 परिवार ही यहां रहते हैं, ज्यादातर लोग बीसीसीएल में कार्यरत थे. रिटायरमेंट के बाद सभी अपने अपने घर चले गए.

धनबाद: दक्षिण भरतीय समाज मकर सक्रांति के पर्व को पोंगल के रूप में मनाते हैं. जगजीवन नगर स्थित अयप्पन टेंपल में पोंगल पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. अन्नदान के साथ ही कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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भगवान अयप्पा की होती है पूजा
पोंगल के अवसर पर भगवान अयप्पा के मंदिर को फूलों से सजाया गया. भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना के साथ ही लोगों की भीड़ भी जुटने लगी. अन्नदानम का कार्यक्रम भी यहां रखा गया. जिसमें पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं. इस व्यंजन को लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. शाम को रथ यात्रा निकाली जाती है, नगर भ्रमण के बाद भगवान अयप्पा को मंदिर लाया जाता है. फिर आरती के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की जाती है.

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35 सालों मनाते आ रहे हैं पोंगल
बता दें कि पिछले 35 सालों से यहां केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहने वाले लोग कोयलांचल धनबाद के एक मात्र अयप्पा मंदिर पहुंचते हैं. पहले यहां करीब ढाई हजार दक्षिण भारतीय लोग रहते थे. लेकिन अब महज 20 परिवार ही यहां रहते हैं, ज्यादातर लोग बीसीसीएल में कार्यरत थे. रिटायरमेंट के बाद सभी अपने अपने घर चले गए.

Intro:धनबाद।दक्षिण भरतीय समाज मकर सक्रांति के पर्व को पोंगल के रूप में मनाते हैं।जगजीवन नगर स्थित अयप्पन टेंपल में पोंगल का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।अन्नदान के साथ ही कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।


Body:पोंगल के अवसर पर भगवान अयप्पा के मंदिर को फूलों से सजाया गया।भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना के साथ ही लोगों की भींड भी जुटने लगी।अन्नदानम का कार्यक्रम भी यहां रखा गया।जिसमे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं।इस व्यंजन को लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।शाम को रथ यात्रा निकाली जाती है।जो नगर भ्रमण के बाद भगवान अयप्पा को मंदिर लाया जाता है।और फिर आरती के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की जाती है।

बता दें कि पिछले 35 सालों से यहां केरल,तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहनेवाले लोग कोयलांचल धनबाद के एक मात्र अयप्पा मन्दिर पहुँचते है।पूर्व यहां करीब ढाई हजार दक्षिण भारतीय लोग रहते थे।लेकिन अब महज 20 परिवार ही यहां रहते हैं।ज्यादातर लोग बीसीसीएल में कार्यरत थे।रिटायरमेंट के बाद सभी अपने अपने घर चले गए।


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